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Rajasthan: दिवाली पर पटाखों से 6 बच्चों की आंखों की रोशनी पर संकट, एक युवती की दोनों आंखें खराब - EYE BURNT DUE TO FIRE CRACKERS

दिवाली पर जयपुर में आतिशबाजी बच्चों पर भारी रही. इसके कारण छह बच्चों की आंखे झुलस गई, जबकि एक युवती की आंखें ही चली गई.

Eye Burnt Due To Fire Crackers
जयपुर में आतिशबाजी (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 2, 2024, 7:18 PM IST

जयपुर: दीपावली पर्व पर आतिशबाजी के कारण छह बच्चों की रोशनी पर संकट खड़ा हो गया है, जबकि एक युवती की दोनों आंखें खराब हो गई. आतिशबाजी के दौरान आंखों में बारूद और चिंगारी घुसने के कारण ऐसा हुआ. सभी बच्चों को एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. यहां इनका इलाज जारी है.

एसएमएस अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर पंकज शर्मा ने बताया कि इन बच्चों की आंखों का ऑपरेशन किया गया है, लेकिन इनकी रोशनी वापस आने की संभावना मात्र 10 फीसदी है. इसके अलावा एक युवती की दोनों आंखें चली गई.

पढ़ें: कोटा संभाग में पटाखों पर फूंके डेढ़ सौ करोड़ रुपए, आतिशबाजी में सौ से ज्यादा लोग झुलसे

इमरजेंसी में आए 80 से अधिक घायल: एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी के अनुसार दीपावली के दिन से लेकर अगले दो दिन तक अस्पताल की इमरजेंसी में 80 से अधिक घायल लोग लाए गए, जिनमें से 9-10 की स्थिति गंभीर पाई गई. डॉ. पंकज शर्मा ने बताया कि 8 मरीज ऐसे थे, जिनकी आंखें पटाखों से बुरी तरह प्रभावित हुई और उन्हें तुरंत सर्जरी की आवश्यकता पड़ी.

विजन लौटने की संभावना बेहद कम: इन हादसों में बच्चों की आंखें सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं, जिनमें से एक बच्ची की दोनों आंखों में गहरी चोट लगी. धौलपुर के बाड़ी एरिया की भावना नामक 19 वर्षीय युवती भी दीपावली की रात पटाखों से गंभीर रूप से घायल हो गई, जिससे उसकी दोनों आंखों की रोशनी लगभग जा चुकी है. वहीं, झुंझुनू, अलवर, नागौर, निवाई और जयपुर के चारदीवारी एरिया से भी कई बच्चों की आंखों में पटाखों से गंभीर चोटें आई हैं.

जयपुर: दीपावली पर्व पर आतिशबाजी के कारण छह बच्चों की रोशनी पर संकट खड़ा हो गया है, जबकि एक युवती की दोनों आंखें खराब हो गई. आतिशबाजी के दौरान आंखों में बारूद और चिंगारी घुसने के कारण ऐसा हुआ. सभी बच्चों को एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. यहां इनका इलाज जारी है.

एसएमएस अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर पंकज शर्मा ने बताया कि इन बच्चों की आंखों का ऑपरेशन किया गया है, लेकिन इनकी रोशनी वापस आने की संभावना मात्र 10 फीसदी है. इसके अलावा एक युवती की दोनों आंखें चली गई.

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इमरजेंसी में आए 80 से अधिक घायल: एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी के अनुसार दीपावली के दिन से लेकर अगले दो दिन तक अस्पताल की इमरजेंसी में 80 से अधिक घायल लोग लाए गए, जिनमें से 9-10 की स्थिति गंभीर पाई गई. डॉ. पंकज शर्मा ने बताया कि 8 मरीज ऐसे थे, जिनकी आंखें पटाखों से बुरी तरह प्रभावित हुई और उन्हें तुरंत सर्जरी की आवश्यकता पड़ी.

विजन लौटने की संभावना बेहद कम: इन हादसों में बच्चों की आंखें सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं, जिनमें से एक बच्ची की दोनों आंखों में गहरी चोट लगी. धौलपुर के बाड़ी एरिया की भावना नामक 19 वर्षीय युवती भी दीपावली की रात पटाखों से गंभीर रूप से घायल हो गई, जिससे उसकी दोनों आंखों की रोशनी लगभग जा चुकी है. वहीं, झुंझुनू, अलवर, नागौर, निवाई और जयपुर के चारदीवारी एरिया से भी कई बच्चों की आंखों में पटाखों से गंभीर चोटें आई हैं.

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