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आगरा के रोडवेड डिपो में डेढ़ साल से खड़ी हैं 200 बसें, ड्राइवर-कंडक्टर की कमी से हर माह 6 करोड़ का नुकसान

रोडवेज बसों की कमी से डग्गामार वाहन संचालकों की चांदी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

आगरा में 200 बसों का नहीं हो पा रहा संचालन.
आगरा में 200 बसों का नहीं हो पा रहा संचालन. (Photo Credit; ETV Bharat)

आगरा: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के आगरा परिक्षेत्र में 200 रोडवेज बसें डिपो में ही खडी हैं. ये बसें यात्रियों को दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों का सफर कराने के लिए भेजी गई थीं. सरकारी तंत्र की सुस्ती और नियोजन में कमी से डेढ़ साल से ये बसें डिपो से बाहर नहीं निकल पा रही हैं. जिससे यात्रियों को एक तरफ परेशानी हो रही है तो डग्गामार चांदी काट रहे हैं. इतना ही नहीं, इससे यूपीएसआरटीसी को हर माह छह करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

चालकों-परिचालकों की कमी: बता दें कि यूपीएसआरटीसी के आगरा परिक्षेत्र में 705 रोडवेज बसें हैं. जिसमें से हर दिन करीब 500 बसों का संचालन होता है. आगरा परिक्षेत्र में छह डिपो हैं. इन डिपो से सबसे अधिक बसें नई दिल्ली का सफर कराती हैं. इन रोडवेज बसों की संख्या 110 हैं. जहां पर 1079 परिचालक और 1200 चालक हैं. आगरा परिक्षेत्र में परिचालकों और चालकों की कमी है. जिसकी वजह से ही हर दिन 200 बसों का संचालन नहीं होता है. ये बसें डिपो में ही खड़ी रहती हैं.

भर्ती का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा : आगरा परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक बीपी अग्रवाल ने बताया कि, परिक्षेत्र के छह डिपो में परिचालक और चालक की कमी है. जिसकी वजह से डिपो से 200 रोडवेज बसें हर दिन नहीं निकल पाती हैं. परिक्षेत्र के हर डिपो से चालक और परिचालक के रिक्त पदों भर्ती के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं. ये प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजे हैं. संभावना है कि माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. जिससे 200 बसों का संचालन भी हर दिन किया जाएगा.

400 चालक और करीब 55 परिचालक चाहिए : बता दें कि आगरा परिक्षेत्र में रोडवेज बसों के मुताबिक चालक और परिचालक नहीं हैं. जिसकी वजह से ही रोडवेज बसें डिपो खडी रहती हैं. अधिकारियों के मुताबिक, आगरा परिक्षेत्र में 705 रोडवेज बसें हैं. मगर, 1079 परिचालक और 1200 चालक हैं. अभी करीब 400 चालक और करीब 55 परिचालक की जरूरत है. चालक और परिचालक पदों पर भर्ती हो तो डिपो से निकलकर रोडवेज बसें सडक पर पहुंचे. जिससे यात्रियों को जल्द बसें मिलें. यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि चालक और परिचालक की कमी की शिकायतें कई बार मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों से की गई. भर्ती का प्रस्ताव भी बनाकर भेजे गए हैं. मगर, अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

हर माह छह करोड रुपये का नुकसान : यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों की मानें तो एक बस प्रतिदिन करीब औसत राजस्व दस हजार रुपये अर्जित करती है. ऐसे में 200 रोडवेज बसें तो 18 माह से डिपो में खड़ीं है. राजस्व की गणना करें तो हर माह छह करोड़ रुपये का नुकसान विभाग को हो रहा है. इसके साथ ही यात्रियों को गंतव्य तक जाने के लिए रोडवेज बस आने का इंतजार करना पडता है या डग्गामार वाहन से सफर करना है.

