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दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में 14 लोगों की मौत, सरकार ने 48 घंटे में मांगी र‍िपोर्ट - Asha Kiran Home Death Case

Asha Kiran Home Death Case: दिल्ली के रोहिणी स्थित सरकारी शेल्टर होम 'आशा किरण' में जनवरी 2024 से अब तक हुई 14 लोगों की मौत से संबंधित मामले में मंत्री आतिशी ने एसीएस राजस्व को तत्काल पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.

राजस्‍व मंत्री आत‍िशी ने द‍िए मज‍िस्‍ट्रेट जांच के आदेश
राजस्‍व मंत्री आत‍िशी ने द‍िए मज‍िस्‍ट्रेट जांच के आदेश (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 2, 2024, 2:01 PM IST

Updated : Aug 2, 2024, 7:15 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित आशा कारण होम में जनवरी माह से अब तक करीब 14 लोगों की रहस्यमयी तरीके से मौत होने का मामला सामने आया है. इस मामले पर द‍िल्‍ली सरकार ने गंभीर रूख अख्‍त‍ियार करते हुए मजिस्ट्रियल इंक्वारी करने के आदेश दिए हैं. इस बाबत द‍िल्‍ली की राजस्व मंत्री आत‍िशी ने की ओर से एक नोट राजस्व विभाग के अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी को ल‍िखा गया है. और मामले की जांच अगले 48 घंटे में पूरी कर र‍िपोर्ट सबम‍िट करने के न‍िर्देश द‍िए हैं. इस बाबत द‍िए गए न‍िर्देशों की प्रत‍ि मुख्य सचिव को भेजी गई है.

'कुपोषण की वजह से हुई मौत': राजस्व मंत्री आत‍िशी ने इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा है, "जनवरी 2024 से अब तक दिल्ली सरकार के होम फॉर द मेंटालिटी मेंटली चैलेंज्ड (आशा क‍िरण), रोहिणी में 14 लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है. इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट आई है जिसको गंभीरता से लिया गया है. यह सभी मौतें स्वास्थ्य कारणों और कुपोषण की वजह से बताई गई हैं. और यह भी संकेत मिले हैं कि आशा कि‍रण होम में रहने वाले लोगों को वह सभी जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं जोक‍ि म‍िलनी चाह‍िए. यह मामला बेहद ही हैरान करने वाला है और यह बुरी खबर है."

मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आशा किरण आश्रय गृह में जुलाई में 14 कैदियों (13 वयस्क और एक नाबालिग) की मौत हो गई. इन 14 कैदियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है. इनमें से कई को कई अन्य बीमारियां भी थीं. हालांकि, यह एक गंभीर मुद्दा है. इसलिए, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है."

196 BNSS के तहत कार्रवाई हमाने पहले ही कर ली है. मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम या फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, मजिस्ट्रेट जांच में जो भी सामने आता है, मजिस्ट्रेट से हमें जो भी निर्देश मिलते हैं, हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे." -गुरइकबाल सिंह सिद्धू, DCP रोहिणी

NCPCR ने सरकार को भेजा नोटिसः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारणों का पता चलेगा. उस आधार कर आगे का कदम उठाएंगे.

आशा किरण में 450 लोगों का है स्टाफ: मंत्री आतिशी ने बताया कि आशा किरण शेल्टर होम में 24 घंटे मेडिकल केयर यूनिट रहती है. जिसमें 6 डॉक्टर और 17 नर्स हैं. यहां पर 450 फुल टाइम केयर गिवर्स, जिन्हें हाउस आंटी के नाम से जाना जाता है, जो 3 स्विफ्ट में काम काम करती हैं. जुलाई में 14 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से एक किशोर की भी मौत हुई है. जिनकी मौत हुई है उन्हें कई समस्याएं थी. लेकिन मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चल पाएगा. मजिस्ट्रियल इंक्वारी बैठाई गई है. कुछ लोग जून से ही हॉस्पिटल में थे. इस जांच में किसी की भी लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. वहां पर 980 लोग रहते हैं. और उनकी देखरेख के लिए 450 स्टाफ है.

