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पंजाब-राजस्थान की सीमा पर बसे दो गांव, सड़क पार बदल जाती है सरकार और सुविधाएं - 300 यूनिट बिजली ​फ्री

राजस्थान और पंजाब की सीमा पर बसे दो गांवों को एक सड़क अलग-अलग करती है. सड़क की एक ओर पंजाब तो दूसरी ओर राजस्थान का इलाका आता है. इससे दोनों गांवों को मिलने वाली सुविधाएं बदल जाती हैं. मजेदार बात ये है कि यहां की एक ही जाति को दोनों राज्यों की सरकारें अलग-अलग श्रेणी का जाति प्रमाण पत्र जारी करती हैं.

government and facilities change on the other side of the road
सड़क के उस और बदल जाती है सरकार और सुविधाएं
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 28, 2024, 7:12 PM IST

Updated : Feb 29, 2024, 10:28 AM IST

गांव की सड़क के उस पार राज्य अलग, तो सुविधाएं भी इतर...

श्रीगंगानगर. राजस्थान-पंजाब सीमा पर स्थित है सादुलशहर पंचायत समिति का अंतिम गांव अलीपुरा एवं पंजाब क्षेत्र का गांव दोदेवाला. सिर्फ एक खडवंजा सड़क इन दोनों गांवों को अलग-अलग करती है. दोनों गांवों में जहां समानताएं हैं, वहीं पंजाब एवं राजस्थान सरकार की अलग-अलग योजनाओं एवं नीतियों के कारण अंतर भी बहुत ज्यादा है. पंजाब में जो सुविधाएं मिल रही हैं, वह राजस्थान में नहीं हैं. स्थानीय निवासियों की मांग है कि राजस्थान सरकार को भी पंजाब सीमा से लगते गांवों के ग्रामीणों को इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए.

दोदेवाला में 300 यूनिट बिजली बिल माफ, महिलाओं को निशुल्क यात्रा: गांव अलीपुरा के पूर्व डायरेक्टर राकेश ओढ, सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत कुमार, जगसीर सिंह, रणजीत मणि आदि ने बताया कि 20 फुट खडवंजा रोड दोनों गांवों को अलग-अलग राज्य से जोड़ती है, लेकिन अंतर बहुत है. साथ लगते दोदेवाला पंजाब की महिलाओं को पंजाब रोडवेज में आधार कार्ड के माध्यम से निशुल्क यात्रा की सुविधा प्राप्त है. पंजाब सरकार प्रत्येक उपभोक्ता को प्रति माह 300 यूनिट बिजली ​फ्री देती है. प्रति दो माह बिजली का बिल आता है, जिसमें 600 यूनिट माफ होने के कारण बिल करीब-करीब शून्य ही आता है. डीजल-पेट्रोल भी पंजाब क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर राजस्थान के मुकाबले सस्ता मिलता है.

पढ़ें: इस अंतिम गांव के किसानों की अजीब दुविधा...रहते राजस्थान में हैं, खेती करने मध्यप्रदेश जाते हैं

एक ही जाति, लेकिन अलग-अलग जाति प्रमाण पत्र: पूर्व डायरेक्टर राकेश ओढ ने यह भी बताया कि राजस्थान के अलीपुरा में रहने वाले ओढ राजपूत जाति के लोगों को ओबीसी वर्ग के जाति प्रमाण पत्र जारी होते हैं, जबकि साथ लगते पंजाब के गांव दोदेवाला के लोगों को पंजाब सरकार की ओर से एससी जाति के प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं. इससे अधिकांश युवा साथ लगते पंजाब के स्कूलों में शिक्षा हासिल कर नौकरी प्राप्त करने में कामयाब हो जाते हैं. चुनावों में भी पंजाब क्षेत्र के गांवों में काफी बदलाव एवं पहुंच आदि देखने को मिलती है.

