लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगले एक महीने में बोर्ड और आयोग में भारतीय जनता पार्टी के लगभग 200 नेता समायोजित किए जाएंगे. फिलहाल अनुसूचित जाति आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग और महिला आयोग जैसी महत्वपूर्ण इकाइयों में नेताओं को समायोजित किया गया है. अभी बड़ी संख्या में अन्य बोर्ड और आयोग बचे हुए हैं, जिसको लेकर बीजेपी से भेजी गई सूची पर सरकार में विचार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस संबंध में एक-एक करके बड़े फैसले करते रहेंगे.
उत्तर प्रदेश में निगम, बोर्ड और आयोग में 200 से अधिक पद खाली हैं. यह ऐसे पद हैं जिस पर राजनीतिक लोग काबिज होते हैं. भारतीय जनता पार्टी से 200 ऐसे नाम प्रस्तावित होंगे जिनको माननीय का दर्जा मिलेगा. आने वाले दिनों में सरकार इन नाम की घोषणा कर सकती है. इस सारी प्रक्रिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर लगने के बाद ही मामला आगे बढ़ेगा. चर्चा है कि लंबे समय से ये पद खाली रहने से कई बार संगठन और सरकार के बीच टकराव के हालात बन चुके हैं. ऐसे में सीएम योगी बीजेपी के प्रस्ताव को आगे बढ़ा देंते हैं तो पार्टी के अनेक नेताओं को उपकृत करके संगठन को उपचुनाव के लिए तैयार किया जा सकता है. फिलहाल सरकार की ओर से अनुसूचित जाति आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग, महिला आयोग और संस्कृति विभाग के संबंधित विभागों में मनोनयन किया गया.
इन आयोग और निगम के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी खाली |
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दर्जन भर से अधिक आयोग और निगमों में चेयरमैन, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां अभी तक नहीं हो पाई हैं. बीजेपी नेता और वरिष्ठ कार्यकर्ता समायोजन के लिए गणेश परिक्रमा में जुटे हुए हैं. बीजेपी प्रदेश नेतृत्व से लेकर आरएसएस तक लॉबिंग की जा रही है. काफी समय से संगठन ने 200 से अधिक नेताओं को इन आयोग और निगमों में समायोजित करने की लिस्ट तैयार की थी, लेकिन इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पा रहा है. बताया जा रहा है कि सरकार और संगठन के बीच समन्वय न होने से सूची फंसी हुई है. जिसको लेकर कार्यकर्ताओं में भी निराशा बढ़ रही है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने कहा कि आयोग और बोर्ड में पदों पर नियुक्ति सरकार का विशेष अधिकार है. सरकार बहुत जल्द ही इस पर अपनी मुहर लगा देगी.