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नोएडा: विदेश में नौकरी के नाम पर 1200 बेरोजगार युवकों से करोड़ों की ठगी, 11 गिरफ्तार - Fraud In Name Of Abroad Jobs

नोएडा पुलिस ने विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में सरगना सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

1200 बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपये की ठगी
1200 बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपये की ठगी (etv bharat reporter)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 8, 2024, 10:23 PM IST

1200 बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपये की ठगी, 11 गिरफ्तार (etv bharat reporter)

नई दिल्ली/नोएडा: विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर करीब 1200 बेरोजगार युवकों के साथ करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित 11 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. नोएडा के डीसीपी विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि सूचना मिली कि सेक्टर-126 थाना क्षेत्र में एक गिरोह सक्रिय है, जो बेरोजगार युवकों से संपर्क कर विदेश में नौकरी दिलाने के नाम व्यापक स्तर पर ठगी करता है. इस इनपुट पर टीम ने सेक्टर-132 के अरबटेक ट्रेड सेंटर में इको प्राइजेज नाम की कंपनी में छापा मारा और 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

आरोपियों की पहचान मेरठ निवासी समीर शाह, बिहार के गोपालगंज निवासी नंद किशोर प्रसाद, मधुबनी निवासी मोहम्मद अली अख्तर, मोहम्मद एजाज, एजाज, दरभंगा निवासी एजाज अहमद, बेगूसराय के मोहम्मद नाजिम, पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी मुस्ताक खान, 24 परगना निवासी इंद्रजीत दास, झारखंड निवासी किशोर प्रसाद और दिल्ली निवासी नजराना के रूप में हुई है. समीर शाह गिरोह का सरगना है. जबकि, नजराना बतौर एजेंट गिरोह के लिए काम करती हैं.

संगठित गिरोह बनाकर की ठगी: एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि बेरोजगारों से ठगी करने के लिए समीर शाह ने करीब चार साल पहले एक संगठित गिरोह बनाया और इसमें अपने करीबियों को शामिल किया. गिरोह के सदस्यों का मकसद जल्द से जल्द अमीर बनने का था. इसलिए इन लोगों ने एक फर्जी कॉल सेंटर खोला. इसी कॉल सेंटर को इको इंटरप्राइजेज कंपनी का नाम दिया गया. कंपनी का प्रचार ऑनलाइन प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि के जरिए किया गया.

इस प्रचार पर विश्वास कर आम नागरिक कंपनी द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी करते थे. इसके बाद आरोपी बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसाकर विदेश भेजने व वहां अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर हवाई यात्रा का खर्चा, वीजा का खर्चा व नौकरी दिलवाने का कमीशन के नाम पर उनसे पैसे ले लेते थे. दस्तावेज के नाम पर उनके मूल पासपोर्ट, अन्य दस्तावेज व फोटो आदि ले लेते थे. आरोपियों द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करके असली बताकर उन्हें दे देते हैं. ये लोग व्यक्ति से 80 हजार से तीन लाख रुपये तक वसूल करते थे.

एक स्थान पर बुलाते थे युवकों को: पैसे मिल जाने के बाद आरोपी विदेश जाने के इच्छुक बेरोजगार युवकों को एक ही दिन एक स्थान पर बुलाते थे. इन सभी को फोन पर बताया जाता था कि उनका एजेंट एयरपोर्ट पर उनके पासपोर्ट, वीजा, टिकट व जिस देश में जा रहे हैं, उस देश की करेंसी के साथ मिलेगा. जब लोग विदेश में नौकरी की चाह लेकर एयरपोर्ट पहुंचते थे, तो वहां कंपनी का कोई भी आदमी नहीं मिलता था. इस पर जब लोग इनके दिए दिए मोबाइल नंबर और ऑफिस में संपर्क करने की कोशिश करते हैं तो मोबाइल व ऑफिस बंद मिलते थे.

गैंगस्टर एक्ट के तहत होगी कार्रवाई: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने आरोपियों का एक बैंक खाता सीज भी किया है. आरोपियों में कई का आपराधिक इतिहास भी बताया जा रहा है. गिरोह में कई अन्य लोगों के भी शामिल होने की जानकारी मिली है. पुलिस अब उन पीड़ितों से संपर्क करने का प्रयास कर रही, जिनके साथ आरोपियों ने ठगी की है. आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल को भी पुलिस जांच के लिए भेजेगी. आशंका है कि इनके मोबाइल से पुलिस को ठगी के संबंध में कई अहम जानकारी मिल सकती है.

