पटना: लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार के साथ ही बिहार सरकार भी प्रॉपर तरीके से काम कर रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हो रही बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म हो चुकी है, लेकिन यह बैठक कई मायनों में खास रही है. सबसे बड़ी बात ये कि नीतीश सरकार ने दलितों, महादलितों, अल्पसंख्यकों और अति पिछड़ा वर्ग के लिए बड़ा ऐलान किया है.
नीतीश सरकार ने खोला खजाना: नीतीश कैबिनेट में वित्तीय वर्ष 2024- 25 में स्थापना और प्रतिबद्ध व्यय के अंतर्गत महादलित, दलित और अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना कार्यक्रम के संचालन के लिए 7 अरब 74 करोड़ 24 लाख 89 हजार 895 रुपए अनुदान की राशि की स्वीकृति दी गई है. वहीं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 की स्वीकृति दी गई है.
कुल 25 एजेंडों पर मुहर: नीतीश कैबिनेट की बैठक में कुल 25 एजेंडों पर मुहर लगायी गई है. वित्तीय वर्ष 2024 -25 में राज्य सरकार द्वारा 54298 करोड़ से अधिक ऋण उगाही की स्वीकृति दी गई है. वहीं बिहार श्रम आशु लिपिक संशोधन नियमावली 2024 को भी स्वीकृत किया गया है.
247 पदों के सृजन की स्वीकृति: वहीं दिल्ली द्वारा निर्धारित मानक के आलोक में राज्य के पुराने 22 एएनएम स्कूल और पुराने 6 जीएनएम ट्रेंनिंग स्कूल के सुचारू संचालन के लिए शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक श्रेणी के कुल 247 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में राज्य कर्मियों के मकान किराया भत्ता कि वर्तमान दर में संशोधन की स्वीकृति दी गई है.
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