मेरठ : जिले के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मंगलवार को 36वें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. इस मौके पर प्रदेश की गवर्नर और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने मेधावियों को उपाधि और मेडल देकर सम्मानित किया. दीक्षांत समारोह में वह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं. उन्होंने कहा कि अन्न दान परम दान है, विद्या दान उससे भी बड़ा है, किसी भी देश की आधारशीला होती है शिक्षा.
कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि वह कहना चाहती हैं कि दीक्षांत समारोह होते रहते हैं, बेटियों के पदक पाने में संख्या बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि आज 82% गर्ल्स ने पदक पाए हैं. उन्होंने कहा कि क्यों न इसे गर्ल्स विश्वविद्यालय ही बना दिया जाए, हालांकि उन्होंने मजाकिया लहजे में ये बात कही थी. कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि वह कहना चाहती हैं कि सभी माता-पिता को अपने बच्चों को पढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह यूनिवर्सिटी को कहेंगी कि स्टूडेंट्स जो फॉर्म भरते हैं, उसमें शामिल करें कि माता-पिता कितना पढ़े हैं.
उन्होंने कहा कि कितनी ही बेटियां 9वीं और दसवीं तक ही पढ़ती होंगी. उन्होंने कहा कि 2024 तक 26 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही कॉलेज तक पहुंचे हैं. ऐसे में हमें हर साल देखना पड़ेगा कि कितने बच्चे पढ़े हैं, कितने ड्राॅप आउट हुए. इस पर 2030 तक फॉलो करना होगा, नहीं तो बच्चों के पढ़ने का प्रतिशत घट जाएगा. उन्होंने कहा कि कोई घर ऐसा नहीं होगा जिसमें टीवी न हो, झोपड़पट्टी में भी टीवी होगा. किसी ने झूठा प्रचार किया हमने सुन लिया क्या आपने सोचा हम क्या देखते हैं? वह बोलीं कि 'मैं स्वयं हर दिन एक घंटा एपिक चैनल देखती हूं.' विश्व भर के लोग पूर्व में भारत आते थे, इसे रिसर्च का देश कहा जाता था. यहां बाहर से भी लोग पढ़ने आते थे.
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कम से कम हम गौरव करें कि हमारे देश में बाहर से लोग पढ़ने आते थे. इसके लिए पीएम मोदी ने नालंदा के स्वरूप को बदल दिया है. आज हजारों छात्र नालंदा में पढ़ रहे हैं और विदेशी भी पढ़ रहे हैं. अन्न दान परम दान है, विद्या दान उससे भी बड़ा है, किसी भी देश की आधारशीला होती है शिक्षा. मुझे विश्वास है कि शिक्षक अच्छे से पढ़ाते रहेंगे. इस मौके पर उन्होंने मेरठ के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मेरठ का उच्च स्थान है. प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय युद्ध में भी लोग यहां से गए थे. यहां स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय है. वह खुद भी वहां जा चुकी हैं, उसका भी सौंदर्यीकरण किया गया है.
मेरठ में हुए विकास पर उन्होंने बताया कि रेपिड रेल से लेकर और वंदे भारत ट्रेन मिली है. हर क्षेत्र में कार्य हुआ है. उन्होंने कहा कि युवा सरकारी नौकरी के चक्कर में मत पड़ें. 47 लाख लोगों ने यूपी पुलिस कांस्टेबल के लिए अप्लाई किया, मिलनी 60 हजार को है. ये नौकरी सिर्फ 90% वाले ले जाएंगे, 60 प्रतिशत वाले भी ले जाएंगे. आप सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करिए, लेकिन कौशल विकास से भी जुड़ें. कई लोग दावा करते हैं कि सरकारी नौकरी देंगे, लेकिन क्योंकि सरकारी नौकरियां सीमित हैं उनको लेकर नियम बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने काफी काम शुरू किया है. दो साल मेहनत करके यूनिवर्सिटी ने रैंकिंग को बेहतर किया. A++आने की वजह से विश्वविद्यालय को सरकार की तरफ से सौ करोड़ रुपया प्राप्त हुआ है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में सैकड़ों करोड़ रुपया स्टेट में विश्वविद्यालयों को मिला.
