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दिल्ली के 6 अस्पतालों में घटिया दवा सप्लाई के मामले में 10 गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम की कारवाई

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 14, 2024, 8:38 PM IST

substandard medicine supply case : दिल्ली के 6 सरकारी अस्पतालों को घटिया दवा आपूर्ति के मामले में एंटी करप्शन ब्रांच ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें सात दवाई निर्माता और तीन प्रयोगशाला मालिक शामिल हैं. जानिए क्या मिली थी शिकायत.

घटिया दवा सप्लाई के मामले में 10 गिरफ्तार
घटिया दवा सप्लाई के मामले में 10 गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के छह अस्पतालों को घटिया दवा आपूर्ति के मामले में सात दवाई निर्माता और तीन प्रयोगशाला मालिक को एंटी करप्शन ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. इस केस में डॉक्टर, ऑफिसर और स्टोर कीपर की मिलीभगत भी सामने आई है. अस्पतालों द्वारा नकली दवा प्राप्त किए बिना ही जाली रसीदें जारी की गई थी. यही नहीं एंटी करप्शन ब्रांच ने सतर्कता जांच और रिकॉर्ड टेम्परिंग के बाद तैयार की गई जाली लैब रिपोर्ट भी जब्त की है.

ज्वाइंट सीपी मधुर वर्मा के अनुसार एंटी करप्शन जीएनसीटीडी ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों लाल बहादुर शास्त्री, एलएनजेपी, डीडीयू, एसजीएम, जेएसएसएच और जीटीबी अस्पताल के सरकारी नुमाइंदों की मिलीभगत केस में उजागर हुई है. आपूर्तिकर्ताओं ने घटिया दवा की आपूर्ति के बदले और यहां तक कि कम डिलीवरी होने या डिलीवरी न होने की स्थिति में भी अस्पतालों के अधिकारियों से निर्धारित वस्तुओं की रसीद हासिल की थी.

18 अगस्त 2023 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सतर्कता शाखा की छह टीमों ने इन अस्पतालों का दौरा किया था. विभिन्न वस्तुओं यानी रोल्ड बैंडेज,आईवी सेट आदि के नमूने एकत्र किए थे. इन नमूनों को विभिन्न जीएनसीटी-अनुमोदित प्रयोगशालाओं में भेजा गया था. इनमें से अधिकांश नमूने परीक्षण के दौरान या तो घटिया पाए गए या फेल हो गए थे. ये सैंपल कॉटन बैंडेज, डीलक्स इन्फ्यूजन सेट, रोल्ड बैंडेज, एब्जॉर्बेंट कॉटन आईपी, लेटेक्स एग्जामिनेशन ग्लव्स (सेनोमिक), इन्फ्यूजन सेट (ट्राई फ्लेक्स), नॉन स्टरलाइज्ड, वेल्प्रो डिस्पोजल सर्जिकल रबर ग्लव्स, सेफाइजर हैंड सैनिटाइजर, इन्फ्यूजन सेट से संबंधित थे.

इसके बाद राज कुमार, उप. सचिव. (सतर्कता), एच एंड एफडब्ल्यू, जीएनसीटीडी ने संबंधित विनिर्माण फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए एसीबी में अलग अलग छह शिकायतें दर्ज करवाई थी. 5 जनवरी 2024 को धारा 7ए पीओसी एक्ट आर/डब्ल्यू 120-बी आईपीसी और 18 ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें : अस्पतालों में नकली दवा मामला: गृह मंत्रालय के आदेश के बाद सीबीआई जांच को हरी झंडी

मामले की जांच से पता चलता है कि मामला उजागर होने के बाद अधिकारी और आपूर्तिकर्ता ने दस्तावेजों में जालसाजी की थी. जाली लैब रिपोर्ट को रिकॉर्ड में डाला गया था. अब तक की गई जांच और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के आधार पर सात आपूर्तिकर्ता और तीन प्रयोगशाला मालिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके नाम हेमंत जोशी, राहुल चौरसिया, कमल दीप सिंह, राजेश मल्होत्रा, शाहिद चौधरी, शेखर शर्मा, बिपिन कुमार पाठक, अरजिंदर पाल सिंह, कपिल मखीजा और हरनीत सिंह बिंद्रा बताये गये हैं.

