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सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से नहीं उठा कचरा, नई भर्ती का कर रहे हैं विरोध

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 12, 2024, 12:47 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 1:26 PM IST

प्रदेश भर में मंगलवार से सफाई कर्मचारी सामूहिक अवकाश के बाद सफाई कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं. इन लोगों की मांग है कि सरकार मस्टररोल से नई भर्ती करें. वाल्मीकि समाज और सफाई कर्मियों ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर जयपुर में बैठक की और रणनीति बनाई. हड़ताल के कारण मंगलवार को घर-घर से कचरा नहीं उठेगा और सड़कों पर भी सफाई नहीं होगी.

sanitation workers on strike
राजस्थान में 30 हजार सफाई कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर
नई भर्ती का कर रहे हैं विरोध

जयपुर. प्रदेशभर के सफाई कर्मचारियों के सामूहिक हड़ताल पर जाने से आज कचरा नहीं उठाया गया. मंगलवार सुबह से 30 हज़ार सफाई कर्मियों ने राजधानी जयपुर समेत राज्य के सभी हिस्सों में कार्य बहिष्कार किया. हड़ताली सफाई कर्मी नई भर्ती प्रक्रिया को 2018 की तर्ज पर करने का विरोध कर रहे हैं. सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण मंगलवार को सुबह से ना तो घर-घर कचरा उठ रहा है और ना ही सफाई हो रही है. नगर निगम के कार्यालय में भी सफाई कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं. सोमवार को हेरिटेज नगर निगम मुख्यालय पर प्रदेश पर की सफाई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक बैठक की और आमसभा में हड़ताल का फैसला लिया था.

नई भर्ती प्रक्रिया का है विरोध : स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारी भर्ती लॉटरी के आधार पर साल 2018 की तर्ज पर करने का फैसला लिया गया था, जिसका सफाई कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. इनका कहना है कि भर्ती समझौते के तहत मस्टररोल के आधार पर की जाए, साथ ही जिन अभ्यर्थियों ने नगर निगम में काम किया है, उन्हें इस भर्ती में प्राथमिकता दी जाए. इनकी मांग की है कि जिन अभ्यर्थियों का कोर्ट में केस विचाराधीन है, उन्हें भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए. साथ ही वाल्मीकि समाज को भी 60 फ़ीसदी प्राथमिकता मिले. उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव की आड़ में भर्ती प्रक्रिया को रोकने का प्रयास नहीं होना चाहिए. सफाई कर्मियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं होगा और यह पांच मांगे सरकार नहीं मानेगी, आंदोलन जारी रहेगा. हड़ताल के बाद गली मोहल्ले में ना तो हूपर आएंगे और न ही डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन होगा.

पढ़ें: SBI इलेक्टोरल बॉन्ड पर गहलोत का तीखा बयान, मोदी की गारंटी को लेकर भी खड़े किए सवाल

सरकार का यह था फैसला : भजन लाल शर्मा की सरकार ने 1 मार्च को भर्ती निकली थी. जिसके तहत 186 नगरीय निकायों में करीब 25 हज़ार खाली पदों पर निकाय सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था. इस भर्ती में प्रेक्टिकल टेस्ट को अनिवार्य किया गया था, जो कि तीन महीने का था. भर्ती के दौरान शर्त रखी गई थी कि निकायवार दिए गए पदों की तुलना में तीन गुना पात्र अभ्यर्थियों को लॉटरी के जरिए प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए चयनित किया जाएगा, फिर उपस्थित अनुभव अवधि योग्यता और कार्य कुशलता के आधार पर इनका मूल्यांकन होगा. दस्तावेज और प्रमाण पत्रों की कमी होने पर अभ्यर्थी को हटाया जा सकेगा. परीक्षा के प्रैक्टिकल के दौरान नालों की सफाई और रोड पर स्वीपिंग का काम करवाया जाएगा. जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में 3670 पदों पर भर्ती प्रस्तावित है. इसके अलावा बीकानेर में 1037, कोटा दक्षिण में 836 और जयपुर हेरीटेज में 707 रिक्त पदों पर यह भर्ती की जानी है.

नई भर्ती का कर रहे हैं विरोध

जयपुर. प्रदेशभर के सफाई कर्मचारियों के सामूहिक हड़ताल पर जाने से आज कचरा नहीं उठाया गया. मंगलवार सुबह से 30 हज़ार सफाई कर्मियों ने राजधानी जयपुर समेत राज्य के सभी हिस्सों में कार्य बहिष्कार किया. हड़ताली सफाई कर्मी नई भर्ती प्रक्रिया को 2018 की तर्ज पर करने का विरोध कर रहे हैं. सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण मंगलवार को सुबह से ना तो घर-घर कचरा उठ रहा है और ना ही सफाई हो रही है. नगर निगम के कार्यालय में भी सफाई कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं. सोमवार को हेरिटेज नगर निगम मुख्यालय पर प्रदेश पर की सफाई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक बैठक की और आमसभा में हड़ताल का फैसला लिया था.

नई भर्ती प्रक्रिया का है विरोध : स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारी भर्ती लॉटरी के आधार पर साल 2018 की तर्ज पर करने का फैसला लिया गया था, जिसका सफाई कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. इनका कहना है कि भर्ती समझौते के तहत मस्टररोल के आधार पर की जाए, साथ ही जिन अभ्यर्थियों ने नगर निगम में काम किया है, उन्हें इस भर्ती में प्राथमिकता दी जाए. इनकी मांग की है कि जिन अभ्यर्थियों का कोर्ट में केस विचाराधीन है, उन्हें भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए. साथ ही वाल्मीकि समाज को भी 60 फ़ीसदी प्राथमिकता मिले. उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव की आड़ में भर्ती प्रक्रिया को रोकने का प्रयास नहीं होना चाहिए. सफाई कर्मियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं होगा और यह पांच मांगे सरकार नहीं मानेगी, आंदोलन जारी रहेगा. हड़ताल के बाद गली मोहल्ले में ना तो हूपर आएंगे और न ही डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन होगा.

पढ़ें: SBI इलेक्टोरल बॉन्ड पर गहलोत का तीखा बयान, मोदी की गारंटी को लेकर भी खड़े किए सवाल

सरकार का यह था फैसला : भजन लाल शर्मा की सरकार ने 1 मार्च को भर्ती निकली थी. जिसके तहत 186 नगरीय निकायों में करीब 25 हज़ार खाली पदों पर निकाय सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था. इस भर्ती में प्रेक्टिकल टेस्ट को अनिवार्य किया गया था, जो कि तीन महीने का था. भर्ती के दौरान शर्त रखी गई थी कि निकायवार दिए गए पदों की तुलना में तीन गुना पात्र अभ्यर्थियों को लॉटरी के जरिए प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए चयनित किया जाएगा, फिर उपस्थित अनुभव अवधि योग्यता और कार्य कुशलता के आधार पर इनका मूल्यांकन होगा. दस्तावेज और प्रमाण पत्रों की कमी होने पर अभ्यर्थी को हटाया जा सकेगा. परीक्षा के प्रैक्टिकल के दौरान नालों की सफाई और रोड पर स्वीपिंग का काम करवाया जाएगा. जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में 3670 पदों पर भर्ती प्रस्तावित है. इसके अलावा बीकानेर में 1037, कोटा दक्षिण में 836 और जयपुर हेरीटेज में 707 रिक्त पदों पर यह भर्ती की जानी है.

Last Updated : Mar 12, 2024, 1:26 PM IST
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