1200 बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपये की ठगी, 11 गिरफ्तार (etv bharat reporter)

नई दिल्ली/नोएडा: विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर करीब 1200 बेरोजगार युवकों के साथ करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित 11 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. नोएडा के डीसीपी विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि सूचना मिली कि सेक्टर-126 थाना क्षेत्र में एक गिरोह सक्रिय है, जो बेरोजगार युवकों से संपर्क कर विदेश में नौकरी दिलाने के नाम व्यापक स्तर पर ठगी करता है. इस इनपुट पर टीम ने सेक्टर-132 के अरबटेक ट्रेड सेंटर में इको प्राइजेज नाम की कंपनी में छापा मारा और 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

आरोपियों की पहचान मेरठ निवासी समीर शाह, बिहार के गोपालगंज निवासी नंद किशोर प्रसाद, मधुबनी निवासी मोहम्मद अली अख्तर, मोहम्मद एजाज, एजाज, दरभंगा निवासी एजाज अहमद, बेगूसराय के मोहम्मद नाजिम, पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी मुस्ताक खान, 24 परगना निवासी इंद्रजीत दास, झारखंड निवासी किशोर प्रसाद और दिल्ली निवासी नजराना के रूप में हुई है. समीर शाह गिरोह का सरगना है. जबकि, नजराना बतौर एजेंट गिरोह के लिए काम करती हैं.

संगठित गिरोह बनाकर की ठगी: एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि बेरोजगारों से ठगी करने के लिए समीर शाह ने करीब चार साल पहले एक संगठित गिरोह बनाया और इसमें अपने करीबियों को शामिल किया. गिरोह के सदस्यों का मकसद जल्द से जल्द अमीर बनने का था. इसलिए इन लोगों ने एक फर्जी कॉल सेंटर खोला. इसी कॉल सेंटर को इको इंटरप्राइजेज कंपनी का नाम दिया गया. कंपनी का प्रचार ऑनलाइन प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि के जरिए किया गया.

इस प्रचार पर विश्वास कर आम नागरिक कंपनी द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी करते थे. इसके बाद आरोपी बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसाकर विदेश भेजने व वहां अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर हवाई यात्रा का खर्चा, वीजा का खर्चा व नौकरी दिलवाने का कमीशन के नाम पर उनसे पैसे ले लेते थे. दस्तावेज के नाम पर उनके मूल पासपोर्ट, अन्य दस्तावेज व फोटो आदि ले लेते थे. आरोपियों द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करके असली बताकर उन्हें दे देते हैं. ये लोग व्यक्ति से 80 हजार से तीन लाख रुपये तक वसूल करते थे.

एक स्थान पर बुलाते थे युवकों को: पैसे मिल जाने के बाद आरोपी विदेश जाने के इच्छुक बेरोजगार युवकों को एक ही दिन एक स्थान पर बुलाते थे. इन सभी को फोन पर बताया जाता था कि उनका एजेंट एयरपोर्ट पर उनके पासपोर्ट, वीजा, टिकट व जिस देश में जा रहे हैं, उस देश की करेंसी के साथ मिलेगा. जब लोग विदेश में नौकरी की चाह लेकर एयरपोर्ट पहुंचते थे, तो वहां कंपनी का कोई भी आदमी नहीं मिलता था. इस पर जब लोग इनके दिए दिए मोबाइल नंबर और ऑफिस में संपर्क करने की कोशिश करते हैं तो मोबाइल व ऑफिस बंद मिलते थे.

गैंगस्टर एक्ट के तहत होगी कार्रवाई: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने आरोपियों का एक बैंक खाता सीज भी किया है. आरोपियों में कई का आपराधिक इतिहास भी बताया जा रहा है. गिरोह में कई अन्य लोगों के भी शामिल होने की जानकारी मिली है. पुलिस अब उन पीड़ितों से संपर्क करने का प्रयास कर रही, जिनके साथ आरोपियों ने ठगी की है. आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल को भी पुलिस जांच के लिए भेजेगी. आशंका है कि इनके मोबाइल से पुलिस को ठगी के संबंध में कई अहम जानकारी मिल सकती है.

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