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IIT जोधपुर की महिला प्रोफेसर से ठगी के लिए खाता देने वाला आरोपी UP से गिरफ्तार - IIT Professor Digital Arrest

IIT Professor Fraud Case : आईआईटी की असिस्टेंट प्रोफेसर से 23 लाख से अधिक की ठगी के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने अपनी फर्म का खाता खुलवाकर मोबाइल सिम और किट ठगों को दे दिया था.

Fraud from IIT Jodhpur professor
आईआईटी प्रोफेसर ठगी केस (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2024, 8:07 AM IST

जोधपुर : आईआईटी की असिस्टेंट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 23.22 लाख की ठगी करने के मामले में करवड़ थाना पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने साइबर ठगों को अपना किराए का खाता दिया था. आरोपी यूपी के अलीगढ़ स्थित न्यू अलीगंज सेक्टर 19 निवासी मनु गर्ग (40) है. उसने अपनी फर्म का खाता खुलवा कर मोबाइल सिम और किट ठगों को दिया था, जिसमें प्रोफेसर के रुपए ट्रांसफर हुए थे. हालांकि उसका साइबर गैंग से सीधा संपर्क नहीं है. पुलिस उससे पूछताछ कर सुराग निकाल रही है.

जांच अधिकारी करवड़ थाने के सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी को गैंग के सदस्यों ने उसे रुपए देने का लालच दिया था. इसके लिए बैंक में करंट अकाउंट खुलवाकर ठगों को बैंक से मिला पूरा किट और मोबाइल की नई सिम दी थी. उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया. आरोपी को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है.

इसे भी पढ़ें. आईआईटी की प्रोफेसर को दस दिन साइबर अरेस्ट कर 23 लाख की ठगी - Digital Arrest Case

बता दें कि आईआईटी जोधपुर की प्रोफेसर अमृता पुरी (35) ने 12 अगस्त को करवड़ थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि उनके पास 1 अगस्त को 7 अलग-अलग नंबरों से कॉल आए. कॉल रिसीव किया तो कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए उसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संदिग्ध बता कर धमकाया. इसके बाद 10 दिन तक सर्विलांस पर रखने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर 23.22 लाख रुपए ठग लिए.

ठगी से एक दिन पहले खुलवाया था खाता : पुलिस ने बताया कि ठगों ने मनु गर्ग को फोन किया. उसे फर्म का खाता खोलकर देने पर हर महीने डेढ़ लाख रुपए का लालच दिया. आरोपी गर्ग ने 25 मई के आस-पास फर्म बनाई और 11 अगस्त को यस बैंक में खाता खुलवाया. इसके बाद ठगों ने उसे आगरा बुलाया. यहां पर उसके रहने की व्यवस्था की. इसके बाद बैंक का पूरा किट और मोबाइल की सिम ठगों को दे दी. 12 अगस्त को ठगों ने आईआईटी की महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 23.22 लाख रुपए की ठगी कर इस खाते में रुपए ट्रांसफर कर आगे भेज दिए थे.

जोधपुर : आईआईटी की असिस्टेंट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 23.22 लाख की ठगी करने के मामले में करवड़ थाना पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने साइबर ठगों को अपना किराए का खाता दिया था. आरोपी यूपी के अलीगढ़ स्थित न्यू अलीगंज सेक्टर 19 निवासी मनु गर्ग (40) है. उसने अपनी फर्म का खाता खुलवा कर मोबाइल सिम और किट ठगों को दिया था, जिसमें प्रोफेसर के रुपए ट्रांसफर हुए थे. हालांकि उसका साइबर गैंग से सीधा संपर्क नहीं है. पुलिस उससे पूछताछ कर सुराग निकाल रही है.

जांच अधिकारी करवड़ थाने के सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी को गैंग के सदस्यों ने उसे रुपए देने का लालच दिया था. इसके लिए बैंक में करंट अकाउंट खुलवाकर ठगों को बैंक से मिला पूरा किट और मोबाइल की नई सिम दी थी. उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया. आरोपी को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है.

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बता दें कि आईआईटी जोधपुर की प्रोफेसर अमृता पुरी (35) ने 12 अगस्त को करवड़ थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि उनके पास 1 अगस्त को 7 अलग-अलग नंबरों से कॉल आए. कॉल रिसीव किया तो कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए उसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संदिग्ध बता कर धमकाया. इसके बाद 10 दिन तक सर्विलांस पर रखने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर 23.22 लाख रुपए ठग लिए.

ठगी से एक दिन पहले खुलवाया था खाता : पुलिस ने बताया कि ठगों ने मनु गर्ग को फोन किया. उसे फर्म का खाता खोलकर देने पर हर महीने डेढ़ लाख रुपए का लालच दिया. आरोपी गर्ग ने 25 मई के आस-पास फर्म बनाई और 11 अगस्त को यस बैंक में खाता खुलवाया. इसके बाद ठगों ने उसे आगरा बुलाया. यहां पर उसके रहने की व्यवस्था की. इसके बाद बैंक का पूरा किट और मोबाइल की सिम ठगों को दे दी. 12 अगस्त को ठगों ने आईआईटी की महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 23.22 लाख रुपए की ठगी कर इस खाते में रुपए ट्रांसफर कर आगे भेज दिए थे.

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