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Rajasthan: कोटा में 32 फीसदी नमूने फेल, कचोरी के तेल और घी में सबसे ज्यादा मिलावट, सामने आई ये चौंकाने वाली सच्चाई

बीते 5 सालों में सर्वाधिक इस साल नमूने फेल होने का मामला सामने आया. सबसे ज्यादा नमूने तेल और घी के फेल हुए हैं.

KOTA ADULTERATION CASE
कोटा में मिलावट का खेल (ETV BHARAT KOTA)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

कोटा : खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से कोटा में इस साल अब तक के लिए गए 32 फीसदी नमूने फेल हो चुके हैं. बीते 5 सालों में सर्वाधिक इस साल नमूने फेल होने का मामला सामने आया है. सबसे ज्यादा नमूने तेल और घी के फेल हुए हैं, जिनमें तेल के भी कचोरी बनाने में उपयोग लिए जाने वाले तेल का था. जिसे बार-बार गर्म करके उसमें कचोरियों को तला जा रहा था. कोटा के फूड सेफ्टी ऑफिसर नितेश गौतम ने बताया कि तेल 27, घी 35, दूध 9, दूध प्रोडक्ट (दही, पनीर व मावा) के 35 नमूने फेल हुए हैं. इसके अलावा मिर्च, हल्दी, चटनी, बेसन, नमकीन, बिस्किट, बादाम, मौसमी जूस और आइसक्रीम के नमूने भी फेल हुए हैं, जबकि मंदिरों के बाहर बिक रहे प्रसादों के नमूने भी फेल हुए हैं.

पिछले साल से दोगुने आए मामले : 2023 में जहां 1120 नमूने लिए गए थे, लेकिन केवल 15 फीसदी में ही मिलावट सामने आई थी यानी कि 173 नमूने फेल हुए थे. इनमें से तीन नमूने अनसेफ मिले थे, लेकिन 2024 में 15 अक्टूबर तक लिए गए 444 नमूने में से 142 फेल हो गए. जबकि 16 नमूने अनसेफ कैटेगरी में मिले हैं, यानी की पूरी तरह से असुरक्षित थे. इन मामलों में न्यायालय में ही चालान पेश किया जाता है. प्रतिशत में देखा जाए तो इस साल 32 फीसदी मिलावट मिली है, जो बीते साल से दोगुनी से भी अधिक है.

इस साल सर्वाधिक नमूने हुए फेल (ETV BHARAT KOTA)

इसे भी पढ़ें - दिवाली पर खाद्य सुरक्षा अभियान में मावे और दूध पर फूड सेफ्टी टीम की सख्ती, 8 घंटे में लिए 24 नमूने लिए

इसलिए बढ़ा दिए कचोरी के दाम : कोटा में स्टेशन से लेकर नयापुरा तक की कचोरी की दुकानों पर प्रति कचोरी दाम बढ़ा दिए गए हैं. इसमें करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जिसे आमजन बड़ी बढ़ोतरी मान रहे हैं. पहले जहां 10 रुपए की कचोरी आमतौर पर मिला करती थी, वो अब 15 रुपए की बिक रही है. हालांकि, शहर के अन्य इलाकों में भी दाम बढ़ाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. फूड सेफ्टी ऑफिसर संदीप अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने कचोरी के दुकान संचालकों के साथ कई बार बैठक की है, क्योंकि ये बार-बार कचोरी तलने के लिए एक ही तेल का उपयोग कर रहे थे.

KOTA ADULTERATION CASE
छह साल का रिपोर्ट कार्ड (ETV BHARAT GFX)

नए घी के नाम पर घटिया माल : खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल ने बताया कि तेल और घी में ही ज्यादा मिलावट सामने आई है. कोटा में लगातार नया घी बिकने के लिए आता था. इसमें मिलावट सामने आई है. बार-बार नए नाम से घी को बाजार में उतारा जा रहा था. ऐसे में जब उनके नमूने लिए गए तो अधिकांश नमूने फेल हो गए. इसके बाद नया घी का बाजार में आना लगभग कम हो गया है. हमने अभी भी इस पर नजर बनाए रखी है.

इसे भी पढ़ें - 'शुद्ध आहार, मिलावट पर वार' अभियान में कई दुकानों से लिए नमूने

फिकवाए फफूंद लगे लड्डू : कोटा के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत कार्रवाई जारी है. इसमें फूड सेफ्टी की टीम के चंद्रवीर सिंह जादौन, संदीप अग्रवाल और नितेश गौतम ने कुन्हाड़ी में बालिता रोड से जय भवानी नमकीन एंड स्वीट्स से रसगुल्ला व सोनपपड़ी के नमूने लेकर एक क्विंटल रसगुल्ले नष्ट करवाए व 90 किलो सोनपपड़ी सीज की है. इसी तरह से मैसर्स लड्डू लाल फर्म पर लगभग 45 किलो बूंदी के फंफूद लगे लड्डू मिले थे, जिन्हें नष्ट करवाया गया. दशहरे मेले में कार्रवाई करते हुए 55 लीटर यूज्ड तेल और 5 किलो चासनी को फिकवाया गया था.

