शिमला: 2026 तक हिमाचल प्रदेश को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का लक्ष्य प्रदेश सरकार ने रखा है. लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार राजीव गांधी स्टार्ट अप योजना के तहत ई-टैक्सी के साथ-साथ राज्य सरकार ई-बस और ई-ट्रक की खरीद पर भी 50 प्रतिशत अनुदान दे रही है.
मानसून सत्र के दौरान धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने सवाल पूछा था कि राजीव गांधी स्टार्ट अप योजना के तहत कितने लोगों ने इलेक्ट्रिक टैक्सियों की खरीद के लिए आवेदन किया था और सरकार ने कितने आवेदकों को स्वरोजगार के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई थी.
सरकार ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना के अन्तर्गत प्रदेश में इलेक्ट्रिक टैक्सियों की खरीद के लिए 121 पात्र आवेदकों ने आवेदन किया है. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार की ओर से 13.00 करोड़ की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति 16-08-2024 को जारी कर दी गई थी. पोर्टल पर विभाग के पास सब्सिडी के लिए आवेदकों ने पंजीकरण कर लिया है, इसपर आगामी कार्रवाई की जा रही है.
इसके अतिरिक्त जहं तक इलेक्ट्रिक बसों की खरीद का सम्बन्ध है इसके सन्दर्भ में परिवहन विभाग का कहना है कि राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के अन्तर्गत स्टैज कैरिज रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए कोई भी आवेदन नहीं मांगे गए हैं. साल 2023-24 की बजट घोषणा के अनुरूप परिवहन विभाग ने यह भी सूचित किया है कि प्रदेश में चिन्हित छः गीन कारिडोर (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर स्टेज कैरिज रूटों के संचालन के लिए इलेक्ट्रिक बसों के 26 रूटों के लिए आवेदन मागें गए थे, जिसके लिए कुल 421 आवेदन प्राप्त हुए है. इन रूटों के आवंटन का मामला परिवहन विभाग के पास विचाराधीन है. रूटों के आवंटन का मामला शीघ्र ही सम्बन्धित क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों की आगामी विशेष बैठकों में रखा जाएगा.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में सुक्खू सरकार ने किया ऐसा काम, अब इतने हजार महिलाओं को मिल रहा है ये इनाम
ये भी पढ़ें: जानिए शराब की बोतल पर कितना लगता है गौधन सेस, अब तक कितनी मिली धनराशि