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स्वास्थ्य विभाग में भरे जा रहे इतने पद, सीएम ने दी जानकारी - Posts in health department

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 22 hours ago

Posts in health department: इन दिनों शिमला में क्षय रोग की टीम पहुंची हुई है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मेरी टीबी की कहानी चरण-2’ पहल का शुभारंभ किया. इस पहल का उद्देश्य टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीएम हिमाचल प्रदेश
सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीएम हिमाचल प्रदेश (फाइल फोटो)

शिमला: हिमाचल में देशभर से क्षय रोग विशेषज्ञ इन दिनों शिमला में जुटे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश की राजधानी शिमला में बुधवार को राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय टास्क फोर्स की दो दिवसीय बैठक का शुभारम्भ किया.

हिमाचल दूसरी बार इस महत्त्वपूर्ण बैठक की मेजबानी कर रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मेरी टीबी की कहानी चरण-2’ पहल का शुभारंभ किया. इस पहल का उद्देश्य टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है.

ऐसे में इस अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि बैठक के दौरान मूल्यवान जानकारी और सुझाव प्राप्त होंगे, जो इस खतरनाक बीमारी से निपटने में सहायक सिद्ध होंगे.

सीएम ने कहा प्रदेश सरकार टीबी उन्मूलन के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रही है और राज्य में हर वर्ष करीब 15,000 टीबी मरीजों का उपचार किया जा रहा है. इस बीमारी से निपटने में किए गए प्रदेश के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है.

स्वास्थ्य विभाग में भरे जा रहे 2700 पद

मुख्यमंत्री ने कहा टीबी के मरीजों की सुविधा के लिए पिछले दो वर्षों में प्रारंभिक स्तर पर ही टीबी का पता लगाने के लिए राज्य में मॉलिक्यूलर परीक्षण सुविधाएं शुरू की गई हैं. पांच जिलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस पोर्टेबल एक्स-रे मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं.

जल्द ही इस सेवा का विस्तार अन्य जिलों में भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश सरकार हिमाचल के शुद्ध वातावरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है जिसके लिए राज्य सरकार ने नवीनतम चिकित्सा उपकरणों के लिए एम्स दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है.

टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और आईजीएमसी, शिमला में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कार्यप्रणाली में सुगमता लाने के लिए अस्पताल में अनुकूल वातावरण बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 2,700 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है.

बुजुर्गों के लिए शुरू होगी नई योजना

सीएम सुक्खू ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को विशेष स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता रहती है. इसके लिए सरकार वृद्धजनों को घर-द्वार पर चिकित्सा जांच सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए नई योजना शुरू करने पर विचार कर रही है.

प्रदेश सरकार हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास कर रही है जिसके लिए प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन और नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है.

जिला सोलन के नालागढ़ में एक मेगावाट के हरित हाइड्रोजन संयंत्र की स्थापना की जा रही है. इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने कहा कि राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रयासों के फलस्वरूप टीबी के बारे में सामाजिक दृष्टिकोण में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि राज्य में इस बीमारी को मिटाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश में टीबी रोगियों को सरकार से 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है और लोगों को विशेष रूप से दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: सुखविंदर सरकार के सामने नई चुनौती, अगले साल रिटायर होंगे 14 एचएएस अफसर, कैसे चलेगा विभागों का काम?

शिमला: हिमाचल में देशभर से क्षय रोग विशेषज्ञ इन दिनों शिमला में जुटे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश की राजधानी शिमला में बुधवार को राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय टास्क फोर्स की दो दिवसीय बैठक का शुभारम्भ किया.

हिमाचल दूसरी बार इस महत्त्वपूर्ण बैठक की मेजबानी कर रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मेरी टीबी की कहानी चरण-2’ पहल का शुभारंभ किया. इस पहल का उद्देश्य टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है.

ऐसे में इस अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि बैठक के दौरान मूल्यवान जानकारी और सुझाव प्राप्त होंगे, जो इस खतरनाक बीमारी से निपटने में सहायक सिद्ध होंगे.

सीएम ने कहा प्रदेश सरकार टीबी उन्मूलन के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रही है और राज्य में हर वर्ष करीब 15,000 टीबी मरीजों का उपचार किया जा रहा है. इस बीमारी से निपटने में किए गए प्रदेश के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है.

स्वास्थ्य विभाग में भरे जा रहे 2700 पद

मुख्यमंत्री ने कहा टीबी के मरीजों की सुविधा के लिए पिछले दो वर्षों में प्रारंभिक स्तर पर ही टीबी का पता लगाने के लिए राज्य में मॉलिक्यूलर परीक्षण सुविधाएं शुरू की गई हैं. पांच जिलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस पोर्टेबल एक्स-रे मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं.

जल्द ही इस सेवा का विस्तार अन्य जिलों में भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश सरकार हिमाचल के शुद्ध वातावरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है जिसके लिए राज्य सरकार ने नवीनतम चिकित्सा उपकरणों के लिए एम्स दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है.

टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और आईजीएमसी, शिमला में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कार्यप्रणाली में सुगमता लाने के लिए अस्पताल में अनुकूल वातावरण बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 2,700 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है.

बुजुर्गों के लिए शुरू होगी नई योजना

सीएम सुक्खू ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को विशेष स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता रहती है. इसके लिए सरकार वृद्धजनों को घर-द्वार पर चिकित्सा जांच सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए नई योजना शुरू करने पर विचार कर रही है.

प्रदेश सरकार हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास कर रही है जिसके लिए प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन और नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है.

जिला सोलन के नालागढ़ में एक मेगावाट के हरित हाइड्रोजन संयंत्र की स्थापना की जा रही है. इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने कहा कि राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रयासों के फलस्वरूप टीबी के बारे में सामाजिक दृष्टिकोण में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि राज्य में इस बीमारी को मिटाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश में टीबी रोगियों को सरकार से 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है और लोगों को विशेष रूप से दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: सुखविंदर सरकार के सामने नई चुनौती, अगले साल रिटायर होंगे 14 एचएएस अफसर, कैसे चलेगा विभागों का काम?

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