ETV Bharat / state

यूपी में 31 हॉस्टल ऐसे जहां छात्रों के रहने लायक माहौल नहीं, समाज कल्या विभाग अब करेगा सुधार - Lucknow News

Students Hostels in UP: समाज कल्याण विभाग के सभी छात्रावासों को बेहतर सुविधा देने के लिए 125 करोड़ रुपए का बजट इस साल खर्च किया जाएगा. इन छात्रावासों में पूरे प्रदेश में करीब 20 हजार से अधिक छात्र रहकर अपने भविष्य को संवार रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 13, 2024, 2:38 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने इस साल के बजट में समाज कल्याण विभाग के प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्थित छात्रावास की मरम्मत और रखरखाव के लिए बजट बढ़ाया है. बजट में समाज कल्याण विभाग के छात्रावास के खस्ताहाल और जर्जर व्यवस्था को ठीक करने के लिए अतिरिक्त 25 करोड़ रुपए दिए हैं.

कुल मिलाकर समाज कल्याण विभाग के सभी छात्रावासों को बेहतर सुविधा देने के लिए 125 करोड़ रुपए का बजट इस साल खर्च किया जाएगा. इन छात्रावासों में पूरे प्रदेश में करीब 20 हजार से अधिक छात्र रहकर अपने भविष्य को संवार रहे हैं.

समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित इन छात्रावासों में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीब छात्र रहकर अपनी पढ़ाई लिखाई करते हैं. मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में 261 छात्रावासों का संचालन हो रहा है. इसमें से 187 छात्रावास बालकों के लिए और 74 छात्रावास बालिकाओं के लिए है.

इन छात्रावासों में मौजूद कुल सीटों में से 70% अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आरक्षित हैं. जबकि 20% अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए और 10% सामान्य वर्ग के छात्रों को आवंटन होता है. छात्रावासों में सिर्फ रहने की व्यवस्था होती है. भोजन की व्यवस्था खुद ही करनी पड़ती है.

समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित पूरे प्रदेश के 261 छात्रवासों में से 31 छात्रावासों पर ताला लटकने की स्थिति है. उनकी स्थिति इतनी खस्ताहाल हो चुकी है कि इन्हें रहने योग्य नहीं है. ऐसे में 230 छात्रावास में फिलहाल पूरे प्रदेश में करीब 20 हजार छात्रों के रहने की व्यवस्था है.

एसएमएस समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित इन सभी 230 छात्रावासों में रह रहे छात्रों के रहने का पूरा डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. साथ ही एक वेबसाइट भी बनाई जाएगी, जिसमें छात्रों का पूरा विवरण ऑनलाइन उपलब्ध होगा जरूरतमंद छात्र ऑनलाइन जानकारी लेने के बाद अपनी सुविधा अनुसार छात्रावास के लिए आवेदन कर सकेंगे.

साथ ही जो 31 छात्रावास बदहाल है उन्हें भी रिपेयर करा कर रहने योग्य बनाने की तैयारी की जा रही है. निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रसाद ने कहा कि सरकार की ओर से छात्रावासों के लिए बजट में बढ़ोतरी की है. पिछले साल जहां छात्रावासों के रखरखाव और दूसरी व्यवस्थाओं के लिए सरकार ने 110 करोड़ रुपए का बजट दिया था वही इस बार इसे बढ़ाकर 125 करोड रुपए कर दिया है.

इस बजट से जो छात्रावास बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं. उन्हें रिपेयर करने को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक संख्या में छात्रों को या रहने की सुविधा मिल सके. समाज कल्याण विभाग इन सभी हॉस्टलों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जारी करेगी बजट. प्रत्येक हॉस्टल में करीब 60 बच्चों के रहने की व्यवस्था होगी बहस. जिससे समाज के पिछले वर्ग और अनुसूचित जाति के छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सके.

ये भी पढ़ेंः अनूप जलोटा ने गाया नया भजन, 'काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी...'

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने इस साल के बजट में समाज कल्याण विभाग के प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्थित छात्रावास की मरम्मत और रखरखाव के लिए बजट बढ़ाया है. बजट में समाज कल्याण विभाग के छात्रावास के खस्ताहाल और जर्जर व्यवस्था को ठीक करने के लिए अतिरिक्त 25 करोड़ रुपए दिए हैं.

कुल मिलाकर समाज कल्याण विभाग के सभी छात्रावासों को बेहतर सुविधा देने के लिए 125 करोड़ रुपए का बजट इस साल खर्च किया जाएगा. इन छात्रावासों में पूरे प्रदेश में करीब 20 हजार से अधिक छात्र रहकर अपने भविष्य को संवार रहे हैं.

समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित इन छात्रावासों में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीब छात्र रहकर अपनी पढ़ाई लिखाई करते हैं. मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में 261 छात्रावासों का संचालन हो रहा है. इसमें से 187 छात्रावास बालकों के लिए और 74 छात्रावास बालिकाओं के लिए है.

इन छात्रावासों में मौजूद कुल सीटों में से 70% अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आरक्षित हैं. जबकि 20% अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए और 10% सामान्य वर्ग के छात्रों को आवंटन होता है. छात्रावासों में सिर्फ रहने की व्यवस्था होती है. भोजन की व्यवस्था खुद ही करनी पड़ती है.

समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित पूरे प्रदेश के 261 छात्रवासों में से 31 छात्रावासों पर ताला लटकने की स्थिति है. उनकी स्थिति इतनी खस्ताहाल हो चुकी है कि इन्हें रहने योग्य नहीं है. ऐसे में 230 छात्रावास में फिलहाल पूरे प्रदेश में करीब 20 हजार छात्रों के रहने की व्यवस्था है.

एसएमएस समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित इन सभी 230 छात्रावासों में रह रहे छात्रों के रहने का पूरा डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. साथ ही एक वेबसाइट भी बनाई जाएगी, जिसमें छात्रों का पूरा विवरण ऑनलाइन उपलब्ध होगा जरूरतमंद छात्र ऑनलाइन जानकारी लेने के बाद अपनी सुविधा अनुसार छात्रावास के लिए आवेदन कर सकेंगे.

साथ ही जो 31 छात्रावास बदहाल है उन्हें भी रिपेयर करा कर रहने योग्य बनाने की तैयारी की जा रही है. निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रसाद ने कहा कि सरकार की ओर से छात्रावासों के लिए बजट में बढ़ोतरी की है. पिछले साल जहां छात्रावासों के रखरखाव और दूसरी व्यवस्थाओं के लिए सरकार ने 110 करोड़ रुपए का बजट दिया था वही इस बार इसे बढ़ाकर 125 करोड रुपए कर दिया है.

इस बजट से जो छात्रावास बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं. उन्हें रिपेयर करने को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक संख्या में छात्रों को या रहने की सुविधा मिल सके. समाज कल्याण विभाग इन सभी हॉस्टलों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जारी करेगी बजट. प्रत्येक हॉस्टल में करीब 60 बच्चों के रहने की व्यवस्था होगी बहस. जिससे समाज के पिछले वर्ग और अनुसूचित जाति के छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सके.

ये भी पढ़ेंः अनूप जलोटा ने गाया नया भजन, 'काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी...'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.