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हल्के बैंगन... तगड़ा मुनाफा, इस गांव के 600 किसान सैकड़ों एकड़ में करते हैं खेती, जानिए क्यों - GAYA BRINJAL FARMING

बैंगन साल भर उगाया और खाया जाता है. गया के एक गांव में 600 किसान बैंगन की खेती करते हैं. गया से रत्नेश की रिपोर्ट

brinjal cultivation in gaya
गया को खंजाहारपुर गांव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 10, 2024, 8:19 PM IST

गया : बिहार के गया का खंजाहारपुर गांव. यहां बैंगन की खेती बड़े पैमाने पर होती है. यहां एक-दो किसान नहीं, बल्कि 600 किसान बैंगन की खेती करते हैं. एक किसान औसतन 5 कट्ठा और कई तो 15 से 20 कट्ठे में बैंगन की खेती करते हैं. इस सब्जी की खेती ने किसानों की आर्थिक स्थिति को बदल कर रख दिया है. यहां बैगन की मंडी है, जहां से इस सब्जी की सप्लाई दूसरे राज्यों में जाती है. पड़ोसी देश नेपाल में भी इसकी सप्लाई होती है.

गया में बैंगन की खेती से बाग-बाग हो रहे किसान : बैंगन की खेती से खंजाहारपुर के किसान बाग-बाग हो रहे हैं. न ज्यादा मेहनत, न ज्यादा पूंजी, बस थोड़ी देखभाल और सीजन में लाखों की कमाई आराम से कर लेते हैं. गांव के किसानों के लिए बैंगन की खेती मुनाफे की खेती साबित हो रही है.

देखें गया से ग्राउंड रिपोर्ट. (ETV Bharat)

600 किसान, सैकड़ों एकड़ में करते हैं खेती : खंजाहांपुर के किसान बताते हैं, कि यहां 1000 से भी अधिक किसान है, जिसमें से 60 फीसदी किसान सैकड़ों एकड़ में सिर्फ बैगन की खेती करते हैं. यानी खंजाहापुर में करीब 600 किसान इस सब्जी की खेती कर अपना जीवन संवार रहे हैं और खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.

एक कट्ठा में 1500 से 2 हजार का खर्च : यहां के किसानो के लिए बैंगन की खेती कितनी फायदेमंद है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि एक किसान को एक कट्ठा बैंगन उपजाने में करीब 15 सौ से 2 हजार का खर्च आता है. एक कट्ठा में करीब 10 क्विंटल बैगन की उपज हो जाती है. किसान कई कट्ठा में इस सब्जी की खेती करते हैं. ऐसे में उन्हें लाखों की आमदनी आराम से हो जाती है.

बैंगन की खेती से सालाना लाखों की कमाई : साल भर बैंगन का पैदावार होना किसानों के लिए सोने पर सुहागा साबित होता है. यहां का उपजा बैगन कम से कम 20 रूपए किलो की दर से बिकता है. यदि शादी का सीजन रहा तो, 30 रूपए किलो तक यह बिकता है. औसतन 20 रूपए किलो की दर से बैंगन की बिक्री होती है.

brinjal cultivation in gaya
600 किसान सैकड़ों एकड़ में करते हैं खेती (ETV Bharat)

क्या कहते हैं किसान : खंजाहापुर गांव के किसान जगदीश मेहता बताते हैं, कि बैंगन की खेती कर लाखों रुपये साल में कमाई हो जाती हैं. 12 कट्ठा में बैगन की खेती कर रहे हैं. एक कट्ठा में 10 क्विंटल बैगन की उपज होती है. एक कट्ठा में खर्च ज्यादा से ज्यादा 2000 तक आता है. आमदनी काफी होती है. ऐसे में लाखों की कमाई सीजन में हो जाती है. बैगन की उपज का सीजन सालों भर का होता है. साल में कम से कम दो बार यह उपजता है.

''हमारे गांव के 60 फीसदी किसान यानी 600 से ऊपर किसान बैगन की खेती करते हैं. सैकड़ो एकड़ में बैगन की खेती होती है. सालाना करोड़ों का व्यवसाय हमारे गांव से बैगन की खेती का होता है. बाजार नहीं रहने पर भी इनकम ठीक-ठाक हो जाता है. बाजार अच्छा रहा, तो आमदनी भी अच्छी हो जाती है.'' - जगदीश मेहता, खंजाहापुर गांव, किसान

brinjal cultivation in gaya
गया में बैंगन की खेती (ETV Bharat)

राजगांव और जय किरण प्रजाति के बैंगन की उपज : राजगांव और जय किरण प्रजाति बैगन की उच्च कोटि की होती है. इन प्रजाति के बैंगन की उपज खनजहांपुर के किसान बड़े पैमाने पर करते हैं. बैंगन की खेती बाराहमसिया बताई जाती है. यह सालों भर होता है.