पढ़ें: भारत-पाक बॉर्डर से सटे गांवों में BSF जवान बांट रहे राशन सामग्री

नाम सुनते ही काट देते हैं फोन: सरपंच एवं पूर्व डायरेक्टर सहित ग्रामीणों ने एक और बड़ी समस्या का जिक्र करते हुए बताया कि क्षेत्र में मोबाइल टॉवर पंजाब रेंज में हैं. दुर्घटना, दंगा-फसाद अथवा सीरियस मरीज होने की स्थिति में जब आपातकालीन सेवाएं एंबुलेंस 108, सेवा 104, पुलिस कंट्रोल रूम 100 नंबर, सेवा 112 पर डायल करने पर पंजाब क्षेत्र के अधिकारी अलीपुरा का नाम सुनते ही राजस्थान में फोन करने का कहकर फोन काट देते हैं. ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को सादुलशहर पुलिस थाना के बेसिक नंबर पर सूचना देनी पड़ती है. या फिर दो किलोमीटर दूर जाकर इन जरूरी सेवाओं का लाभ लेना पड़ता है.

पढ़ें: पाक सीमा पर रहने वाले नागरिक को शाह ने दिया अपना नंबर, बोले- जब भी जरूरी हो फोन कर लेना

कभी खाली नहीं होता पंजाब क्षेत्र का जोहड़: खडंवजा सड़क के बाईं ओर पंजाब क्षेत्र में गांव दोदेवाला का सार्वजनिक जोहड़ है, जो पक्का होने के साथ-साथ पूरे वर्ष भर पानी से लबालब रहता है. पशुओं को पानी पीने के लिए घाट भी बने हुए हैं. खास यह भी है कि जोहड़ पायतन की भूमि नीची होने एवं जोहड़ पक्का होने के कारण बरसात के समय अलीपुरा गांव का पूरा पानी इस जोहड़ में आ जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई दफा पानी इतना अधिक हो जाता है कि साथ लगते पंजाब के गांव दोदेवाला के वाटरवर्क्स परिसर में पहुंच जाता है. यह जोहड़ कभी खाली नहीं होता, जबकि इसकी पानी की बारी भी बंधी हुई नहीं है.

अलीपुरा का जोहड़ बदहाल स्थिति में: इसी खडवंजा सड़क के दाईं ओर राजस्थान के गांव अलीपुरा का कच्चा जोहड़ है. इसमें चारों तरफ कूडा-कचरा, गंदगी अटी पड़ी है. बीच में बरसाती पानी जमा है, जो सडांध मारता है. ग्रामीणों ने बताया कि इस जोहड़ में जमा गंदे पानी को पशु भी नहीं पीते हैं. इसलिए यहां मिट्टी भरवा कर पार्क आदि का निर्माण करवा दिया जाना चाहिए. पशुओं के पानी के लिए तो सड़क के दूसरे किनारे पर दोदेवाला का जोहड़ है ही. सरपंच चरणजीत कौर ने बताया कि इस भूमि पर वर्षों से जोहड़ है, लेकिन रिकार्ड में स्थिति स्पष्ट नहीं है. सरकार बजट उपलब्ध करवाए, तो इस स्थान का जीर्णोधार करवाया जा सकता है.

गांव की सड़क के उस पार राज्य अलग, तो सुविधाएं भी इतर...

श्रीगंगानगर. राजस्थान-पंजाब सीमा पर स्थित है सादुलशहर पंचायत समिति का अंतिम गांव अलीपुरा एवं पंजाब क्षेत्र का गांव दोदेवाला. सिर्फ एक खडवंजा सड़क इन दोनों गांवों को अलग-अलग करती है. दोनों गांवों में जहां समानताएं हैं, वहीं पंजाब एवं राजस्थान सरकार की अलग-अलग योजनाओं एवं नीतियों के कारण अंतर भी बहुत ज्यादा है. पंजाब में जो सुविधाएं मिल रही हैं, वह राजस्थान में नहीं हैं. स्थानीय निवासियों की मांग है कि राजस्थान सरकार को भी पंजाब सीमा से लगते गांवों के ग्रामीणों को इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए.

दोदेवाला में 300 यूनिट बिजली बिल माफ, महिलाओं को निशुल्क यात्रा: गांव अलीपुरा के पूर्व डायरेक्टर राकेश ओढ, सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत कुमार, जगसीर सिंह, रणजीत मणि आदि ने बताया कि 20 फुट खडवंजा रोड दोनों गांवों को अलग-अलग राज्य से जोड़ती है, लेकिन अंतर बहुत है. साथ लगते दोदेवाला पंजाब की महिलाओं को पंजाब रोडवेज में आधार कार्ड के माध्यम से निशुल्क यात्रा की सुविधा प्राप्त है. पंजाब सरकार प्रत्येक उपभोक्ता को प्रति माह 300 यूनिट बिजली ​फ्री देती है. प्रति दो माह बिजली का बिल आता है, जिसमें 600 यूनिट माफ होने के कारण बिल करीब-करीब शून्य ही आता है. डीजल-पेट्रोल भी पंजाब क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर राजस्थान के मुकाबले सस्ता मिलता है.

