शिमला: आज इमरजेंसी की 50वीं बरसी है. आज ही के दिन 25 जून 1975 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी की संसद सदस्यता के चुनाव को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था. इस पर इंदिरा गांधी ने आनन फानन में 25 जून की रात को देश में आपातकाल लगा दिया था. यह आपातकाल 21 मार्च 1977 तक 19 महीने तक लागू रहा.
आपातकाल की 50वीं बरसी पर भाजपा ने प्रदेश भर में कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में मीडिया से बातचीत में कहा कि आज विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में 50 वर्ष पहले घटी एक घटना को याद किया जा रहा है. देश की युवा पीढ़ी जान सके कि भारत के लोकतंत्र में इस तरह की घटना घटी थी. इस आपातकाल में करीब डेढ़ लाख लोगों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया था. आधी रात में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को आपातकाल लगाने के लिए मजबूर किया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का चुनाव कोर्ट ने रद्द कर दिया था, लेकिन उन्होंने देश में आपातकाल लगा दिया था. जनता ने इसका जवाब कांग्रेस को दिया भी और 1977 के चुनाव में देश की सत्ता से कांग्रेस को बाहर कर दिया. कांग्रेस ने 90 बार धारा 356 का प्रयोग किया.
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इतना सब होने के बाद भी हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लोग लोकतंत्र की दुहाई देते रहते हैं. कांग्रेस के लोग संविधान के खतरे में होने की बात कहते रहे, लेकिन इसके बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार लगातार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले दूसरे व्यक्ति बने. संसद में सदस्यों की शपथ ग्रहण में कांग्रेस के लोग संविधान की प्रतियां दिखाते दिखे.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा में से 61 सीटों पर कांग्रेस की हार हुई. प्रदेश में सरकार केवल कुर्सी बचाने में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री राजनिति में परिवार से किसी के आने से इनकार करते रहे. अगले दिन मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी को टिकट दे दिया गया, जबकि कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री की सहमति के बिना टिकट नहीं मिलता. वहीं, प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है, बिलासपुर में न्यायालय के बाहर गुंडों ने दिनदहाड़े गोलियां चला दी.
वहीं, कांग्रेस की ओर से भाजपा के 9 विधायकों की सदस्यता जाने वाले बयान पर जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधनसभा में नियमों की पूरी तरह से धज्जियां उड़ा दी गई. पेपर उछालने के लिए कभी किसी की सदन से सदस्यता समाप्त नहीं की गई. विधानसभा अध्यक्ष सीएम सुक्खू के हाथों की कठपुतली बनकर रह गए हैं. कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व निर्दलीय विधायकों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के दिए गए बयान पर जयराम ठाकुर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह की भाषा विधानसभा अध्यक्ष को शोभा नहीं देती.
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