12 महीने करें इस सब्जी की खेती : किसान बताते हैं कि, 12 महीने बैंगन की खेती कर सकते हैं. कम से कम एक साल में दो बार इसकी उपज होती है, यानि एक किसान अगर 10 कट्ठे में इसकी खेती करें, तो उसकी आमदनी एक सीजन में ही लाखों की हो जाती है. इस सब्जी की खेती में ज्यादा मेहनत नहीं होती. सिर्फ थोड़ी सी जमीन बनाने में मेहनत लगती है और पूरे सीजन को मिलकर लाखों की कमाई हो जाती हैं.

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राजगांव और जय किरण प्रजाति के बैंगन की उपज (ETV Bharat)

झारखंड, बंगाल और नेपाल तक बैंगन की सप्लाई : किसान रामू प्रसाद बताते हैं कि, ''गया का खंजाहापुर गांव आज बैंगन की खेती के लिए प्रसिद्ध हो चुका हैं. यहां का बैंगन बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल तक जाता है. यहां से पड़ोसी देश नेपाल भी बैंगन की सप्लाई होती है. हम लोगों को अच्छा मुनाफा बैंगन की खेती से हो रहा है. बैगन की खेती में इनकम धीरे-धीरे बढ़ा है, कम नहीं हुआ.''

बैंगन की रोपाई कब और कैसे करें : कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि बैंगन कई प्रकार के होते हैं, कोई हल्का, कोई मोटा तो कोई लंबा होता है. बैंगन का औसत वजन 80 से 90 ग्राम के बीच होता है. एक पौधे में 25 से 30 फल लगते हैं. एक पौधे पर 2 से तीन रुपये का खर्च आता है और उससे 3 से 4 किलो बैंगन आते हैं. ऐसे में हल्के बैंगन से तगड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है.

''खरीफ सीजन में बैंगन की रोपाई फायदेमंद मानी जाती है. बैंगन की बोवाई के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छा माना जाता है. इसके बाद क्यारी तैयार करना. फिर खाद का छिड़काव करें. बैंगन के बीज लगने के एक महीने के अंदर पौधे तैयार होने लगते हैं. जुलाई महीने में रोपाई शुरू कर सकते हैं. समय-समय पर सिचाई करते रहना चाहिए. फल आकार लेने पर तोड़ लें." - मनोज कुमार, कृषि वैज्ञानिक

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गया : बिहार के गया का खंजाहारपुर गांव. यहां बैंगन की खेती बड़े पैमाने पर होती है. यहां एक-दो किसान नहीं, बल्कि 600 किसान बैंगन की खेती करते हैं. एक किसान औसतन 5 कट्ठा और कई तो 15 से 20 कट्ठे में बैंगन की खेती करते हैं. इस सब्जी की खेती ने किसानों की आर्थिक स्थिति को बदल कर रख दिया है. यहां बैगन की मंडी है, जहां से इस सब्जी की सप्लाई दूसरे राज्यों में जाती है. पड़ोसी देश नेपाल में भी इसकी सप्लाई होती है.

गया में बैंगन की खेती से बाग-बाग हो रहे किसान : बैंगन की खेती से खंजाहारपुर के किसान बाग-बाग हो रहे हैं. न ज्यादा मेहनत, न ज्यादा पूंजी, बस थोड़ी देखभाल और सीजन में लाखों की कमाई आराम से कर लेते हैं. गांव के किसानों के लिए बैंगन की खेती मुनाफे की खेती साबित हो रही है.

देखें गया से ग्राउंड रिपोर्ट. (ETV Bharat)

600 किसान, सैकड़ों एकड़ में करते हैं खेती : खंजाहांपुर के किसान बताते हैं, कि यहां 1000 से भी अधिक किसान है, जिसमें से 60 फीसदी किसान सैकड़ों एकड़ में सिर्फ बैगन की खेती करते हैं. यानी खंजाहापुर में करीब 600 किसान इस सब्जी की खेती कर अपना जीवन संवार रहे हैं और खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.

