नई दिल्ली: दिल्ली की डीटीसी बसों से पिछले साल हटाए गए बस मार्शलों को दोबारा बहाल करने की मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा में चर्चा हुई और प्रस्ताव लाया गया, जो चर्चा के बाद पारित हो गया. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बस मार्शलों के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "उनके घर के चूल्हे नहीं जल रहे. किराया नहीं दे पा रहे हैं. आत्महत्या कर रहे हैं. उनकी हालत बहुत खराब है. ज्यादातर बस मार्शल बेहद गरीब हैं और अपने घर के इकलौते कमाने वाले हैं."
उन्होंने कहा कि बस के अंदर महिलाओं के साथ बदतमीजी होती है और महिलाएं चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती हैं. इस चीज को ध्यान में रखते हुए बस मार्शल लगाए गए थे. मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा, "फरवरी 2023 में बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी गई. जब से वीके सक्सेना को एलजी बनाया गया. जिस डिपार्टमेंट को बर्बाद करना हो, वे उसके अंदर खामी निकालने के लिए अधिकारियों को आदेश देते हैं. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा, जो अब उपराज्यपाल के प्रधान सचिव हैं उन्होंने अपने नीचे के कर्मचारी से बस मार्शलों की उपयोगिता न होने के संबंध में नोट लिखवाया और उसे आगे मंत्री को भेज दिया."
दिल्ली विधानसभा में बस मार्शलों की बहाली के लिए प्रस्ताव हुआ पास💯
— AAP (@AamAadmiParty) September 26, 2024
3 अक्टूबर को सुबह 11 बजे दिल्ली सरकार के सभी मंत्री, AAP और BJP के सभी विधायक LG साहब के यहां जाएंगे और बस मार्शलों की नियुक्ति के कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर ही वापस आएंगे।@Saurabh_MLAgk pic.twitter.com/yjAKxwcpy2
केजरीवाल ने की थी सिफारिश: मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "अधिकारी डरते हैं फाइल पर कड़ी टिप्पणी लिखने से, वह अपने निचले कर्मचारियों से लिखवाते हैं और फिर ऐसे नोटिंग पर सहमति जताते हुए मंत्री तक पहुंचाते हैं, जिससे मंत्री असहमत रहता है. उस समय परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और वित्त मंत्री आतिशी भी असहमत थी. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. अधिकारी ने लिखा और बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी गई. इस पर अरविंद केजरीवाल ने ऐतराज जताते हुए उपराज्यपाल से बहाली की सिफारिश की थी."
BJP बस मार्शलों के हमेशा से ही खिलाफ रही है। आज उनके बारे में सदन में जब चर्चा शुरू हुई तभी BJP विधायक सदन के बाहर चले गए।
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आज हद तो तब हो गई जब बीजेपी के विधायक मोहन सिंह बिष्ट जी ने बस मार्शलों को बलात्कारी तक कह दिया। यह बस मार्शलों का अपमान है। BJP को इस बयान के लिए माफ़ी… pic.twitter.com/b3wJAn1ufy
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इस दिन होगी एलजी के साथ बैठक: इसके बाद 29 फरवरी, 2024 को सदन में संकल्प पास हुआ था कि बस मार्शलों को बहाल किया जाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए आज विधानसभा में दोबारा 10 हजार बस मार्शलों की बहाली को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाना पड़ा और सभी विधायकों ने अपनी बात रखी. उपराज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए विपक्ष के विधायक भी साथ चलकर उपराज्यपाल से बसों में मार्शलों की बहाली और स्थायी नियुक्ति के लिए मुलाकात करें. 3 अक्टूबर को सुबह 11 बजे उपराज्यपाल से मुलाकात करने की बात कही गई है. इस मसले पर मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक उपराज्यपाल से बैठकर बात करेंगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि यह प्रस्ताव पहले भी पारित हुआ था, अब यह प्रस्ताव दोबारा उपराज्यपाल को भेज दिया जाएगा.
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