600 लोगों की है क्षमता, रहते हैं 980 लोग: आतिशी ने बताया कि इस बार के बजट में फिजिकली चैलेंज्ड लोगों के लिए एक और शेल्टर होम बनाने का प्रस्ताव है. आशा किरण शेल्टर होम में करीब 600 लोगों की क्षमता है. यहां 980 लोग रहते हैं, लेकिन यहां पर जितने भी लोग हैं उनकी संख्या के अनुसार फैसिलिटी के लिए पर्याप्त स्टाफ है.

यह भी पढ़ें- पेड़ कटाई मामला: मुख्य सचिव के हलफनामे में LG को क्लीन चिट, SC में कहा LG ने नहीं दिए पेड़ काटने के आदेश

मंत्री ने न‍िर्देश देते हुए यह भी साफ क‍िया है, "इस मामले में बरती जाने वाली लापरवाही और कम‍ियों को क‍िसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." उन्‍होंने कहा क‍ि अगर यह वास्तविक है तो यह मामला बेहद गंभीर है. इसकी तुरंत जांच करने और कठोर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है. साथ ही आशा क‍िरण होम में और दूसरे अन्य होम्स में रहने वाली सभी की स्थिति को सुधारने के साथ-साथ मौजूदा सिस्टम को रिकंस्ट्रक्ट करने की दिशा में कठोर कदम उठाए जाने चाहिए.

48 घंटे के भीतर सबमिट करे डिटेल रिपोर्ट: मंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को निर्देश दिए हैं कि इस मामले की तुरंत मजिस्ट्रेट इंक्वारी की जाए और 48 घंटे के भीतर डिटेल रिपोर्ट भेज सबमिट की जाए. साथ ही इन मौतों के मामलों में जो भी जिनकी लापरवाही से हुईं हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए. साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं घटित ना हो, इसको लेकर भी सुझाव दिए जाएं.

कब-कब हुईं आशा क‍िरण होम में मौतें: इस बीच देखा जाए तो आशा क‍िरण होम में इस तरह से होने वाली मौतों का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी यहां मौत होने के मामले सामने आते रहे हैं. एक र‍िकॉर्ड के मुताब‍िक साल 2011 से लेकर 2017 के बीच में आशा क‍िरण होम में 123 पुरूष और 73 मह‍िलाओं की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. 2017-18 में नवंबर-दिसंबर के मध्‍य में 7 मौतें र‍िकॉर्ड की गईं थीं.

यह भी पढ़ें- रिश्वतखोर कर्मचारियों पर सीबीआई का शिकंजा, दो अलग-अलग मामलों में 4 गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित आशा कारण होम में जनवरी माह से अब तक करीब 14 लोगों की रहस्यमयी तरीके से मौत होने का मामला सामने आया है. इस मामले पर द‍िल्‍ली सरकार ने गंभीर रूख अख्‍त‍ियार करते हुए मजिस्ट्रियल इंक्वारी करने के आदेश दिए हैं. इस बाबत द‍िल्‍ली की राजस्व मंत्री आत‍िशी ने की ओर से एक नोट राजस्व विभाग के अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी को ल‍िखा गया है. और मामले की जांच अगले 48 घंटे में पूरी कर र‍िपोर्ट सबम‍िट करने के न‍िर्देश द‍िए हैं. इस बाबत द‍िए गए न‍िर्देशों की प्रत‍ि मुख्य सचिव को भेजी गई है.

'कुपोषण की वजह से हुई मौत': राजस्व मंत्री आत‍िशी ने इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा है, "जनवरी 2024 से अब तक दिल्ली सरकार के होम फॉर द मेंटालिटी मेंटली चैलेंज्ड (आशा क‍िरण), रोहिणी में 14 लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है. इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट आई है जिसको गंभीरता से लिया गया है. यह सभी मौतें स्वास्थ्य कारणों और कुपोषण की वजह से बताई गई हैं. और यह भी संकेत मिले हैं कि आशा कि‍रण होम में रहने वाले लोगों को वह सभी जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं जोक‍ि म‍िलनी चाह‍िए. यह मामला बेहद ही हैरान करने वाला है और यह बुरी खबर है."

मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आशा किरण आश्रय गृह में जुलाई में 14 कैदियों (13 वयस्क और एक नाबालिग) की मौत हो गई. इन 14 कैदियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है. इनमें से कई को कई अन्य बीमारियां भी थीं. हालांकि, यह एक गंभीर मुद्दा है. इसलिए, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है."

