शिमला: हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद जहां ड्राई स्पेल खत्म हुआ है और लोगों ने चैन की सांस ली है. वहीं, अब बर्फबारी लोगों के लिए जानलेवा भी होती जा रही है. कहीं, सड़कों पर फिसलन के कारण गाड़ियां दुर्घटना का शिकार हो रही हैं तो कहीं लैंडस्लाइड के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामले में शिमला में हुए लैंडस्लाइड में दो मजदूरों की दबकर मौत हो गई है. वहीं, अब शिमला पुलिस मामले में तफ्तीश करने में जुट गई है.
अश्वनी खड्ड हुआ लैंडस्लाइड: मिली जानकारी के अनुसार बीती देर रात करीब 1 बजे मेहली-जुन्गा रोड पर एक क्रशर साइट के पास लैंडस्लाइड की घटना सामने आई. जिसमें मजदूरों की झोपड़ी ढह गई और मलबे में दबने से 2 मजदूरों की मौत हो गई. वहीं, 5 लोग इससे बच निकले. घटना की सूचना मिलते ही बचाव कार्य के लिए पुलिस, अग्निशमन, एसडीआरएफ और होमगार्ड की टीम मौके पर पहुंच गई.
बिहार के रहने वाले थे मृतक: पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने अग्निशमन और होम गार्ड के जवानों के सहयोग से लगभग एक घंटे में ही मृतकों के शवों को मलबे से बरामद कर लिया. मृतकों की पहचान राकेश (34 वर्षीय) और राजेश कुमार (36 वर्षीय) के तौर पर हुई है. दोनों ही बिहार के रहने वाले थे. जो कि यहां पर मजदूरी का काम करते थे. मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेजा गया है. इसके अलावा घायलों में राहुल कुमार (18 वर्षीय), मेघ साहनी (42 वर्षीय), बैजनाथ राम (35 वर्षीय), अशोक राम (45 वर्षीय) निवासी बिहार और 20 वर्षीय टोनी कुमार निवासी चंबा शामिल हैं. जिला प्रशासन द्वारा मृतकों और घायलों को अंतरिम राहत प्रदान कर दी गई है.
घायलों से मिले डीसी शिमला: सूचना मिलते ही डीसी शिमला अनुपम कश्यप मौके पर पहुंचे और घटना में सुरक्षित निकले मजदूरों से बातचीत की. डीसी शिमला ने हादसे में उनके साथियों की मौत पर उन्हें ढांढस बंधाया. इस मौके पर उपायुक्त ने पुलिस, एसडीआरएफ, फायर और होम गार्ड के बचाव कार्यों में बेहतर प्रयासों की सराहना की. इस दौरान एडीसी अजित कुमार भरद्वाज, एसडीएम शिमला ग्रामीण कविता ठाकुर और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने मामले की पुष्टि करते हुए एसडीआरएफ टीम और अग्निशमन कर्मियों की मदद से शवों को मलबे से बाहर निकाला गया है और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
बीते साल भी लैंडस्लाइड में हुई थी मौतें: गौरतलब है कि बरसात में भी शिमला के समरहिल के शिव मंदिर में बड़ा लैंडस्लाइड हुआ था. जिसमें 20 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई थी. फागली में भी लैंडस्लाइड में 2 लोगों की दबकर मौत हुई थी. वहीं, अब बर्फबारी लोगों के लिए आफत बन गई है. ऊपरी शिमला के रास्ते अभी भी पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाए हैं. सड़कों पर फिसलन बनी हुई है. जिसके चलते यातायात ठप पड़ा हुआ है.
ऊपरी शिमला अभी भी यातायात के लिए बंद: हालांकि सोमवार दोपहर को ऊपरी शिमला को जोड़ने वाले एनएच-305 पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई थी, लेकिन दोपहर बाद हुई हल्की बर्फबारी से इस सड़क पर फिसलन फिर से बढ़ गई. फागू, कुफरी में फिसलन बढ़ने से ऊपरी शिमला के लिए बस सेवा अभी तक बहाल नहीं हो पाई है. ऐसे में आम लोगों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर बुजुर्ग लोगों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कत आ रही हैं.
बर्फबारी से यातायात ठप: जिला भर में 277 सड़कें अभी तक बंद हैं. इसके कारण एचआरटीसी के 181 रूट प्रभावित हैं. वहीं, विभिन्न रूटों पर 29 बसें अभी भी फंसी हुई है. तारादेवी देवी यूनिट में सबसे ज्यादा 80 रूट बंद हैं और 11 बसें विभिन्न रूटों पर फंसी हुई है. इसके अलावा शिमला लोकल में 2 रूट प्रभावित हैं और 2 ही बसें फंसी हुई हैं. रिकांग पिओ में 20 रूट प्रभावित है और एक बस फंसी हुई है. रोहड़ू में 27 रूट प्रभावित है और 5 बसें फंसी हुई है. रामपुर में 15 रूट बंद है और 6 बसें फंसी हुई हैं. शिमला ग्रामीण में 25 रूट बंद हैं और 04 बसें फंसी हुई है. करसोग में 7 रूट प्रभावित है.
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