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ATM में पट्टी लगाकर यूं उड़ा लेते थे लोगों की गाढ़ी कमाई, खुलासा हुआ तो पुलिस भी रह गई हैरान - LUCKNOW NEWS

अमीरों की कॉलोनी में स्थित एटीएम को बनाते थे निशाना, 5 आरोपी गिरफ्तार

एटीएम में पट्टी लगा लोगों के पैसे उड़ाने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार.
एटीएम में पट्टी लगा लोगों के पैसे उड़ाने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 6 hours ago

लखनऊ : राजधानी की पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जिसने बैंक की लापरवाही का फायदा उठाकर अपने अपराध के धंधे का तरीका बदला और फिर बेरोजगार युवकों को पैसों का झांसा देकर लोगों को ठगने का नया तरीका ईजाद कर लिया. विभूतिखंड पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो रिहायशी इलाकों में लगे एटीएम में पट्टी लगाकर लोगों के पैसे हजम कर रहे थे. लोगों के पैसे पल भर में उड़ाने की यह तकनीक देख पुलिस भी हैरान रह गई.

एटीएम में पट्टी लगा लोगों के पैसे उड़ाने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार. (Video Credit; ETV Bharat)

अमीर लोगों की कॉलोनी में लगे ATM को बनाते थे निशाना : डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि, उनकी टीम ने प्रतापगढ़ के रहने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके नाम जितेंद्र बहादुर, राजेश सिंह, अजय कुमार यादव, मोहम्मद शैफ और हिमांशु सिंह हैं. डीसीपी के मुताबिक, ये पांचों आरोपी अपनी गाड़ी से उन रिहायशी इलाकों में लगे एटीएम बूथ की रेकी करते थे, जहां अधिक मात्रा में लोग पैसे निकालते हैं. आरोपी उन एटीएम में प्लास्टिक की एक पट्टी फिट करते और फिर जब कोई पैसा निकालता तो उसी पट्टी में रुपये फंस जाते थे. काफी देर तक परेशान रहने के बाद जब कस्टमर वहां से चला जाता तब आरोपी जाकर पैसे निकाल लेते थे. डीसीपी ने बताया कि, इन आरोपियों का आपराधिक इतिहास काफी लम्बा है. इसमें जितेंद्र के खिलाफ 16, राजेश के खिलाफ 22 और मोहम्मद सैफ के खिलाफ 3 मुकदमे दर्ज हैं.

बदल लिया अपराध करने का तरीका: विभूतिखंड इंस्पेक्टर ने बताया कि, आरोपी जितेंद्र और राजेश ने अपने अपराध करने के तरीकों में बदलाव किया है. पूछताछ में आरोपी जितेंद्र और राजेश ने बताया कि, पहले वे लोग एटीएम की क्लोनिंग कर लोगों को चपत लगाते थे, लेकिन इसमें काफी रिस्क था. एटीएम क्लोनिंग होने पर जब लोगों के पैसे निकल जाते थे तब वे FIR दर्ज करवा देते थे. इसको लेकर उन्होंने अपने अपराध के तरीके को बदलने का फैसला किया.

बेरोजगार युवकों की करते थे भर्ती : पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि, जब एटीएम से पैसा नहीं निकलता है तो पैसे निकालने वाला व्यक्ति बैंक के चक्कर लगाता है. बैंक लापरवाही दिखाते हुए पीड़ित के पैसे न निकलने के कारणों का पता लगाने में काफी समय लगाते और पीड़ित भी FIR नहीं दर्ज करवाता है. इसी को देख उन्होंने एटीएम मशीन में पट्टी लगाकर पैसे हजम करने का तरीका अपनाया. यही वजह है कि उन्होंने जितने बार पैसे निकाले, पीड़ित बैंक के चक्कर ही लगाता रहा. FIR भी नहीं दर्ज हुई. जिससे वो बचे रहते थे.

