भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर 15वें दिन बुधवार को भी भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज का महापड़ाव जारी रहा. बुधवार को जिले के डेहरा मोड पर भी जाट समाज ने महापड़ाव डाल दिया. वहीं आरक्षण संघर्ष समिति के निर्देशन में 51 लोगों की टीम समाज के लोगों से संपर्क कर आंदोलन को गति दे रही है. वहीं संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा है कि यदि सरकार ने जल्द गंभीरता से विचार नहीं किया, तो समाज पटरी और सड़क पर जाने को मजबूर होगा.
हस्ताक्षर अभियान जल्द: जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि आंदोलन को गति देने के लिए जल्द ही गांव-गांव हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. जब तक केंद्र सरकार के साथ वार्ता नहीं होगी, तब तक गांधीवादी तरीके से महापड़ाव जारी रहेगा. जिले में जगह-जगह महापड़ाव किए जाएगे. इसी के तहत बुधवार को बीलोट रोड पर डेहरा मोड के पास महापड़ाव शुरू किया गया.
नेम सिंह ने बताया कि समाज को जागरूक करने और आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए 51 लोगों की टीम गांव-गांव जाकर संपर्क कर रही है. अगर सरकार ने जाट समाज के युवाओं के भविष्य को लेकर गम्भीरता से विचार नहीं किया, तो ये सभी महापड़ाव सड़क और पटरी पर जाने को विवश होंगे. इसके लिए जाट समाज जिम्मेदार नहीं होगा बल्कि सरकार जिम्मेदार होगी. इतना ही नहीं इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को भुगतना पड़ेगा. नेम सिंह ने बताया कि केंद्रीय मंत्री से वार्ता के लिए 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल इंतजार कर रहा है. केंद्र से सूचना मिलते ही वार्ता की जाएगी. महापड़ाव की अध्यक्षता करन सिंह पहलवान ने की. लाखन सिंह, ओमवीर सिंह कुम्हा, जोगेन्द्र बसेरी आदि ने भी संबोधित किया.
गौरतलब है कि दोनों जिलों के जाट समाज की ओर से 17 जनवरी से जयचोली में महापड़ाव जारी है. जब तक आरक्षण नहीं मिल जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. जाट समाज की तीन सूत्रीय मांग है. इनमें दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले. समाज 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए उन्हें हटाया जाए.