ये भी पढ़ें : सरकारी अस्पतालों में नकली दवा के आरोपों पर सौरभ भारद्वाज ने कहा- रिपोर्ट में ऐसा कहीं नहीं लिखा

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के छह अस्पतालों को घटिया दवा आपूर्ति के मामले में सात दवाई निर्माता और तीन प्रयोगशाला मालिक को एंटी करप्शन ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. इस केस में डॉक्टर, ऑफिसर और स्टोर कीपर की मिलीभगत भी सामने आई है. अस्पतालों द्वारा नकली दवा प्राप्त किए बिना ही जाली रसीदें जारी की गई थी. यही नहीं एंटी करप्शन ब्रांच ने सतर्कता जांच और रिकॉर्ड टेम्परिंग के बाद तैयार की गई जाली लैब रिपोर्ट भी जब्त की है.

ज्वाइंट सीपी मधुर वर्मा के अनुसार एंटी करप्शन जीएनसीटीडी ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों लाल बहादुर शास्त्री, एलएनजेपी, डीडीयू, एसजीएम, जेएसएसएच और जीटीबी अस्पताल के सरकारी नुमाइंदों की मिलीभगत केस में उजागर हुई है. आपूर्तिकर्ताओं ने घटिया दवा की आपूर्ति के बदले और यहां तक कि कम डिलीवरी होने या डिलीवरी न होने की स्थिति में भी अस्पतालों के अधिकारियों से निर्धारित वस्तुओं की रसीद हासिल की थी.

18 अगस्त 2023 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सतर्कता शाखा की छह टीमों ने इन अस्पतालों का दौरा किया था. विभिन्न वस्तुओं यानी रोल्ड बैंडेज,आईवी सेट आदि के नमूने एकत्र किए थे. इन नमूनों को विभिन्न जीएनसीटी-अनुमोदित प्रयोगशालाओं में भेजा गया था. इनमें से अधिकांश नमूने परीक्षण के दौरान या तो घटिया पाए गए या फेल हो गए थे. ये सैंपल कॉटन बैंडेज, डीलक्स इन्फ्यूजन सेट, रोल्ड बैंडेज, एब्जॉर्बेंट कॉटन आईपी, लेटेक्स एग्जामिनेशन ग्लव्स (सेनोमिक), इन्फ्यूजन सेट (ट्राई फ्लेक्स), नॉन स्टरलाइज्ड, वेल्प्रो डिस्पोजल सर्जिकल रबर ग्लव्स, सेफाइजर हैंड सैनिटाइजर, इन्फ्यूजन सेट से संबंधित थे.

इसके बाद राज कुमार, उप. सचिव. (सतर्कता), एच एंड एफडब्ल्यू, जीएनसीटीडी ने संबंधित विनिर्माण फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए एसीबी में अलग अलग छह शिकायतें दर्ज करवाई थी. 5 जनवरी 2024 को धारा 7ए पीओसी एक्ट आर/डब्ल्यू 120-बी आईपीसी और 18 ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

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मामले की जांच से पता चलता है कि मामला उजागर होने के बाद अधिकारी और आपूर्तिकर्ता ने दस्तावेजों में जालसाजी की थी. जाली लैब रिपोर्ट को रिकॉर्ड में डाला गया था. अब तक की गई जांच और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के आधार पर सात आपूर्तिकर्ता और तीन प्रयोगशाला मालिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके नाम हेमंत जोशी, राहुल चौरसिया, कमल दीप सिंह, राजेश मल्होत्रा, शाहिद चौधरी, शेखर शर्मा, बिपिन कुमार पाठक, अरजिंदर पाल सिंह, कपिल मखीजा और हरनीत सिंह बिंद्रा बताये गये हैं.

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