यूपीएसआरटी के आगरा परिक्षेत्र में डिपो

  • ताज डिपो
  • बाह भदावर डिपो
  • ईदगाह डिपो
  • फाउंड्रीनगर डिपो
  • आगरा फोर्ट डिपो
  • मथुरा डिपो

यह भी पढ़ें : जनता की परेशानियों का निपटारा करने में लापरवाही, आगरा के 50 अधिकारियों पर एक्शन

आगरा: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के आगरा परिक्षेत्र में 200 रोडवेज बसें डिपो में ही खडी हैं. ये बसें यात्रियों को दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों का सफर कराने के लिए भेजी गई थीं. सरकारी तंत्र की सुस्ती और नियोजन में कमी से डेढ़ साल से ये बसें डिपो से बाहर नहीं निकल पा रही हैं. जिससे यात्रियों को एक तरफ परेशानी हो रही है तो डग्गामार चांदी काट रहे हैं. इतना ही नहीं, इससे यूपीएसआरटीसी को हर माह छह करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

चालकों-परिचालकों की कमी: बता दें कि यूपीएसआरटीसी के आगरा परिक्षेत्र में 705 रोडवेज बसें हैं. जिसमें से हर दिन करीब 500 बसों का संचालन होता है. आगरा परिक्षेत्र में छह डिपो हैं. इन डिपो से सबसे अधिक बसें नई दिल्ली का सफर कराती हैं. इन रोडवेज बसों की संख्या 110 हैं. जहां पर 1079 परिचालक और 1200 चालक हैं. आगरा परिक्षेत्र में परिचालकों और चालकों की कमी है. जिसकी वजह से ही हर दिन 200 बसों का संचालन नहीं होता है. ये बसें डिपो में ही खड़ी रहती हैं.

भर्ती का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा : आगरा परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक बीपी अग्रवाल ने बताया कि, परिक्षेत्र के छह डिपो में परिचालक और चालक की कमी है. जिसकी वजह से डिपो से 200 रोडवेज बसें हर दिन नहीं निकल पाती हैं. परिक्षेत्र के हर डिपो से चालक और परिचालक के रिक्त पदों भर्ती के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं. ये प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजे हैं. संभावना है कि माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. जिससे 200 बसों का संचालन भी हर दिन किया जाएगा.

400 चालक और करीब 55 परिचालक चाहिए : बता दें कि आगरा परिक्षेत्र में रोडवेज बसों के मुताबिक चालक और परिचालक नहीं हैं. जिसकी वजह से ही रोडवेज बसें डिपो खडी रहती हैं. अधिकारियों के मुताबिक, आगरा परिक्षेत्र में 705 रोडवेज बसें हैं. मगर, 1079 परिचालक और 1200 चालक हैं. अभी करीब 400 चालक और करीब 55 परिचालक की जरूरत है. चालक और परिचालक पदों पर भर्ती हो तो डिपो से निकलकर रोडवेज बसें सडक पर पहुंचे. जिससे यात्रियों को जल्द बसें मिलें. यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि चालक और परिचालक की कमी की शिकायतें कई बार मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों से की गई. भर्ती का प्रस्ताव भी बनाकर भेजे गए हैं. मगर, अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

हर माह छह करोड रुपये का नुकसान : यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों की मानें तो एक बस प्रतिदिन करीब औसत राजस्व दस हजार रुपये अर्जित करती है. ऐसे में 200 रोडवेज बसें तो 18 माह से डिपो में खड़ीं है. राजस्व की गणना करें तो हर माह छह करोड़ रुपये का नुकसान विभाग को हो रहा है. इसके साथ ही यात्रियों को गंतव्य तक जाने के लिए रोडवेज बस आने का इंतजार करना पडता है या डग्गामार वाहन से सफर करना है.

यूपीएसआरटी के आगरा परिक्षेत्र में डिपो

  • ताज डिपो
  • बाह भदावर डिपो
  • ईदगाह डिपो
  • फाउंड्रीनगर डिपो
  • आगरा फोर्ट डिपो
  • मथुरा डिपो

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