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'इस्काॅन मंदिर' में मनाया जा रहा है 25वां रजत जयंती 'ब्रम्ह महोत्सव', बेंगलुरु में हैं छह मंदिर - ISKCON Temple - ISKCON TEMPLE

बेंगलुरु के इस्काॅन मंदिर में 21 अप्रैल से 3 मई तक एक अविस्मरणीय अलौकिक (ISKCON Temple) दिव्य-भव्य 'ब्रम्ह महोत्सव' पूजा-अर्चना समारोह आयोजित किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 29, 2024, 9:51 PM IST

लखनऊ : बेंगलुरु के इस्काॅन मंदिर में भगवान और समाज सेवा की 25वां रजत जयंती के अवसर पर विशेष समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस मौके पर 21 अप्रैल से 3 मई तक एक अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य 'ब्रम्ह महोत्सव' पूजा-अर्चना समारोह आयोजित किया जा रहा है.

इस दौरान प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति, प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने सभी श्रद्धालुओं को अपने-अपने विचारों से अवगत कराया. उन्होंने सभी भक्तों को बताया कि प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए. श्रीकृष्ण की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए. इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्त राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं.

संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है. बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का 'ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव' 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया जा रहा है. इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्त आते हैं.

बता दें कि इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है. इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय है. इस मंदिर के अनुयायी सदस्यों व गैर-सदस्यों के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है. मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध है और इसलिए बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान भी है. इस मंदिर में आधुनिक और वास्तुकला का दक्षिण भारतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता है. मंदिर में अन्य संरचनाएं बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय, मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध हैट

इस्कॉन मंदिर के बेंगलुरु में छह मंदिर हैं : राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर), कृष्ण-बलराम मंदिर, निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा), श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा), प्रह्लाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर, बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर है. गौरतलब है कि उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है. इस मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन किया था.

यह भी पढ़ें : I.N.D.I.A से उज्ज्वल रमण सिंह ने मंदिर में दर्शन-पूजन कर किया नामांकन, भाजपा पर जमकर बोला हमला - Ujjwal Raman Singh Filed Nomination

यह भी पढ़ें : अमेठी में नामांकन से पहले अमेठी लोकसभा से प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने किये रामलला के दर्शन - Smriti Irani In Ayodhya

लखनऊ : बेंगलुरु के इस्काॅन मंदिर में भगवान और समाज सेवा की 25वां रजत जयंती के अवसर पर विशेष समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस मौके पर 21 अप्रैल से 3 मई तक एक अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य 'ब्रम्ह महोत्सव' पूजा-अर्चना समारोह आयोजित किया जा रहा है.

इस दौरान प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति, प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने सभी श्रद्धालुओं को अपने-अपने विचारों से अवगत कराया. उन्होंने सभी भक्तों को बताया कि प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए. श्रीकृष्ण की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए. इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्त राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं.

संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है. बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का 'ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव' 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया जा रहा है. इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्त आते हैं.

बता दें कि इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है. इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय है. इस मंदिर के अनुयायी सदस्यों व गैर-सदस्यों के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है. मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध है और इसलिए बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान भी है. इस मंदिर में आधुनिक और वास्तुकला का दक्षिण भारतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता है. मंदिर में अन्य संरचनाएं बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय, मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध हैट

इस्कॉन मंदिर के बेंगलुरु में छह मंदिर हैं : राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर), कृष्ण-बलराम मंदिर, निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा), श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा), प्रह्लाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर, बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर है. गौरतलब है कि उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है. इस मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन किया था.

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