लखनऊ : बीते दिनों कुछ एक इलाकों में तापमान में उतार-चढ़ाव भले ही हुआ है, लेकिन प्रदेश में हीट वेव (स्ट्रोक) का प्रकोप कम नहीं हुआ है. प्रदेश भर में पिछले एक सप्ताह में 821 हीट स्ट्रोक मरीजों की पुष्टि हुई है और हीट वेव की गिरफ्त में आकर 23 मरीजों की मौत हो चुकी है. इस प्रकार बीते डेढ़ सप्ताह में कुल 1498 हीट स्ट्रोक के मरीजों की पुष्टि हुई है.
भीषण गर्मी से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. नगर विकास विभाग द्वारा खुले स्थानों पर छांव व ठंडे पेयजल की व्यवस्था की जा रही है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर अस्पताल में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए तत्काल कारगर इलाज की व्यवस्था के साथ ही हीट वेव से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके बाद भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि 1 से 9 जून के बीच हीट स्ट्रोक के कुल 821 मरीज पंजीकृत हुए और छह की मौत हुई है. हीट वेव से अब तक 23 मरीजों की मौत हो चुकी है और छह की मौत संदिग्ध है. उन्होंने बताया कि इनमें वे 15 मृतक भी शामिल हैं, जिन्हें पुष्टि न होने पर संदिग्ध माना गया था. दरअसल, बीते दिनों मतदान ड्यूटी के दौरान मिर्जापुर में 13 कर्मियों की और कौशांबी के दो अन्य मरीजों की मौत हो गई थी. इतना ही नहीं, गत 27 मई से 1 जून तक के मरीजों पर गौर करें तो मात्र चार दिनों में 677 हीट स्ट्रोक के मरीज मिले थे, साथ ही दो की मौत हुई थी. मालूम हो कि वर्षों बाद हीट वेव ने अपना कहर दिखाया है. भीषण गर्मी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है. अप्रत्याशित मौतें हुई हैं, सरकार द्वारा दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर न निकलने की हिदायत भी दी गई.
इन जिलों में हीट वेव का प्रभाव ज्यादा : सबसे ज्यादा मरीज हमीरपुर, महोबा, अयोध्या, बुलंदशहर, मिर्जापुर, गाजीपुर, भदोही, वाराणसी, फतेहपुर आदि जिलों में मिले हैं. सभी अस्पतालों में कोल्ड रूम के साथ ही बेड आरक्षित हैं. पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं. हीट स्ट्रोक मरीजों के इलाज में कोताही न हो इसके लिए जिलाधिकारी समेत सीएमओ द्वारा निगरानी की जा रही है.
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