अयोध्या : राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे मंदिरों के निर्माण को जनवरी तक पूरा करने के लिए 500 श्रमिकों को और बढ़ा दिया गया है. निर्माण समिति लगातार कार्यों की निगरानी कर रही है. बीते माह श्रमिकों कि संख्या कम होने निर्माण कार्य पर पड़ रहे प्रभाव से कार्यदायी संस्था एलएंडटी को संख्या बढ़ाए जाने का निर्देश दिया था. ट्रस्ट के मुताबिक श्रमिकों की संख्या लगभग 2200 पहुंच गया है. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र गुरुवार को अयोध्या पहुंचे और हनुमान गढ़ी व रामलला का दर्शन कर राम मंदिर के लोवर प्लीथ में आइकोनोग्राफी से दर्शाए जा रहे रामायण की प्रसंग पर आधारित चित्र के कार्यों की बारीकी से निरीक्षण किया.
राम मंदिर का शिखर और परिसर में बना रहे मंदिरों के कार्यों को जनवरी तक पूरा हो जिसको लेकर राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई. कार्यदायी संस्था एलएंडटी व टाटा के इंजीनियरों के साथ बैठक कर चल रहे निर्माण कार्य की विस्तृत जानकारी ली. साथ ही नृपेंद्र मिश्रा ने राम मंदिर के प्रथम तल व दूसरे तल और शिखर निर्माण के कार्यों की जानकारी ली. सप्त मंडपम व शेषावतार मंदिर के निर्माण की प्रगति भी पर भी मंथन किया.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक 25 दिसंबर को होगी. जिसमें मंदिर के द्वितीय तल और शिखर निर्माण, परकोटा निर्माण और अन्य मंदिरों का निर्माण की विस्तृत जानकारी ली है. उन कार्यों को वहां तक पहुंच कर बारीकी से देखा भी गया है. बताया गया कि शिखर निर्माण में लगभग 10 से अधिक लेयर लगाए जा चुके हैं. अब मंदिर निर्माण के इस कार्यों में लगभग 500 मजदूरों को अतिरिक्त बढ़ा दिया गया है. जिससे सभी कार्य को अपने समयानुसार पूरा किया जा सके.
जन्मभूमि परिसर में बन रहे 18 मंदिर : राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के साथ पर कोटा में शिव मंदिर, सूर्य मंदिर, दुर्गा माता मंदिर, गणेश मंदर, अन्नपूर्णा मंदिर और हनुमान मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. 70 एकड़ परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता अहिल्या और शबरी का मंदिर बन रहे हैं. राम मंदिर के वार्षिक उत्सव के पहले शिखर निर्माण समेत परकोटा में छह देवी देवताओं का मंदिर और राम जन्मभूमि परिसर में सप्त ऋषियों के मंदिरों को तैयार किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : राम मंदिर में निर्माण का काम फिर से शुरू, राजस्थान और गुजरात से 2000 कारीगर लौटे