मथुराः आपने 'स्पेशल 26' फिल्म तो देखी होगी. ठीक इस फिल्म की तरह मथुरा में कुछ शातिरों ने फर्जी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने कारोबारी के यहां छापेमारी की. लेकिन टीम का यहां दांव उल्टा पड़ गया. व्यापारी को शक हो गया और उसने शोर मचा दिया. व्यापारी अपनी सतर्कता से बड़े फ्रॉड होने से बच गया, वहीं फर्जी टीम के कई सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं.
दरअसल, गोविंद नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली राधा ऑर्किड कॉलोनी में स्थित सर्राफा कारोबारी के घर 29 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के फर्जी अफसर बनकर छापेमारी की. लेकिन सर्राफा कारोबारी अश्विनी अग्रवाल ने शक होने पर शोर मचाना शुरू कर दिया. जिससे सभी आरोपी मौके से फरार हो गए थे. वहीं, पूरी घटना घर में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. जिसमें फर्जी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी कारोबारी के साथ मारपीट करते हुए भी नजर आ रहे हैं. घटना के बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी. पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया है. इस पूरी घटना में सर्राफा व्यापारी के यहां काम करने वाला नौकर ही मास्टरमाइंड निकला.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि गोविंद नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत राधा ऑर्किड कॉलोनी में एक व्यापारी के यहां फर्जी ईडी टीम बनाकर कुछ अपराधी आए थे और वहां एक बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे. लेकिन मकान मालिक की सतर्कता से यह घटना होने से बच गई. उन्होंने शोर मचाया तो सभी आरोपी वहां से भाग निकले.
मकान मालिक की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की पांच टीमें लगी हुई थी. इस घटना में शामिल फरीदाबाद का रहने वाला नाम जगदीप सिंह वारदात के कुछ दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था. जगदीप सिंह पहले भी जेल जा चुका है. वहीं, सोमवार को इस घटना में शामिल देवेश, मथुरा रहने वाले नरेश और गोविंद और जितेश खंडेलवाल सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. देवेश व्यापारी के यहां पहले काम करता था.
एसएसपी ने बताया कि इन लोगों ने मिलकर षड्यंत्र रचा था. इनकी योजना थी कि व्यापारी के घर पर छापा पड़वाएंगे और कमीशन लेंगे. इन लोगों द्वारा बाहर की टीम से संपर्क किया. इस टीम में सोनीपत की एक महिला भी थी, जो पहले भी जेल जा चुकी है. अन्य आरोपियों के नाम भी इस मामले में प्रकाश में आए हैं, जिनको पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है.