नैनीताल: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फैले मखमली घास के मैदान यानी बुग्याल को मानवीय गतिविधियों से बचाने को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आगामी 16 अगस्त को उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल मनाया जाना है. ऐसे में दयारा पर्यटन विकास समिति ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर 2,500 से ज्यादा लोगों के बुग्याल में जाने की अनुमति देने की मांग की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सिर्फ 1,500 लोगों को जाने की अनुमति दी है.
गौर हो कि साल 2018 में नैनीताल कोर्ट ने बुग्यालों को संरक्षित करने के लिए राज्य सरकार को कई निर्देश जारी किए थे. इससे पहले कोर्ट ने अपने आदेश में बुग्यालों में 200 से ज्यादा लोगों की आवाजाही, रात में रहने समेत ज्यादा लोगों के जाने पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा पक्के निर्माण समेत अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर भी रोक लगा दी थी, लेकिन उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में हर साल भाद्रपद माह की संक्रांति को पारंपरिक और धार्मिक पर्व अंढूड़ी उत्सव मनाते हैं. जिसमें पांच गांवों के लोगों का पहुंचना जरूरी होता है.
इस दिन दूध, मक्खन, मट्ठे की होली खेली जाती है, जिस वजह से इसे बटर फेस्टिवल भी कहते हैं. हाईकोर्ट के बुग्याल में मानवीय गतिविधियों पर रोक से इस फेस्टिवल को लेकर पशोपेश की स्थिति पैदा हो गई थी. ऐसे में बटर फेस्टिवल का आयोजन कराने वाली दयारा पर्यटन विकास समिति ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक प्रार्थना पत्र पेश किया. जिसमें उनका कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तराखंड के बुग्यालों में एक समय पर 200 से ज्यादा लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है.
हाईकोर्ट ने समिति से मांगी थी लोगों की लिस्ट: इस बार भाद्रपक्ष की प्रथम एकादशी और द्वादशी 15 से 16 अगस्त को पड़ रही है. दयारा पर्यटन विकास समिति ने कहा कि उस दौरान यह फेस्टिवल होना है. इसलिए उन्हें 200 से ज्यादा लोगों को जाने की अनुमति दी जाए. मंगलवार 6 अगस्त को मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि बटर फेस्टिवल में कितने लोग प्रतिभाग करेंगे? उसकी लिस्ट हाईकोर्ट को दें.
1,500 लोगों को जाने की मिली अनुमति, 200-200 के हिसाब से बुग्याल भेजने होंगे लोग: आज बुधवार को याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इसमें करीब 2,500 लोग प्रतिभाग करेंगे. इसलिए उन्हें जाने की अनुमति दी जाए. जिस पर हाईकोर्ट ने केवल 1,500 लोगों को जाने की अनुमति दी.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि सरकार एक साथ 1,500 लोगों को न भेजे. 200-200 के हिसाब से भेजें और आने-जाने का समय भी निर्धारित करें. व्यवस्था बनाए रखने के लिए वन विभाग और पुलिस के कर्मचारी तैनात करें. साथ ही फेस्टिवल समाप्त होने के बाद वहां सफाई करके उसकी फोटो कोर्ट में पेश करें.
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