भिलाई : भिलाई में वाहन चालकों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट को अनिवार्य करने के लिए पुलिस ने बड़ा अभियान शुरु किया है. इस बार अभियान की थीम फॉलो गुड हैबिट्स 21 डेज चैलेंज रखा गया है. इस थीम का पोस्टर एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने लांच किया. एसपी ने दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों को शनिवार से 21 दिनों तक हेलमेट पहनने और सीट बेल्ट लगाने के प्रति जागरुक किया है.
21 दिन में पड़ जाएगी आदत : एसपी का मानना है कि 21 दिन तक लगातार हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने से इसकी आदत बन जाएगी. दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला के दफ्तर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान एएसपी भिलाई शहर सुखनंदन राठौर, एएसपी दुर्ग शहर अभिषेक झा, एएसपी ग्रामीण वेदव्रत सिरमौर और डीएसपी ट्रैफिक सतीश ठाकुर भी मौजूद थे.एसपी जितेन्द्र शुक्ला सहित अधिकािरयों ने कार्यक्रम में यातायात जागरूकता के लिए एक पोस्टर लांच किया.
दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों से अपील : इस पोस्टर में दोपहिया वाहन चालकों के लिए 21 दिन तक अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनने की अपील की गई है. ऐसी ही अपील चार पहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट अपनाने को लेकर की गई है.दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि वाहन चलाते समय चालक के हेलमेट और सीट बेल्ट पहने रहने से दुर्घटना में जान का जोखिम कम रहता है.समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाने से लोग हेलमेट और सीट बेल्ट की उपयोगिता समझने लगे हैं.
''अभी भी अनेक वाहन चालकों में हेलमेट और सीट बेल्ट अपनाने के प्रति उदासीनता बनी हुई है.ऐसे लोगों को फिर एक बार जागरूक करने फॉलो गुड हैबिट्स 21 डेज चैलेंज अभियान शुरू किया गया है.'' - जितेंद्र शुक्ला,एसपी
पेट्रोल पंप पर नहीं मिलेगा ईंधन : फॉलो गुड हैबिट्स 21 डेज चैलेंज अभियान का आगाज होने के साथ ही दुर्ग पुलिस ने पुलिस लाइन पेट्रोल पंपों पर रूल्स फॉलो नहीं करने वालों को ईंधन देना बंद कर दिया है. इस संबंध में सेक्टर - 6, भिलाई -3 और नेवई के पुलिस पेट्रोल पंप पर पहले से सूचना दे दी गई है. इन तीनों ही पेट्रोल पंपों में हेलमेट पहनकर आने वाले दुपहिया और सीट बेल्ट बांधकर आए चार पहिया वाहन चालकों को ही पेट्रोल डीजल दिया गया. एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि ऐसा निर्णय आज से सिर्फ पुलिस विभाग के द्वारा संचालित जिले के तीन पेट्रोल पंपों में लागू किया गया है. इससे राजस्व में कमी होने की कोई परवाह नहीं है. निजी पेट्रोल पंपों पर इसे लागू करने का निर्णय वहां के मालिकों के स्वविवेक पर छोड़ दिया गया है.