नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. दिल्ली में शासन करना वाली सारी सरकारों का बड़ा समय और राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदूषण की रोकथाम में जाता रहा है. इसलिए इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि अगले 1 साल में 63 लाख पेड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए मंत्री ने दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को 21 विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और पौधरोपण का निर्णय लियाा. सभी विभागों को पौधरोपण करने का लक्ष्य दिया गया है.
मंत्री राय ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के स्तर में साल दर साल कमी दर्ज की जा रही है. इसमें पौधरोपण अभियान का बड़ा योगदान है. 2013 में दिल्ली में हरित क्षेत्र 20 प्रतिशत था. 2021 में 203.6 प्रतिशत से ज्यादा हरित क्षेत्र हो चुका है. पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अंदर 2 करोड़ पौधे लगाने की गारंटी दी थी. लेकिन हमने यह लक्ष्य 4 साल में पार कर लिया. दिल्ली में पिछले 4 साल में 2 करोड़ 5 लाख पेड़ पौधे लगाए जा चुके हैं. पिछले साल दिल्ली में 52 लाख पेड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इसे पूरा करने के साथ साथ लगभग 35 लाख झाड़ियां दिल्ली में लगाई गईं.
अब लक्ष्य से अतिरिक्त अगले वित्त वर्ष 2024-25 में साल में 63 लाख पौधे लगाए जाएंगे. 21 विभाग मिलकर पौधरोपण का यह लक्ष्य पूरा करेंगे. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पहले लगाए गए करीब 60 प्रतिशत पौधे जीवित है.
इन विभागों को इतने पेड़ पौधे लगाने का लक्ष्य :
- फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को 20 लाख 6 हजार
- डीडीए को 10 लाख 3 हजार
- एमसीडी को 6 लाख 19 हजार 459
- एनडीएमसी को 6 लाख 18 सौ
- पीडब्ल्यूडी को 3 लाख 90 हजार 344
- एजुकेशन डिपार्टमेंट को 3 लाख 24 हजार 500
- हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन व एनटीपीसी को 1 लाख 18 हजार
- इसके साथ कुल 21 विभागों को 63 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया
- मानसून शुरू होते ही पौधारोपण का शुरू किया जाएगा
ये भी पढ़ें : DPCC चेयरमैन पर भड़के गोपाल राय, स्मॉग टावर कर्मियों का वेतन जारी करने का दिया निर्देश
थर्ड पार्टी करेगी ऑडिट : पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में लगाए गए कितने पेड़ पौधे जीवित हैं इसका थर्ड पार्टी से ऑडिट कराया जाएगा. जल्द ही किसी थर्ड पार्टी को ये काम की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. यही नहीं पहले लगाए गए पौधों की भी ऑडिट होगी.
ये भी पढ़ें : डीपीसीसी रिपोर्ट में सेंट्रल वर्ज पर 722 किलोमीटर पर हरियाली ना होने का खुलासा, धूल से बढ़ेगा प्रदूषण