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एमपी सरकार के जवाब से सरकारी स्कूलों की खुली कलई, स्टूडेंट्स को लेकर चौंकाने वाली जानकारी - MP ASSEMBLY WINTER SESSION 2024

मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक ने छात्रों को लेकर सवाल पूछा था.स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप द्वारा दिए जवाब चौंकाने वाले हैं.

MP ASSEMBLY WINTER SESSION 2024
एमपी सरकार के जवाब से सरकारी स्कूलों की खुली कलई (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

भोपाल: विधानसभा में कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब से सरकारी स्कूलों की कलई खुल गई है. प्रदेश में सरकारी स्कूलों में मुफ्त में यूनिफॉर्म और खाने की सुविधा के बाद भी यहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लगातार घट रही है. प्रदेश में पिछले पांच सालों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली क्लास से आठवीं क्लास तक के बच्चों की संख्या में 10 लाख की कमी आई है. सरकार ने इसकी जानकारी कांग्रेस विधायक के सवाल के लिखित जवाब में दी है.

कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने विधानसभा में सरकार से स्कूलों में गणवेश वितरण और इस पर व्यय होने वाली राशि के संबंध में जानकारी मांगी थी. सरकार ने लिखित में जो जानकारी दी. उससे साल-दर-साल कम होने वाले स्टूडेंट्स की भी जानकारी सामने आ गई.

हर साल कम हो रहे छात्र

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं को हर साल यूनिफॉर्म दी जाती है. कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने लिखित जानकारी दी. जानकारी में पिछले चार सालों में स्कूलों में दर्ज बच्चों की संख्या में लगातार कमी सामने आई है.

साल 2021-22 में प्रदेश के 8वीं तक की कक्षाओं में कुल 67 लाख 52 हजार 244 बच्चों के नाम दर्ज थे. इसकी यूनिफार्म के लिए 386 करोड़ 87 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई, लेकिन राशि खर्च हुई 405 करोड़ 13 लाख रुपए.

10 LAKH STUDENT LEAVE GOVT SCHOOL
स्टूडेंट्स को लेकर चौंकाने वाली जानकारी (ETV Bharat)

साल 2022-23 में प्रदेश के 8वीं तक की कक्षाओं में स्टूडेंट्स की संख्या 2 लाख घटकर 65 लाख 47 हजार 783 रह गई. इन बच्चों के लिए 386 करोड़ 55 लाख राशि यूनिफॉर्म के लिए स्वीकृत की गई, लेकिन खर्च हुए 392 करोड़ 86 लाख रुपए.

साल 2023-24 में प्रदेश के 8वीं तक की कक्षाओं में फिर 2 लाख 48 हजार बच्चे कम हो गए. इस साल बच्चों की संख्या 62 लाख 99 हजार 686 रह गई. इनकी यूनिफॉर्म के लिए 389 करोड़ 76 लाख की राशि स्वीकृत की गई, इसमें से खर्च हुई 377 करोड़ 98 लाख रुपए.

साल 2024-25 में प्रदेश के 8वीं तक की कक्षाओं में पिछले साल के मुकाबले 5 लाख 95 हजार बच्चे कम हो गए. इस साल 8वीं तक की कक्षा में कुल दर्ज बच्चों की संख्या 57 लाख 3788 है. इसके लिए 380 करोड़ 19 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन इसमें से 342 करोड़ 22 लाख की राशि ही खर्च हुई.

कांग्रेस बोली स्कूलों में टीचर ही नहीं

सरकारी ने बताया कि साल 2020-21 से 2022-23 में स्व सहायता समूहों के माध्यम से स्कूलों में नामांकित स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर यूनिफार्म उपलब्ध कराई गई है. पिछले तीन सालों में विकासखंड स्तर पर भौतिक सत्यापन कराकर यूनिफॉर्म की राशि स्टूडेंट्स के खातों में डाली गई.

