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हिमाचल में क्षतिग्रस्त सड़कों व पुलों की मरम्मत के लिए जारी हुई इतनी राशि, "केंद्र सरकार से नहीं मिली सहायता" - Disaster in Himachal Pradesh - DISASTER IN HIMACHAL PRADESH

Money released for road repair: हिमाचल में आई आपदा को लेकर प्रदेश सरकार ने सड़कों के मरम्मत कार्यों को लेकर करोड़ों रुपये की राशि जारी की है. यह जानकारी लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी है. डिटेल में पढ़ें खबर...

Money released for road repair
विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 5, 2024, 9:26 PM IST

विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई की आधी रात को भारी बारिश ने कहर बरपाया. तीन स्थानों पर बादल फटने की बड़ी घटनाओं के कारण सड़कों के साथ कई पुल ध्वस्त हुए हैं. ऐसे में सरकार ने मरम्मत कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को 20 करोड़ रुपये की राशि जारी की है.

ये जानकारी मीडिया से बातचीत में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी. विक्रमादित्य सिंह ने कहा "भारी बारिश और बादल फटने के कारण प्रदेश में जान-माल का बहुत नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सरकार ने लोक निर्माण विभाग के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. इस राशि से क्षतिग्रस्त पुलों एवं सड़कों को जल्द से जल्द यातायात के लिए बहाल किया जाएगा"

लोक निर्माण विभाग को 300 करोड़ का नुकसान

विक्रमादित्य सिंह ने कहा "भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण लोक निर्माण विभाग को प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जिला मंडी के पधर में बादल फटने से सड़क अभी भी यातायात के लिए बंद है, जिसे जल्द ही बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा जिला शिमला व कुल्लू में भी राहत एवं बचाव अभियान जारी है. प्रभावितों को सरकार हर संभव सहायता दे रही है."

विक्रमादित्य सिंह ने कहा मंडी के पधर क्षेत्र का दौरा किया गया है. यहां प्रभावितों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है. उन्होंने कहा सर्वाधिक प्रभावित तीन जिलों कुल्लू, मंडी और शिमला के उपायुक्त आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए जुटे हुए हैं.

लापता लोगों का सर्च अभियान तेज गति से चलाया जा रहा है. इसके लिए पोकलेन मशीनें और जेसीबी लगाई गई हैं. मंत्री ने कहा बीते साल भी टीसीपी एवं साडा मापदंडों के अनुरूप सरकार ने नदी-नालों से 100 मीटर की दूरी तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था. इस फैसले को कड़ाई से लागू करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-4 का काम भी शुरू होने वाला है. इसके तहत 100 से 200 तक की आबादी वाले गावों में सड़कें बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा "केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को अभी तक किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं मिली है. उन्होंने भाजपा के चारों सांसदों से आपदा की इस घड़ी में केंद्र के समक्ष हिमाचल के लिए आर्थिक मदद का मुद्दा उठाए जाने का आग्रह किया ताकि जो लोग आपदा में अपना सब कुछ गंवा बैठे हैं, उन्हें पुनर्स्थापित किया जा सके." उन्होंने कहा 7 अगस्त को वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग से संबंधित कुछ परियोजनाओं को लेकर चर्चा करेंगे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के 3 जिलों में इस दिन भारी बारिश की संभावना, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई की आधी रात को भारी बारिश ने कहर बरपाया. तीन स्थानों पर बादल फटने की बड़ी घटनाओं के कारण सड़कों के साथ कई पुल ध्वस्त हुए हैं. ऐसे में सरकार ने मरम्मत कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को 20 करोड़ रुपये की राशि जारी की है.

ये जानकारी मीडिया से बातचीत में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी. विक्रमादित्य सिंह ने कहा "भारी बारिश और बादल फटने के कारण प्रदेश में जान-माल का बहुत नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सरकार ने लोक निर्माण विभाग के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. इस राशि से क्षतिग्रस्त पुलों एवं सड़कों को जल्द से जल्द यातायात के लिए बहाल किया जाएगा"

लोक निर्माण विभाग को 300 करोड़ का नुकसान

विक्रमादित्य सिंह ने कहा "भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण लोक निर्माण विभाग को प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जिला मंडी के पधर में बादल फटने से सड़क अभी भी यातायात के लिए बंद है, जिसे जल्द ही बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा जिला शिमला व कुल्लू में भी राहत एवं बचाव अभियान जारी है. प्रभावितों को सरकार हर संभव सहायता दे रही है."

विक्रमादित्य सिंह ने कहा मंडी के पधर क्षेत्र का दौरा किया गया है. यहां प्रभावितों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है. उन्होंने कहा सर्वाधिक प्रभावित तीन जिलों कुल्लू, मंडी और शिमला के उपायुक्त आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए जुटे हुए हैं.

लापता लोगों का सर्च अभियान तेज गति से चलाया जा रहा है. इसके लिए पोकलेन मशीनें और जेसीबी लगाई गई हैं. मंत्री ने कहा बीते साल भी टीसीपी एवं साडा मापदंडों के अनुरूप सरकार ने नदी-नालों से 100 मीटर की दूरी तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था. इस फैसले को कड़ाई से लागू करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-4 का काम भी शुरू होने वाला है. इसके तहत 100 से 200 तक की आबादी वाले गावों में सड़कें बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा "केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को अभी तक किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं मिली है. उन्होंने भाजपा के चारों सांसदों से आपदा की इस घड़ी में केंद्र के समक्ष हिमाचल के लिए आर्थिक मदद का मुद्दा उठाए जाने का आग्रह किया ताकि जो लोग आपदा में अपना सब कुछ गंवा बैठे हैं, उन्हें पुनर्स्थापित किया जा सके." उन्होंने कहा 7 अगस्त को वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग से संबंधित कुछ परियोजनाओं को लेकर चर्चा करेंगे.

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