सुपौल: नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण बिहार से होकर गुजरने वाली कई नदियां उफान पर हैं. बताया जा रहा कि कोसी नदी के जलस्तर में इस साल का सर्वाधिक बढ़ोतरी होने वाली है. ऐसे में निचले इलाकों में पानी घुस जाने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
कोसी नदी का बढ़ा जलस्तर: दरअसल, सोमवार की शाम छह बजे कोसी नदी के कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार नदी का जलस्तर 95 हजार 435 क्यूसेक स्थिर अवस्था में दर्ज किया गया है. जबकि जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह में नदी का डिस्चार्ज 53 हजार 750 क्यूसेक दर्ज गया है. जो स्टेडिंग है.
बालू की अधिक मात्रा को देखते हुए फ्लेसिंग: वहीं कोसी बराज के 56 में से 16 फाटक को खोल दिया गया है. सोमवार को भी नदी में बालू की अधिक मात्रा को देखते हुए फ्लेसिंग किया गया. जिससे पूर्वी और पश्चिमी दोनों ही मुख्य नहर में सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा जा सका है. वहीं, कौशिकी भवन स्थित मुख्य अभियंता के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार नदी के दोनों ही तटबंध अपने सभी स्टर्ड व स्परों के साथ सुरक्षित है. तटबंध पर निगरानी और चौकसी जारी है.
सभी अभियंताओं को अलर्ट मोड पर रखा गया: गौरतलब है कि 1 जून से बाढ़ काल अवधि शुरू हो चुका है. कोसी तटबंध की निगरानी के लिए सभी अभियंता को अलर्ट मोड पर रखा गया है. सभी अभियंताओं की छुट्टी अगले आदेश तक रद्द कर दी गयी है. वहीं, पुलिस बल को तटबंध की सुरक्षा में लगाया गया है. फिलहाल किसी भी तटबंध व गाइड बांध पर नदी का दवाब नहीं है.
पटना में घट रहा गंगा का जलस्तर: वहीं, जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट की माने तो पिछले तीन सालों में जून महीने में गंगा में पानी लगभग एक मीटर नीचे जा चुका है. गंगा जैसी नदियों पर काम करने वाले विशेषज्ञ भी कहते हैं की स्थिति चिंताजनक है. नदियों का जो जल स्रोत है, वहां से भी पानी कम आ रहा है और लगातार हो रहे नदियों में कंस्ट्रक्शन से भी असर पड़ा है.
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