दीक्षांत समारोह में मेडल पाकर खिल उठे चेहरे : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मंगलवार को 36वां दीक्षांत समारोह मनाया गया, जिसमें विभिन्न संकायों के छात्र-छात्राओं को कुल 220 पदक देकर कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने सम्मानित किया. इस मौके पर कई छात्रों ने चार तो किसी ने तीन मेडल अपने नाम किए. खास बात यह है कि होनहार छात्रों में किसी के पिता मजदूरी करते हैं, किसी के पिता व्यापार तो किसी के पिता किसान हैं. इस मौके पर जिन्हें पदक मिले उनमें कई ऐसे भी स्टूडेंट्स थे, जिन्होंने एक ही नहीं बल्कि एक से अधिक मेडल भी प्राप्त किये. इस मौके पर कई प्रतिभाशाली मेधावी छात्र-छात्राओं ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
सृष्टि कनौजिया को मिले 4 गोल्ड मेडल : एमए हिस्ट्री में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में टॉप करने वाली छात्रा सृष्टि कनौजिया को उनके प्रदर्शन के लिए अलग अलग श्रेणी में 4 गोल्ड मेडल देकर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सम्मानित किया. सृष्टि ने बताया कि वह भविष्य में इतिहास रचना चाहती हैं और अपने माता-पिता का नाम आगे भी मेहनत करके रोशन करना चाहती हैं. सृष्टि की मां एकता कनौजिया का कहना है कि उनकी बेटी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देती है घर में पढ़ाई का माहौल है, वह अपनी बेटी की कामयाबी से खुश हैं.
दिव्या चौधरी ने पाया गोल्ड मेडल : हापुड़ की रहने वाली दिव्या चौधरी ने बताया कि एमए संस्कृत में गोल्ड मेडल पाकर वह प्रसन्न हैं. उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि संस्कृत का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होता रहे और ज्यादा से ज्यादा लोग इसे पढ़ें. उन्होंने कहा कि राज्यपाल मैडम से गोल्ड मेडल पाकर वह अभिभूत हैं. दिव्या की मां कहती हैं कि वह अपनी बेटी की परफॉर्मेंस से बेहद ही खुश हैं. दिव्या चौधरी के पिता सुधीर राणा ने बताया कि वह पेशे से वकील हैं. उन्होंने कहा कि हापुड़ जनपद में उनका परिवार एक ऐसा परिवार है, जिसमें सभी संस्कृत में ही वार्तालाप भी करते हैं.
फाजिया करना चाहती हैं पीएचडी : विश्वविद्यालय कैंपस के सर छोटू राम इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एमटेक कंप्यूटर साइंस में विश्वविद्यालय की टॉपर फाजिया फातिमा को राज्यपाल ने गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया. इस मौके पर ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने उनके पढ़ाई में बहुत साथ दिया है, भविष्य में वह आगे भी यही से अब पीएचडी करना चाहती हैं.
मजदूरी करते हैं पिता, हिमांशु बनना चाहते हैं वैज्ञानिक : इंजीनियरिंग में मास्टर्स एंड टेक्नोलाॅजी में विश्वविद्यालय में टॉप करने वाले हिमांशु को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेडल देकर सम्मानित किया. अपने बेटे को सम्मानित होने के पलों को देखकर हिमांशु की मां की तो आंखें ही भर आईं. हिमांशु ने बताया कि उनका सपना एक वैज्ञानिक बनने का है और वह उसके लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिता मजदूरी करते हैं. वह मूलरूप से अयोध्या के रहने वाले हैं. हिमांशु की मां दुर्गा तो अपने बेटे के बारे में बताते होते ही भावुक होकर रोने लगीं. उन्होंने कहा कि वह तो पांचवीं पास हैं, लेकिन उनके बेटे ने बहुत मेहनत की है यही उनका कमाई है.
उन्नति ने पाए हैं तीन गोल्ड मेडल : एमएससी फिजिक्स में चौधरी विश्वविद्यालय में टॉप करने वाली उन्नति शर्मा को कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने तीन गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया. वह कहती हैं कि आगे भविष्य में वह अब नेट की तैयारी करना चाहती हैं. भविष्य में प्रोफेसर बनना उनका सपना है. उन्नति के पिता अनूप कुमार शर्मा का कहना है कि वह अपनी बेटी की कामयाबी से प्रसन्न हैं और वह जो करना चाहती है, वह उसके हर कदम पर साथ हैं.
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