196 BNSS के तहत कार्रवाई हमाने पहले ही कर ली है. मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम या फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, मजिस्ट्रेट जांच में जो भी सामने आता है, मजिस्ट्रेट से हमें जो भी निर्देश मिलते हैं, हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे." -गुरइकबाल सिंह सिद्धू, DCP रोहिणी

NCPCR ने सरकार को भेजा नोटिसः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारणों का पता चलेगा. उस आधार कर आगे का कदम उठाएंगे.

आशा किरण में 450 लोगों का है स्टाफ: मंत्री आतिशी ने बताया कि आशा किरण शेल्टर होम में 24 घंटे मेडिकल केयर यूनिट रहती है. जिसमें 6 डॉक्टर और 17 नर्स हैं. यहां पर 450 फुल टाइम केयर गिवर्स, जिन्हें हाउस आंटी के नाम से जाना जाता है, जो 3 स्विफ्ट में काम काम करती हैं. जुलाई में 14 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से एक किशोर की भी मौत हुई है. जिनकी मौत हुई है उन्हें कई समस्याएं थी. लेकिन मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चल पाएगा. मजिस्ट्रियल इंक्वारी बैठाई गई है. कुछ लोग जून से ही हॉस्पिटल में थे. इस जांच में किसी की भी लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. वहां पर 980 लोग रहते हैं. और उनकी देखरेख के लिए 450 स्टाफ है.

600 लोगों की है क्षमता, रहते हैं 980 लोग: आतिशी ने बताया कि इस बार के बजट में फिजिकली चैलेंज्ड लोगों के लिए एक और शेल्टर होम बनाने का प्रस्ताव है. आशा किरण शेल्टर होम में करीब 600 लोगों की क्षमता है. यहां 980 लोग रहते हैं, लेकिन यहां पर जितने भी लोग हैं उनकी संख्या के अनुसार फैसिलिटी के लिए पर्याप्त स्टाफ है.

यह भी पढ़ें- पेड़ कटाई मामला: मुख्य सचिव के हलफनामे में LG को क्लीन चिट, SC में कहा LG ने नहीं दिए पेड़ काटने के आदेश

मंत्री ने न‍िर्देश देते हुए यह भी साफ क‍िया है, "इस मामले में बरती जाने वाली लापरवाही और कम‍ियों को क‍िसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." उन्‍होंने कहा क‍ि अगर यह वास्तविक है तो यह मामला बेहद गंभीर है. इसकी तुरंत जांच करने और कठोर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है. साथ ही आशा क‍िरण होम में और दूसरे अन्य होम्स में रहने वाली सभी की स्थिति को सुधारने के साथ-साथ मौजूदा सिस्टम को रिकंस्ट्रक्ट करने की दिशा में कठोर कदम उठाए जाने चाहिए.

48 घंटे के भीतर सबमिट करे डिटेल रिपोर्ट: मंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को निर्देश दिए हैं कि इस मामले की तुरंत मजिस्ट्रेट इंक्वारी की जाए और 48 घंटे के भीतर डिटेल रिपोर्ट भेज सबमिट की जाए. साथ ही इन मौतों के मामलों में जो भी जिनकी लापरवाही से हुईं हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए. साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं घटित ना हो, इसको लेकर भी सुझाव दिए जाएं.

कब-कब हुईं आशा क‍िरण होम में मौतें: इस बीच देखा जाए तो आशा क‍िरण होम में इस तरह से होने वाली मौतों का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी यहां मौत होने के मामले सामने आते रहे हैं. एक र‍िकॉर्ड के मुताब‍िक साल 2011 से लेकर 2017 के बीच में आशा क‍िरण होम में 123 पुरूष और 73 मह‍िलाओं की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. 2017-18 में नवंबर-दिसंबर के मध्‍य में 7 मौतें र‍िकॉर्ड की गईं थीं.

यह भी पढ़ें- रिश्वतखोर कर्मचारियों पर सीबीआई का शिकंजा, दो अलग-अलग मामलों में 4 गिरफ्तार

Last Updated : Aug 2, 2024, 7:15 PM IST
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