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दिल्ली की बसों में दोबारा बहाल होंगे 10 हजार बस मार्शल, विधानसभा में प्रस्ताव पारित - reinstatement of bus marshals delhi - REINSTATEMENT OF BUS MARSHALS DELHI

Reinstatement of Bus Marshals in Delhi: दिल्ली की बसों में बस मार्शलों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है. गुरुवार को इससे संबंधित प्रस्ताव विधानसभा में पारित हो गया. इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.

मंत्री सौरभ भारद्वाज
मंत्री सौरभ भारद्वाज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 26, 2024, 4:14 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की डीटीसी बसों से पिछले साल हटाए गए बस मार्शलों को दोबारा बहाल करने की मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा में चर्चा हुई और प्रस्ताव लाया गया, जो चर्चा के बाद पारित हो गया. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बस मार्शलों के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "उनके घर के चूल्हे नहीं जल रहे. किराया नहीं दे पा रहे हैं. आत्महत्या कर रहे हैं. उनकी हालत बहुत खराब है. ज्यादातर बस मार्शल बेहद गरीब हैं और अपने घर के इकलौते कमाने वाले हैं."

उन्होंने कहा कि बस के अंदर महिलाओं के साथ बदतमीजी होती है और महिलाएं चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती हैं. इस चीज को ध्यान में रखते हुए बस मार्शल लगाए गए थे. मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा, "फरवरी 2023 में बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी गई. जब से वीके सक्सेना को एलजी बनाया गया. जिस डिपार्टमेंट को बर्बाद करना हो, वे उसके अंदर खामी निकालने के लिए अधिकारियों को आदेश देते हैं. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा, जो अब उपराज्यपाल के प्रधान सचिव हैं उन्होंने अपने नीचे के कर्मचारी से बस मार्शलों की उपयोगिता न होने के संबंध में नोट लिखवाया और उसे आगे मंत्री को भेज दिया."

केजरीवाल ने की थी सिफारिश: मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "अधिकारी डरते हैं फाइल पर कड़ी टिप्पणी लिखने से, वह अपने निचले कर्मचारियों से लिखवाते हैं और फिर ऐसे नोटिंग पर सहमति जताते हुए मंत्री तक पहुंचाते हैं, जिससे मंत्री असहमत रहता है. उस समय परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और वित्त मंत्री आतिशी भी असहमत थी. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. अधिकारी ने लिखा और बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी गई. इस पर अरविंद केजरीवाल ने ऐतराज जताते हुए उपराज्यपाल से बहाली की सिफारिश की थी."

यह भी पढ़ें- विधानसभा सत्र का पहला दिनः बीजेपी विधायकों ने किया जमकर हंगामा, कैग रिपोर्ट पेश करने की मांग पर अड़े

इस दिन होगी एलजी के साथ बैठक: इसके बाद 29 फरवरी, 2024 को सदन में संकल्प पास हुआ था कि बस मार्शलों को बहाल किया जाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए आज विधानसभा में दोबारा 10 हजार बस मार्शलों की बहाली को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाना पड़ा और सभी विधायकों ने अपनी बात रखी. उपराज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए विपक्ष के विधायक भी साथ चलकर उपराज्यपाल से बसों में मार्शलों की बहाली और स्थायी नियुक्ति के लिए मुलाकात करें. 3 अक्टूबर को सुबह 11 बजे उपराज्यपाल से मुलाकात करने की बात कही गई है. इस मसले पर मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक उपराज्यपाल से बैठकर बात करेंगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि यह प्रस्ताव पहले भी पारित हुआ था, अब यह प्रस्ताव दोबारा उपराज्यपाल को भेज दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- MCD स्थायी समिति के एक सदस्य का चुनाव आज, जानें AAP-BJP में कौन किस पर भारी?

नई दिल्ली: दिल्ली की डीटीसी बसों से पिछले साल हटाए गए बस मार्शलों को दोबारा बहाल करने की मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा में चर्चा हुई और प्रस्ताव लाया गया, जो चर्चा के बाद पारित हो गया. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बस मार्शलों के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "उनके घर के चूल्हे नहीं जल रहे. किराया नहीं दे पा रहे हैं. आत्महत्या कर रहे हैं. उनकी हालत बहुत खराब है. ज्यादातर बस मार्शल बेहद गरीब हैं और अपने घर के इकलौते कमाने वाले हैं."

उन्होंने कहा कि बस के अंदर महिलाओं के साथ बदतमीजी होती है और महिलाएं चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती हैं. इस चीज को ध्यान में रखते हुए बस मार्शल लगाए गए थे. मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा, "फरवरी 2023 में बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी गई. जब से वीके सक्सेना को एलजी बनाया गया. जिस डिपार्टमेंट को बर्बाद करना हो, वे उसके अंदर खामी निकालने के लिए अधिकारियों को आदेश देते हैं. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा, जो अब उपराज्यपाल के प्रधान सचिव हैं उन्होंने अपने नीचे के कर्मचारी से बस मार्शलों की उपयोगिता न होने के संबंध में नोट लिखवाया और उसे आगे मंत्री को भेज दिया."

केजरीवाल ने की थी सिफारिश: मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "अधिकारी डरते हैं फाइल पर कड़ी टिप्पणी लिखने से, वह अपने निचले कर्मचारियों से लिखवाते हैं और फिर ऐसे नोटिंग पर सहमति जताते हुए मंत्री तक पहुंचाते हैं, जिससे मंत्री असहमत रहता है. उस समय परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और वित्त मंत्री आतिशी भी असहमत थी. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. अधिकारी ने लिखा और बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी गई. इस पर अरविंद केजरीवाल ने ऐतराज जताते हुए उपराज्यपाल से बहाली की सिफारिश की थी."

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इस दिन होगी एलजी के साथ बैठक: इसके बाद 29 फरवरी, 2024 को सदन में संकल्प पास हुआ था कि बस मार्शलों को बहाल किया जाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए आज विधानसभा में दोबारा 10 हजार बस मार्शलों की बहाली को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाना पड़ा और सभी विधायकों ने अपनी बात रखी. उपराज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए विपक्ष के विधायक भी साथ चलकर उपराज्यपाल से बसों में मार्शलों की बहाली और स्थायी नियुक्ति के लिए मुलाकात करें. 3 अक्टूबर को सुबह 11 बजे उपराज्यपाल से मुलाकात करने की बात कही गई है. इस मसले पर मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक उपराज्यपाल से बैठकर बात करेंगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि यह प्रस्ताव पहले भी पारित हुआ था, अब यह प्रस्ताव दोबारा उपराज्यपाल को भेज दिया जाएगा.

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