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बिहार में आयरन की गोली की खपत में 300 फीसदी की बढ़ोतरी, पहले से जागरूक हुईं महिलाएं - Iron Pill Consumption In Bihar

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 2, 2024, 11:45 AM IST

Updated : Jul 2, 2024, 12:45 PM IST

Iron Pill Consumption Rate In Bihar: महिलाओं में आयरन की कमी एक बड़ी समस्या है. यह ज्यादातर गर्भवती, एथलीट और मासिक धर्म में ज्यादा रक्तस्राव होने वाली महिलाओं के साथ देखने को मिलता है. बिहार में आयरन की गोली की खपत पहले से 300 फीसदी बढ़ गई है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Iron Pill Consumption Rate In Bihar
बिहार में आयरन की गोली की खपत (ETV Bharat)

पटना: बिहार की गर्भवती महिलाएं एनीमिया (खून की कमी) के प्रति अब पहले से काफी अधिक जागरूक हो गई हैं. इसके कारण राज्य में आयरन की गोली की खपत के मामले में 300 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके साथ ही प्रदेश में जटिल प्रसव प्रबंधन की स्थिति में भी पहले की तुलना में काफी अधिक सुधार हुआ है. गौरतलब हो कि सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसव पूर्व नियमित सभी प्रकार की आवश्यक जांच और एनीमिया प्रबंधन सबसे जरूरी माना गया है.

गर्भावस्था में खाए इतनी गोलियां: दरअसल गर्भवती महिलाओं में खून की कमी का खतरा अधिक रहता है. स्वास्थ्य वशेषज्ञ के अनुसार गर्भावस्था के दौरान महिला को कम से कम 180 आयरन की गोली का सेवन करना चाहिए. ताकि इससे मां और उनके गर्भस्थ शिशु दोनों स्वस्थ रह सकें. यह सब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण - 5 की रिपोर्ट से पता चलता है. एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के अनुसार ''बिहार में अब इस गोली का सेवन करने वाली महिलाओं का प्रतिशत बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गया है, यह वृद्धि 300.4 फीसदी है.''

63.4 फिसदी महिलाएं एनीमिया की शिकार: एनएफएचएस-5 की माने तो ''बिहार में 63.4 फिसदी महिलाएं खून की कमी अर्थात एनीमिया की शिकायत से जूझ रही हैं. जबकि 6 महीने से 5 साल के बच्चों में 69.5% एनीमिया के मामले देखने को मिले हैं.'' इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों में खून की कमी को देखते हुए कई प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क में आयरन की गोली उपलब्ध कराई जाती है.

पढ़ें-खुलासा: प्रेग्नेंट महिलाओं में शुगर नहीं बनेगा बाधक, फर्स्ट स्टेज से ही होगा बचाव - Diabetes In Pregnant Women

पटना: बिहार की गर्भवती महिलाएं एनीमिया (खून की कमी) के प्रति अब पहले से काफी अधिक जागरूक हो गई हैं. इसके कारण राज्य में आयरन की गोली की खपत के मामले में 300 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके साथ ही प्रदेश में जटिल प्रसव प्रबंधन की स्थिति में भी पहले की तुलना में काफी अधिक सुधार हुआ है. गौरतलब हो कि सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसव पूर्व नियमित सभी प्रकार की आवश्यक जांच और एनीमिया प्रबंधन सबसे जरूरी माना गया है.

गर्भावस्था में खाए इतनी गोलियां: दरअसल गर्भवती महिलाओं में खून की कमी का खतरा अधिक रहता है. स्वास्थ्य वशेषज्ञ के अनुसार गर्भावस्था के दौरान महिला को कम से कम 180 आयरन की गोली का सेवन करना चाहिए. ताकि इससे मां और उनके गर्भस्थ शिशु दोनों स्वस्थ रह सकें. यह सब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण - 5 की रिपोर्ट से पता चलता है. एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के अनुसार ''बिहार में अब इस गोली का सेवन करने वाली महिलाओं का प्रतिशत बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गया है, यह वृद्धि 300.4 फीसदी है.''

63.4 फिसदी महिलाएं एनीमिया की शिकार: एनएफएचएस-5 की माने तो ''बिहार में 63.4 फिसदी महिलाएं खून की कमी अर्थात एनीमिया की शिकायत से जूझ रही हैं. जबकि 6 महीने से 5 साल के बच्चों में 69.5% एनीमिया के मामले देखने को मिले हैं.'' इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों में खून की कमी को देखते हुए कई प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क में आयरन की गोली उपलब्ध कराई जाती है.

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Last Updated : Jul 2, 2024, 12:45 PM IST
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