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एक ही जाति, लेकिन अलग-अलग जाति प्रमाण पत्र: पूर्व डायरेक्टर राकेश ओढ ने यह भी बताया कि राजस्थान के अलीपुरा में रहने वाले ओढ राजपूत जाति के लोगों को ओबीसी वर्ग के जाति प्रमाण पत्र जारी होते हैं, जबकि साथ लगते पंजाब के गांव दोदेवाला के लोगों को पंजाब सरकार की ओर से एससी जाति के प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं. इससे अधिकांश युवा साथ लगते पंजाब के स्कूलों में शिक्षा हासिल कर नौकरी प्राप्त करने में कामयाब हो जाते हैं. चुनावों में भी पंजाब क्षेत्र के गांवों में काफी बदलाव एवं पहुंच आदि देखने को मिलती है.

पढ़ें: भारत-पाक बॉर्डर से सटे गांवों में BSF जवान बांट रहे राशन सामग्री

नाम सुनते ही काट देते हैं फोन: सरपंच एवं पूर्व डायरेक्टर सहित ग्रामीणों ने एक और बड़ी समस्या का जिक्र करते हुए बताया कि क्षेत्र में मोबाइल टॉवर पंजाब रेंज में हैं. दुर्घटना, दंगा-फसाद अथवा सीरियस मरीज होने की स्थिति में जब आपातकालीन सेवाएं एंबुलेंस 108, सेवा 104, पुलिस कंट्रोल रूम 100 नंबर, सेवा 112 पर डायल करने पर पंजाब क्षेत्र के अधिकारी अलीपुरा का नाम सुनते ही राजस्थान में फोन करने का कहकर फोन काट देते हैं. ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को सादुलशहर पुलिस थाना के बेसिक नंबर पर सूचना देनी पड़ती है. या फिर दो किलोमीटर दूर जाकर इन जरूरी सेवाओं का लाभ लेना पड़ता है.

पढ़ें: पाक सीमा पर रहने वाले नागरिक को शाह ने दिया अपना नंबर, बोले- जब भी जरूरी हो फोन कर लेना

कभी खाली नहीं होता पंजाब क्षेत्र का जोहड़: खडंवजा सड़क के बाईं ओर पंजाब क्षेत्र में गांव दोदेवाला का सार्वजनिक जोहड़ है, जो पक्का होने के साथ-साथ पूरे वर्ष भर पानी से लबालब रहता है. पशुओं को पानी पीने के लिए घाट भी बने हुए हैं. खास यह भी है कि जोहड़ पायतन की भूमि नीची होने एवं जोहड़ पक्का होने के कारण बरसात के समय अलीपुरा गांव का पूरा पानी इस जोहड़ में आ जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई दफा पानी इतना अधिक हो जाता है कि साथ लगते पंजाब के गांव दोदेवाला के वाटरवर्क्स परिसर में पहुंच जाता है. यह जोहड़ कभी खाली नहीं होता, जबकि इसकी पानी की बारी भी बंधी हुई नहीं है.

अलीपुरा का जोहड़ बदहाल स्थिति में: इसी खडवंजा सड़क के दाईं ओर राजस्थान के गांव अलीपुरा का कच्चा जोहड़ है. इसमें चारों तरफ कूडा-कचरा, गंदगी अटी पड़ी है. बीच में बरसाती पानी जमा है, जो सडांध मारता है. ग्रामीणों ने बताया कि इस जोहड़ में जमा गंदे पानी को पशु भी नहीं पीते हैं. इसलिए यहां मिट्टी भरवा कर पार्क आदि का निर्माण करवा दिया जाना चाहिए. पशुओं के पानी के लिए तो सड़क के दूसरे किनारे पर दोदेवाला का जोहड़ है ही. सरपंच चरणजीत कौर ने बताया कि इस भूमि पर वर्षों से जोहड़ है, लेकिन रिकार्ड में स्थिति स्पष्ट नहीं है. सरकार बजट उपलब्ध करवाए, तो इस स्थान का जीर्णोधार करवाया जा सकता है.

Last Updated : Feb 29, 2024, 10:28 AM IST
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