इंस्पेक्टर ने बताया कि, वैसे तो जितेंद्र, राजेश और सैफ का गैंग काफी बड़ा है, लेकिन मुख्य ये तीन लोग ही हैं. पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वो प्रतापगढ़, प्रयागराज और कौशाम्बी से बेरोजगार युवकों की तलाश करते थे. इसके बाद उन्हें अधिक पैसा कमाने का लालच देकर अपने साथ जोड़ते थे. इतना ही नहीं, रेकी करने के बाद तीनों इन्ही बेरोजगार युवकों को एटीएम मशीन में पट्टी लगाने के लिए भेजते थे. फिलहाल आरोपियों को जेल भेज दिया है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ के पास रहमान खेड़ा जंगल में बाघ की लुकाछिपी, वन विभाग की अपील-अंधेरे में बाहर न निकलें लोग, ये गांव येलो जोन में - LUCKNOW NEWS

लखनऊ : राजधानी की पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जिसने बैंक की लापरवाही का फायदा उठाकर अपने अपराध के धंधे का तरीका बदला और फिर बेरोजगार युवकों को पैसों का झांसा देकर लोगों को ठगने का नया तरीका ईजाद कर लिया. विभूतिखंड पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो रिहायशी इलाकों में लगे एटीएम में पट्टी लगाकर लोगों के पैसे हजम कर रहे थे. लोगों के पैसे पल भर में उड़ाने की यह तकनीक देख पुलिस भी हैरान रह गई.

एटीएम में पट्टी लगा लोगों के पैसे उड़ाने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार. (Video Credit; ETV Bharat)

अमीर लोगों की कॉलोनी में लगे ATM को बनाते थे निशाना : डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि, उनकी टीम ने प्रतापगढ़ के रहने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके नाम जितेंद्र बहादुर, राजेश सिंह, अजय कुमार यादव, मोहम्मद शैफ और हिमांशु सिंह हैं. डीसीपी के मुताबिक, ये पांचों आरोपी अपनी गाड़ी से उन रिहायशी इलाकों में लगे एटीएम बूथ की रेकी करते थे, जहां अधिक मात्रा में लोग पैसे निकालते हैं. आरोपी उन एटीएम में प्लास्टिक की एक पट्टी फिट करते और फिर जब कोई पैसा निकालता तो उसी पट्टी में रुपये फंस जाते थे. काफी देर तक परेशान रहने के बाद जब कस्टमर वहां से चला जाता तब आरोपी जाकर पैसे निकाल लेते थे. डीसीपी ने बताया कि, इन आरोपियों का आपराधिक इतिहास काफी लम्बा है. इसमें जितेंद्र के खिलाफ 16, राजेश के खिलाफ 22 और मोहम्मद सैफ के खिलाफ 3 मुकदमे दर्ज हैं.

बदल लिया अपराध करने का तरीका: विभूतिखंड इंस्पेक्टर ने बताया कि, आरोपी जितेंद्र और राजेश ने अपने अपराध करने के तरीकों में बदलाव किया है. पूछताछ में आरोपी जितेंद्र और राजेश ने बताया कि, पहले वे लोग एटीएम की क्लोनिंग कर लोगों को चपत लगाते थे, लेकिन इसमें काफी रिस्क था. एटीएम क्लोनिंग होने पर जब लोगों के पैसे निकल जाते थे तब वे FIR दर्ज करवा देते थे. इसको लेकर उन्होंने अपने अपराध के तरीके को बदलने का फैसला किया.

बेरोजगार युवकों की करते थे भर्ती : पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि, जब एटीएम से पैसा नहीं निकलता है तो पैसे निकालने वाला व्यक्ति बैंक के चक्कर लगाता है. बैंक लापरवाही दिखाते हुए पीड़ित के पैसे न निकलने के कारणों का पता लगाने में काफी समय लगाते और पीड़ित भी FIR नहीं दर्ज करवाता है. इसी को देख उन्होंने एटीएम मशीन में पट्टी लगाकर पैसे हजम करने का तरीका अपनाया. यही वजह है कि उन्होंने जितने बार पैसे निकाले, पीड़ित बैंक के चक्कर ही लगाता रहा. FIR भी नहीं दर्ज हुई. जिससे वो बचे रहते थे.

इंस्पेक्टर ने बताया कि, वैसे तो जितेंद्र, राजेश और सैफ का गैंग काफी बड़ा है, लेकिन मुख्य ये तीन लोग ही हैं. पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वो प्रतापगढ़, प्रयागराज और कौशाम्बी से बेरोजगार युवकों की तलाश करते थे. इसके बाद उन्हें अधिक पैसा कमाने का लालच देकर अपने साथ जोड़ते थे. इतना ही नहीं, रेकी करने के बाद तीनों इन्ही बेरोजगार युवकों को एटीएम मशीन में पट्टी लगाने के लिए भेजते थे. फिलहाल आरोपियों को जेल भेज दिया है.

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