धौलपुर. शहर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले दसवीं कक्षा के एक छात्र ने गुरुवार देर रात को आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले छात्र ने एक नोट के जरिए कुछ लोगों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है. छात्र के परिजनों के मुताबिक कुछ लोग वर्ष 2022 से छात्र का फोटो लड़की के साथ एडिट कर ब्लैकमेल कर रहे थे, जिसको लेकर पूर्व में भी पुलिस से शिकायत की गई थी.
थाना प्रभारी प्रवेंद्र रावत ने बताया कि दसवीं कक्षा के 15 वर्षीय छात्र के पिता भी धौलपुर पुलिस विभाग में हैं. छात्र के पिता के अनुसार उनके बेटे को कुछ लोग वर्ष 2022 से लड़की के साथ फोटो एडिट कर ब्लैकमेल कर रहे थे, जिसकी एवज में आरोपियों ने उनके बेटे से करीब 70 हजार रुपए भी ले लिए थे. इस मामले को लेकर कोतवाली थाने में शिकायत भी दी गई थी, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद एक बार फिर से ब्लैकमेलर ने उनके बेटे को परेशान करना शुरू कर दिया.
आरोपियों ने 13 मार्च को उसे घर पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए घर में घुसकर चोरी की वारदात को अंजाम भी दिया था. उसे ब्लैकमेल करने वाले आरोपी 37 हजार रुपए की नकदी सहित करीब 5 लाख रुपए के गहने चुरा कर ले गए थे. जब बच्चे के माता-पिता घर लौटे तो उन्हें बेटे ने ब्लैकमेलर्स की ओर से चोरी किए जाने की जानकारी दी. जिसकी शिकायत कोतवाली पुलिस को फिर से दी गई. इस घटना से आहत होकर देर रात 1:30 बजे छात्र ने आत्महत्या कर ली.
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छात्र ने पीछे एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें छात्र ने ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात स्वीकार की है. मृतक छात्र हाउसिंग बोर्ड स्थित एक निजी स्कूल का छात्र था. जो ब्लैकमेलिंग के चलते मानसिक तनाव में चल रहा था. परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कर दिया गया है. पिता की ओर से दी गई शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
शनिवार को देना था छात्र को पेपर : मृतक छात्र के पिता ने बताया कि उनके बेटे के दसवीं कक्षा के बोर्ड के एग्जाम चल रहे थे, जिसको लेकर वह अपने कमरे में तैयारी करता था. शनिवार को उनके बेटे का बोर्ड का पेपर था. जिस वजह से वह अपने कमरे में अकेला था. पिता ने बताया कि पूर्व में जब उसके बेटे के साथ ब्लैकमेलिंग की गई थी, तब अगर पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर ली होती शायद आज उनके बेटे की जान आज बच जाती. उन्होंने बताया कि पूर्व में पुलिस की ओर से ना तो एफआईआर दर्ज की गई, ना ही मामले में कोई ठोस कार्रवाई की गई, जिसके बाद ब्लैकमेल करने वाले आरोपियों के हौसलें बुलंद हो गए.