कोटा : खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से कोटा में इस साल अब तक के लिए गए 32 फीसदी नमूने फेल हो चुके हैं. बीते 5 सालों में सर्वाधिक इस साल नमूने फेल होने का मामला सामने आया है. सबसे ज्यादा नमूने तेल और घी के फेल हुए हैं, जिनमें तेल के भी कचोरी बनाने में उपयोग लिए जाने वाले तेल का था. जिसे बार-बार गर्म करके उसमें कचोरियों को तला जा रहा था. कोटा के फूड सेफ्टी ऑफिसर नितेश गौतम ने बताया कि तेल 27, घी 35, दूध 9, दूध प्रोडक्ट (दही, पनीर व मावा) के 35 नमूने फेल हुए हैं. इसके अलावा मिर्च, हल्दी, चटनी, बेसन, नमकीन, बिस्किट, बादाम, मौसमी जूस और आइसक्रीम के नमूने भी फेल हुए हैं, जबकि मंदिरों के बाहर बिक रहे प्रसादों के नमूने भी फेल हुए हैं.

पिछले साल से दोगुने आए मामले : 2023 में जहां 1120 नमूने लिए गए थे, लेकिन केवल 15 फीसदी में ही मिलावट सामने आई थी यानी कि 173 नमूने फेल हुए थे. इनमें से तीन नमूने अनसेफ मिले थे, लेकिन 2024 में 15 अक्टूबर तक लिए गए 444 नमूने में से 142 फेल हो गए. जबकि 16 नमूने अनसेफ कैटेगरी में मिले हैं, यानी की पूरी तरह से असुरक्षित थे. इन मामलों में न्यायालय में ही चालान पेश किया जाता है. प्रतिशत में देखा जाए तो इस साल 32 फीसदी मिलावट मिली है, जो बीते साल से दोगुनी से भी अधिक है.

इस साल सर्वाधिक नमूने हुए फेल (ETV BHARAT KOTA)

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इसलिए बढ़ा दिए कचोरी के दाम : कोटा में स्टेशन से लेकर नयापुरा तक की कचोरी की दुकानों पर प्रति कचोरी दाम बढ़ा दिए गए हैं. इसमें करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जिसे आमजन बड़ी बढ़ोतरी मान रहे हैं. पहले जहां 10 रुपए की कचोरी आमतौर पर मिला करती थी, वो अब 15 रुपए की बिक रही है. हालांकि, शहर के अन्य इलाकों में भी दाम बढ़ाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. फूड सेफ्टी ऑफिसर संदीप अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने कचोरी के दुकान संचालकों के साथ कई बार बैठक की है, क्योंकि ये बार-बार कचोरी तलने के लिए एक ही तेल का उपयोग कर रहे थे.

KOTA ADULTERATION CASE
छह साल का रिपोर्ट कार्ड (ETV BHARAT GFX)

नए घी के नाम पर घटिया माल : खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल ने बताया कि तेल और घी में ही ज्यादा मिलावट सामने आई है. कोटा में लगातार नया घी बिकने के लिए आता था. इसमें मिलावट सामने आई है. बार-बार नए नाम से घी को बाजार में उतारा जा रहा था. ऐसे में जब उनके नमूने लिए गए तो अधिकांश नमूने फेल हो गए. इसके बाद नया घी का बाजार में आना लगभग कम हो गया है. हमने अभी भी इस पर नजर बनाए रखी है.

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फिकवाए फफूंद लगे लड्डू : कोटा के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत कार्रवाई जारी है. इसमें फूड सेफ्टी की टीम के चंद्रवीर सिंह जादौन, संदीप अग्रवाल और नितेश गौतम ने कुन्हाड़ी में बालिता रोड से जय भवानी नमकीन एंड स्वीट्स से रसगुल्ला व सोनपपड़ी के नमूने लेकर एक क्विंटल रसगुल्ले नष्ट करवाए व 90 किलो सोनपपड़ी सीज की है. इसी तरह से मैसर्स लड्डू लाल फर्म पर लगभग 45 किलो बूंदी के फंफूद लगे लड्डू मिले थे, जिन्हें नष्ट करवाया गया. दशहरे मेले में कार्रवाई करते हुए 55 लीटर यूज्ड तेल और 5 किलो चासनी को फिकवाया गया था.

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