एक कट्ठा में 1500 से 2 हजार का खर्च : यहां के किसानो के लिए बैंगन की खेती कितनी फायदेमंद है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि एक किसान को एक कट्ठा बैंगन उपजाने में करीब 15 सौ से 2 हजार का खर्च आता है. एक कट्ठा में करीब 10 क्विंटल बैगन की उपज हो जाती है. किसान कई कट्ठा में इस सब्जी की खेती करते हैं. ऐसे में उन्हें लाखों की आमदनी आराम से हो जाती है.

बैंगन की खेती से सालाना लाखों की कमाई : साल भर बैंगन का पैदावार होना किसानों के लिए सोने पर सुहागा साबित होता है. यहां का उपजा बैगन कम से कम 20 रूपए किलो की दर से बिकता है. यदि शादी का सीजन रहा तो, 30 रूपए किलो तक यह बिकता है. औसतन 20 रूपए किलो की दर से बैंगन की बिक्री होती है.

brinjal cultivation in gaya
600 किसान सैकड़ों एकड़ में करते हैं खेती (ETV Bharat)

क्या कहते हैं किसान : खंजाहापुर गांव के किसान जगदीश मेहता बताते हैं, कि बैंगन की खेती कर लाखों रुपये साल में कमाई हो जाती हैं. 12 कट्ठा में बैगन की खेती कर रहे हैं. एक कट्ठा में 10 क्विंटल बैगन की उपज होती है. एक कट्ठा में खर्च ज्यादा से ज्यादा 2000 तक आता है. आमदनी काफी होती है. ऐसे में लाखों की कमाई सीजन में हो जाती है. बैगन की उपज का सीजन सालों भर का होता है. साल में कम से कम दो बार यह उपजता है.

''हमारे गांव के 60 फीसदी किसान यानी 600 से ऊपर किसान बैगन की खेती करते हैं. सैकड़ो एकड़ में बैगन की खेती होती है. सालाना करोड़ों का व्यवसाय हमारे गांव से बैगन की खेती का होता है. बाजार नहीं रहने पर भी इनकम ठीक-ठाक हो जाता है. बाजार अच्छा रहा, तो आमदनी भी अच्छी हो जाती है.'' - जगदीश मेहता, खंजाहापुर गांव, किसान

brinjal cultivation in gaya
गया में बैंगन की खेती (ETV Bharat)

राजगांव और जय किरण प्रजाति के बैंगन की उपज : राजगांव और जय किरण प्रजाति बैगन की उच्च कोटि की होती है. इन प्रजाति के बैंगन की उपज खनजहांपुर के किसान बड़े पैमाने पर करते हैं. बैंगन की खेती बाराहमसिया बताई जाती है. यह सालों भर होता है.

12 महीने करें इस सब्जी की खेती : किसान बताते हैं कि, 12 महीने बैंगन की खेती कर सकते हैं. कम से कम एक साल में दो बार इसकी उपज होती है, यानि एक किसान अगर 10 कट्ठे में इसकी खेती करें, तो उसकी आमदनी एक सीजन में ही लाखों की हो जाती है. इस सब्जी की खेती में ज्यादा मेहनत नहीं होती. सिर्फ थोड़ी सी जमीन बनाने में मेहनत लगती है और पूरे सीजन को मिलकर लाखों की कमाई हो जाती हैं.

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राजगांव और जय किरण प्रजाति के बैंगन की उपज (ETV Bharat)

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बैंगन की रोपाई कब और कैसे करें : कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि बैंगन कई प्रकार के होते हैं, कोई हल्का, कोई मोटा तो कोई लंबा होता है. बैंगन का औसत वजन 80 से 90 ग्राम के बीच होता है. एक पौधे में 25 से 30 फल लगते हैं. एक पौधे पर 2 से तीन रुपये का खर्च आता है और उससे 3 से 4 किलो बैंगन आते हैं. ऐसे में हल्के बैंगन से तगड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है.

''खरीफ सीजन में बैंगन की रोपाई फायदेमंद मानी जाती है. बैंगन की बोवाई के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छा माना जाता है. इसके बाद क्यारी तैयार करना. फिर खाद का छिड़काव करें. बैंगन के बीज लगने के एक महीने के अंदर पौधे तैयार होने लगते हैं. जुलाई महीने में रोपाई शुरू कर सकते हैं. समय-समय पर सिचाई करते रहना चाहिए. फल आकार लेने पर तोड़ लें." - मनोज कुमार, कृषि वैज्ञानिक

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