जयपुर. राजस्थान विधानसभा के 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में अब तक का रिकॉर्ड 75.33 फीसदी मतदान हुआ है. इनमें सर्वाधिक मतदान वाले बूथ के बीएलओ को आज 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने सम्मानित किया. इन बीएलओ ने घर-घर जाकर नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े और मतदान के लिए भी घर-घर जाकर मतदाताओं को वोट देने के लिए प्रेरित किया.
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुए कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने डूंगरपुर के आरपुर विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ बहादुर सिंह मीणा, राजसमंद के बीएलओ जीतमल सालवी, पाली जिले के रास के बीएलओ बगदाराम गुर्जर, जोधपुर की लूणी की बीएलओ मंजू, झुंझुनूं जिले के खेतड़ी के बीएलओ रामनिवास बजाड़, सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के बीएलओ कैलाश भंवरिया और नागौर के मकराना क्षेत्र के बीएलओ प्रेमसिंह को सम्मानित किया. इन सभी के बूथ पर मतदान प्रतिशत 90 से 97 फीसदी के बीच रहा है और ये सभी लंबे समय से बीएलओ का काम कर रहे हैं. इस मौके पर कुल 35 अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मानित किया गया.
पढ़ें: राष्ट्रीय मतदाता दिवस : इस शख्स का अनूठा अभियान, अब तक हजारों को किया मतदान के लिए जागरूक
सशक्त लोकतंत्र के लिए समर्पित भाव से करें काम: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि सशक्त लोकतंत्र के लिए मतदाता जागरूकता अहम है. उन्होंने निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को समर्पित भाव से काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता के लिए चलाया जा रहा अभियान हर गांव-ढाणी और स्कूल-कॉलेज तक पहुंचे. लोकतंत्र में एक-एक वोट कीमती है. ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में भागीदारी निभाएंगे तभी राज्य और राष्ट्र को कुशल नेतृत्व प्रदान करने की मुहिम में आगे बढ़ सकेंगे.
नाम जुड़वाने-वोटिंग में महिलाएं आगे: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि पिछले साल 22 लाख नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में जोड़े गए हैं. जिन पांच राज्यों में पिछले साल चुनाव हुए. उनमें सबसे ज्यादा वोटर राजस्थान में जुड़े. मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के साथ ही मतदान में भी महिलाओं की तादाद पुरुषों से ज्यादा रही है. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है.
पढ़ें: National Voters Day Program: राज्यपाल बोले- दबाव में नहीं, काम के आंकलन पर चुनें प्रतिनिधि
हर तीन महीने में जुड़वा सकते हैं नाम: अब हर तीन महीने में मतदाता सूची में नाम जुड़वाया जा सकता है. इसके लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से वोटिंग की सुविधा शुरू की गई. इसके तहत 78 फीसदी पंजीकृत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया. सी-विजिल एप से 23 हजार शिकायतों का निस्तारण किया गया.
घर-घर जाकर करते समझाइश: हनुमानगढ़ के सूचना सहायक पवन कुमार स्वामी को भी राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित किया गया. उनका कहना है कि शादी से पहले और शादी के बाद लड़कियों और नव विवाहिताओं का नाम मतदाता सूची में जुड़वाना और मतदाता परिचय पत्र बनवाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. घर-घर जाकर समझाइश करवाने बाद भी कई बार लोग नाम नहीं जुड़वाते. ऐसे में सरपंच, वार्डपंच के साथ ही अन्य प्रबुद्ध लोगों के जरिए समझाइश कर नाम जुड़वाए जा रहे हैं.