उत्तरकाशी: 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्तिथ जादूंग गांव एक बार फिर से आबाद हो रहा है. जादूंग गांव में होमस्टे निर्माण की कवायद तेज हो गई है. पहले चरण में 6 होमस्टे निर्माण की प्रकिया शुरू की गई है. इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से गढ़वाल मंडल विकास निगम को कार्यादायी संस्था बनाया गया है. यहां तीन करोड़ 11 लाख की लागत से प्रथम चरण में 6 होमस्टे बनाये जाएंगे.
जादूंग का संयुक्त सर्वे, लिया गया नाप: बीते बृहस्पतिवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की डीटीडीओ सीमा नौटियाल सहित जीएमवीएन के एजीएम एसबीएस रावत, सहायक अभियंता टीएस राना और जेई सचिन रावत ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ जादूंग गांव में संयुक्त सर्वे किया. इस दौरान वहां पर खंडहर भवनों और भूमि का निरीक्षण सहित नाप लिया गया.
जादूंग गांव में बनाये जाएंगे 23 होमस्टे: बता दें केंद्र सरकार की ओर से अंतराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों को सामरिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से दोबारा बनाने की योजना तैयार की गई है. इस योजना के तहत जादूंग गांव में 23 होमस्टे का निर्माण होना है. यह दो चरणों में बनेंगे. पहले चरण में 6 होमस्टे निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए कार्यदायी संस्थान जीएमवीएन को बनाया गया है.
पहले चरण का काम शुरू, बनेंगे 6 होम स्टे: गढ़वाल मंडल विकास निगम के अवर अभियंता सचिन रावत ने बताया शासन से पहले चरण के लिए मिली तीन करोड़ 11 लाख की लागत से जादूंग में 6 होम स्टे के साथ ही रास्तों को निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही सीमा सड़क पर हवा बैंड, श्रीकंठ दर्शन और भैरोघाटी में तीन व्यू प्वाइंट भी बनाए जाएंगे. इसके लिए बीआरओ से अनुमति मांगी गई है. वन विभाग से भी निर्माण कार्यों के लिए प्रवेश के लिए अनुमति मांगी गई है. रावत ने बताया दोनों स्थानों से अनुमति मिलते ही होमस्टे निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे.
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