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प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर का 131वां पाटोत्सव: ठाकुर जी के कसा पारम्परिक साफा और तलवार - Ramchandra ji Mandir Patotsav - RAMCHANDRA JI MANDIR PATOTSAV

जयपुर के प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर का 131वां पाटोत्सव रविवार को मनाया गया. इस मौके पर ठाकुर जी को नवनिर्मित पोशाक के साथ साफा लगाया गया और विशेष आभूषण धारण कराए गए.

Ramchandra ji Mandir Patotsav
रामचंद्र जी मंदिर का 131वां पाटोत्सव (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 12, 2024, 4:58 PM IST

Updated : May 12, 2024, 10:10 PM IST

रामचंद्र जी मंदिर के 131वें पाटोत्सव पर भगवान का मनोरम शृंगार (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. छोटी काशी के प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर में रविवार को 131वां पाटोत्सव मनाया गया. भगवान के मंत्रोच्चारण के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही स्टेट पीरियड के राजसी पीली जरदोजी की पोशाक और आभूषण धारण कराए गए. इस दौरान भगवान श्री रामचंद्र जी के जयपुर की परंपरा से जुड़ा साफा और तलवार भी कसी गई.

जयपुर के परकोटा क्षेत्र में चांदपोल बाजार स्थित प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर में रविवार को रामनवमी का नजारा देखने को मिला. मौका था मंदिर के पाटोत्सव का. मंदिर महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि वैशाख शुक्ल पंचमी को ठाकुर जी का 131वां पाटोत्सव मनाया जा रहा है. मंदिर में चारों भाई और जानकी सहित पूरा राम दरबार है. जिनका पाटोत्सव के तहत मंगला झांकी के बाद शृंगार आरती हुई. इसके बाद ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक, पंचामृत अभिषेक, सर्वोषधि अभिषेक किया गया. इसके बाद ठाकुर जी का शृंगार कर साफा और तलवार कसी गई और वर्ष पूजन किया गया. इसके बाद जन्म की आरती हुई.

पढ़ें: जयपुर में धूमधाम से मना नगर आराध्य गोविंद देवजी का पाटोत्सव, प्रभु ने धारण किए पीत वस्त्र, मां सरस्वती की हुई विधिवत पूजा

उन्होंने बताया कि जिस समय राजपूत समाज में जन्मदिन के दिन साफा बांधा जाता है, तलवार कसी जाती है, उसी ढंग से ठाकुर जी का शृंगार किया गया. नवनिर्मित पोशाक के साथ साफा लगाया गया और विशेष आभूषण धारण कराए गए. इन आभूषणों में कुंदन मीना जड़ित आभूषण, नथ बेसर, सोने माणक की कंठी, पन्ने का बलेवड़ा, पंचमोती की माला, माणक की पंचमाला, हीरे जड़ित कंठी और कड़े धारण कराए गए.

पढ़ें: श्री कृष्ण बलराम मंदिर का 12वां पाटोत्सव, पांच दिन चलेगा विशाल महोत्सव - Patotsav Of Krishna Balram Mandir

आपको बता दें कि ये मंदिर जयपुर की विरासत में शामिल है. मंदिर का इतिहास 131 साल पुराना है. इस मंदिर का निर्माण तत्कालीन महाराजा राम सिंह की पत्नी गुलाब कंवर धीरावत (माजी साहब) ने करवाया था. इस मंदिर के निर्माण में करीब 20 वर्ष का समय लगा था. जयपुर में अपने तरह का ये एकमात्र मंदिर है. जिसे अयोध्या के कनक भवन की तर्ज पर बनाया गया.

रामचंद्र जी मंदिर के 131वें पाटोत्सव पर भगवान का मनोरम शृंगार (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. छोटी काशी के प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर में रविवार को 131वां पाटोत्सव मनाया गया. भगवान के मंत्रोच्चारण के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही स्टेट पीरियड के राजसी पीली जरदोजी की पोशाक और आभूषण धारण कराए गए. इस दौरान भगवान श्री रामचंद्र जी के जयपुर की परंपरा से जुड़ा साफा और तलवार भी कसी गई.

जयपुर के परकोटा क्षेत्र में चांदपोल बाजार स्थित प्राचीन रामचंद्र जी मंदिर में रविवार को रामनवमी का नजारा देखने को मिला. मौका था मंदिर के पाटोत्सव का. मंदिर महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि वैशाख शुक्ल पंचमी को ठाकुर जी का 131वां पाटोत्सव मनाया जा रहा है. मंदिर में चारों भाई और जानकी सहित पूरा राम दरबार है. जिनका पाटोत्सव के तहत मंगला झांकी के बाद शृंगार आरती हुई. इसके बाद ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक, पंचामृत अभिषेक, सर्वोषधि अभिषेक किया गया. इसके बाद ठाकुर जी का शृंगार कर साफा और तलवार कसी गई और वर्ष पूजन किया गया. इसके बाद जन्म की आरती हुई.

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उन्होंने बताया कि जिस समय राजपूत समाज में जन्मदिन के दिन साफा बांधा जाता है, तलवार कसी जाती है, उसी ढंग से ठाकुर जी का शृंगार किया गया. नवनिर्मित पोशाक के साथ साफा लगाया गया और विशेष आभूषण धारण कराए गए. इन आभूषणों में कुंदन मीना जड़ित आभूषण, नथ बेसर, सोने माणक की कंठी, पन्ने का बलेवड़ा, पंचमोती की माला, माणक की पंचमाला, हीरे जड़ित कंठी और कड़े धारण कराए गए.

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आपको बता दें कि ये मंदिर जयपुर की विरासत में शामिल है. मंदिर का इतिहास 131 साल पुराना है. इस मंदिर का निर्माण तत्कालीन महाराजा राम सिंह की पत्नी गुलाब कंवर धीरावत (माजी साहब) ने करवाया था. इस मंदिर के निर्माण में करीब 20 वर्ष का समय लगा था. जयपुर में अपने तरह का ये एकमात्र मंदिर है. जिसे अयोध्या के कनक भवन की तर्ज पर बनाया गया.

Last Updated : May 12, 2024, 10:10 PM IST
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