उधर उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने आरोप लगाया कि यूनिफॉर्म वितरण के नाम पर जमकर गड़बडी हुई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार क्यों कम हो रही है. स्कूलों में न तो टीचर है और न ही पढ़ाई हो रही है. यही वजह है कि गरीब बच्चों को मजबूरी में या तो घर बैठना पड़ रहा है, या फिर प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेना पड़ रहा है.

भोपाल: विधानसभा में कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब से सरकारी स्कूलों की कलई खुल गई है. प्रदेश में सरकारी स्कूलों में मुफ्त में यूनिफॉर्म और खाने की सुविधा के बाद भी यहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लगातार घट रही है. प्रदेश में पिछले पांच सालों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली क्लास से आठवीं क्लास तक के बच्चों की संख्या में 10 लाख की कमी आई है. सरकार ने इसकी जानकारी कांग्रेस विधायक के सवाल के लिखित जवाब में दी है.

कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने विधानसभा में सरकार से स्कूलों में गणवेश वितरण और इस पर व्यय होने वाली राशि के संबंध में जानकारी मांगी थी. सरकार ने लिखित में जो जानकारी दी. उससे साल-दर-साल कम होने वाले स्टूडेंट्स की भी जानकारी सामने आ गई.

हर साल कम हो रहे छात्र

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं को हर साल यूनिफॉर्म दी जाती है. कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने लिखित जानकारी दी. जानकारी में पिछले चार सालों में स्कूलों में दर्ज बच्चों की संख्या में लगातार कमी सामने आई है.

साल 2021-22 में प्रदेश के 8वीं तक की कक्षाओं में कुल 67 लाख 52 हजार 244 बच्चों के नाम दर्ज थे. इसकी यूनिफार्म के लिए 386 करोड़ 87 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई, लेकिन राशि खर्च हुई 405 करोड़ 13 लाख रुपए.

10 LAKH STUDENT LEAVE GOVT SCHOOL
स्टूडेंट्स को लेकर चौंकाने वाली जानकारी (ETV Bharat)

साल 2022-23 में प्रदेश के 8वीं तक की कक्षाओं में स्टूडेंट्स की संख्या 2 लाख घटकर 65 लाख 47 हजार 783 रह गई. इन बच्चों के लिए 386 करोड़ 55 लाख राशि यूनिफॉर्म के लिए स्वीकृत की गई, लेकिन खर्च हुए 392 करोड़ 86 लाख रुपए.

साल 2023-24 में प्रदेश के 8वीं तक की कक्षाओं में फिर 2 लाख 48 हजार बच्चे कम हो गए. इस साल बच्चों की संख्या 62 लाख 99 हजार 686 रह गई. इनकी यूनिफॉर्म के लिए 389 करोड़ 76 लाख की राशि स्वीकृत की गई, इसमें से खर्च हुई 377 करोड़ 98 लाख रुपए.

साल 2024-25 में प्रदेश के 8वीं तक की कक्षाओं में पिछले साल के मुकाबले 5 लाख 95 हजार बच्चे कम हो गए. इस साल 8वीं तक की कक्षा में कुल दर्ज बच्चों की संख्या 57 लाख 3788 है. इसके लिए 380 करोड़ 19 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन इसमें से 342 करोड़ 22 लाख की राशि ही खर्च हुई.

कांग्रेस बोली स्कूलों में टीचर ही नहीं

सरकारी ने बताया कि साल 2020-21 से 2022-23 में स्व सहायता समूहों के माध्यम से स्कूलों में नामांकित स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर यूनिफार्म उपलब्ध कराई गई है. पिछले तीन सालों में विकासखंड स्तर पर भौतिक सत्यापन कराकर यूनिफॉर्म की राशि स्टूडेंट्स के खातों में डाली गई.

उधर उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने आरोप लगाया कि यूनिफॉर्म वितरण के नाम पर जमकर गड़बडी हुई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार क्यों कम हो रही है. स्कूलों में न तो टीचर है और न ही पढ़ाई हो रही है. यही वजह है कि गरीब बच्चों को मजबूरी में या तो घर बैठना पड़ रहा है, या फिर प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेना पड़ रहा है.

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