शिमला: हिमाचल में गर्मियां बढ़ते ही आग लगने के मामले शुरू हो गए हैं. जंगलों में लग रही आग से लोगों की परेशानी बढ़ रही है. दिनभर धुएं का माहौल राजधानी में देखने को मिल रहा है जिससे गर्मी और बढ़ गई है. ऐसे में वन विभाग भी अलर्ट हो गया है.
एडिशनल पीसीसीएफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट डॉ. पीके राणा ने लोगों से अपील कर कहा जंगलों में जलती हुई बीड़ी-सिगरेट ना फेंके और ना ही आग लगाएं. वन विभाग ने एक मुहिम भी चलाई है जिसमें लोगों को कहा गया यदि कोई जंगल में आग लगाता हुआ नजर आए या बीड़ी-सिगरेट जलती हुई फेंके तो ऐसे शख्स का वीडियो या फोटो वन विभाग को भेजें.
वन विभाग ने इस बार अब तक 600 लोगों के खिलाफ पूरे प्रदेश पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. वहीं, 38 एफआईआर दर्ज हुई हैं. प्रदेश में अब तक 1033 आग लगने के मामले सामने आए हैं.
बीते 15 से 20 दिनों के अन्दर 31 जगहों में आग लगी है. इसमें हमीरपुर में पंप हाउस और पीएचसी में आग लगी थी. सोलन के जंगल भी बीते एक सप्ताह से धधक रहे हैं. कालका-शिमला ट्रैक के आसपास लगने से चार ट्रेनों को रोकना पड़ा. हिमाचल प्रदेश के जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है. हजारों हेक्टेयर भूमि पर वन क्षेत्र को नुकसान हुआ है. जीव-जंतु आग की भेंट चढ़ रहे हैं. 24 घंटे में प्रदेश के जंगलों में आग लगने की 31 नई घटनाएं दर्ज की गई हैं जिनमें कुल 302.98 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है.
अब तक कुल 9,480 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है. फायर सीजन खत्म होने में अभी आधे महीने से ऊपर का समय है. इस सीजन में अब तक कुल 9,480 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है. रविवार शाम से सोमवार शाम तक बिलासपुर सर्किल में जंगलों में आग लगने की छह घटनाएं वन विभाग ने दर्ज की हैं. चंबा में 1, धर्मशाला में 1, हमीरपुर में 2, मंडी में 8, नाहन में 5, शिमला में 5, रामपुर में 1, सोलन में 4 मामले जंगलों में आग लगने के सामने आए हैं.
बिलासपुर सर्किल में 73.39 हेक्टेयर, चंबा में 5 हेक्टेयर, धर्मशाला में 2 हेक्टेयर, हमीरपुर में 13 हेक्टेयर, मंडी में 129.9 हेक्टेयर, नाहन में 44 हेक्टेयर, शिमला में 23.8 हेक्टेयर, रामपुर में 0.5 और सोलन में 12 हेक्टेयर भूमि में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है.
सोलन में लाखों की वन संपदा राख:
सुबाथू के साथ लगते जंगलों में आग लगने से लाखों रुपये की वन संपदा जलकर नष्ट हो गई. आग सैनिक क्षेत्र के साथ लगते छपरौली गांव तक पहुंच गई, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई.
बारिश ना होने से बढ़ रहे आग के मामले:
वन विभाग के अधिकारी ने कहा बीते साल गर्मियों के मौसम में बारिश ज्यादा हुई थी जिस वजह से प्रदेश में आग लगने की घटनाएं कम सामने आई थीं. वहीं, इस साल गर्मियों के मौसम में बारिश नहीं हो रही है जिस वजह से आग लगने के मामले ज्यादा आ रहे हैं.
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