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बाढ़ का संकट! गंडक नदी में छोड़ा गया इस मॉनसून सत्र का सर्वाधिक पानी, जानें कौन-कौन से जिलों पर मंडरा रहा खतरा - BIHAR FLOOD

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 3, 2024, 3:05 PM IST

Updated : Jul 3, 2024, 3:35 PM IST

नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के बाद गंडक बराज नियंत्रण कक्ष वाल्मीकिनगर द्वारा बुधवार की सुबह गंडक नदी में 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके कारण जलस्तर बढ़ गया है. शाम तक 1 लाख 50 हजार क्यूसेक से ज्यादा जलस्तर बढ़ने की संभावना है. लिहाजा गंडक दियारा के निचले इलाके में बसने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है.

गंडक नदी में छोड़ा गया 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी
गंडक नदी में छोड़ा गया 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी (ETV Bharat)

गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा (ETV Bharat)

बगहा: मॉनसून के दस्तक देने के साथ ही बाढ़ व कटाव प्रभावित इलाके के लोगों की चिंता बढ़ गई है. दरअसल इस मॉनसून सत्र में मौसम विभाग ने उम्मीद से ज्यादा बारिश होने की आशंका व्यक्त की है. यदि उम्मीद से ज्यादा बारिश हुई तो गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिल सकती है.

गंडक बराज ने छोड़ा 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी: फिलहाल बुधवार की सुबह गंडक नदी में इस वर्ष का अधिकतम 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके शाम तक तेजी से बढ़ने की संभावना है. नेपाल सहित बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में दो दिन से हो रही लगातार बारिश से गंडक समेत अन्य पहाड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा
निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा (ETV Bharat)

इस मॉनसून सत्र का सर्वाधिक पानी छोड़ा गया: बुधवार की सुबह वाल्मीकि बराज से लगभग 1.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो इस सीजन में अभी तक का सबसे अधिक है. नेपाल से छूटे पानी के कारण गंडक बराज का जलस्तर मंगलवार से लगातार बढ़ने के क्रम में है. नेपाल के नारायण घाट से 1 लाख 64 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो छह से आठ घंटे में वाल्मीकिनगर गंडक बराज तक पहुंचेगी.

निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा: यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि बुधवार की रात तक गंडक बराज का जलस्तर 1 लाख 50 हजार के पार चला जाएगा. नतीजतन गंडक बराज के सभी कर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है. वहीं जल संसाधन विभाग द्वारा अलग अलग टीम बनाकर बांधों की सतत निगरानी की जा रही है. दूसरी तरफ निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बाढ़ और कटाव का खतरा बढ़ गया है. लिहाजा अनजाने भय और आशंका से लोग चिंतित हैं.

गंडक बराज नियंत्रण कक्ष वाल्मीकिनगर
गंडक बराज नियंत्रण कक्ष वाल्मीकिनगर (ETV Bharat)

बगहा के इन गांवों पर खतरा: बगहा अनुमंडल के श्रीपत नगर, भैसाहियां, बलुआ ठोड़ी, मदरहवा, सिसई, खाप टोला, उमा टोला और हरख टोला जैसे कई निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. इन गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं ल संसाधन विभाग भी अलर्ट मोड पर है.

इन जिलों पर भी हो सकता है असर: गंडक नदी में लगातार हो रहे जलस्तर वृद्धि से बगहा के साथ ही गोपालगंज और मोतिहारी के कई गांव पर भी बाढ़ का खतरा है. बेतिया के योगापट्टी प्रखंड पर भी असर देखने को मिल सकता है. हर साल कई गावों टापू में तब्दील हो जाते हैं. इस बार भी वैसे ही हालात बनने से लोगों में दहशत है.

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गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा (ETV Bharat)

बगहा: मॉनसून के दस्तक देने के साथ ही बाढ़ व कटाव प्रभावित इलाके के लोगों की चिंता बढ़ गई है. दरअसल इस मॉनसून सत्र में मौसम विभाग ने उम्मीद से ज्यादा बारिश होने की आशंका व्यक्त की है. यदि उम्मीद से ज्यादा बारिश हुई तो गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिल सकती है.

गंडक बराज ने छोड़ा 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी: फिलहाल बुधवार की सुबह गंडक नदी में इस वर्ष का अधिकतम 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके शाम तक तेजी से बढ़ने की संभावना है. नेपाल सहित बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में दो दिन से हो रही लगातार बारिश से गंडक समेत अन्य पहाड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा
निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा (ETV Bharat)

इस मॉनसून सत्र का सर्वाधिक पानी छोड़ा गया: बुधवार की सुबह वाल्मीकि बराज से लगभग 1.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो इस सीजन में अभी तक का सबसे अधिक है. नेपाल से छूटे पानी के कारण गंडक बराज का जलस्तर मंगलवार से लगातार बढ़ने के क्रम में है. नेपाल के नारायण घाट से 1 लाख 64 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो छह से आठ घंटे में वाल्मीकिनगर गंडक बराज तक पहुंचेगी.

निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा: यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि बुधवार की रात तक गंडक बराज का जलस्तर 1 लाख 50 हजार के पार चला जाएगा. नतीजतन गंडक बराज के सभी कर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है. वहीं जल संसाधन विभाग द्वारा अलग अलग टीम बनाकर बांधों की सतत निगरानी की जा रही है. दूसरी तरफ निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बाढ़ और कटाव का खतरा बढ़ गया है. लिहाजा अनजाने भय और आशंका से लोग चिंतित हैं.

गंडक बराज नियंत्रण कक्ष वाल्मीकिनगर
गंडक बराज नियंत्रण कक्ष वाल्मीकिनगर (ETV Bharat)

बगहा के इन गांवों पर खतरा: बगहा अनुमंडल के श्रीपत नगर, भैसाहियां, बलुआ ठोड़ी, मदरहवा, सिसई, खाप टोला, उमा टोला और हरख टोला जैसे कई निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. इन गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं ल संसाधन विभाग भी अलर्ट मोड पर है.

इन जिलों पर भी हो सकता है असर: गंडक नदी में लगातार हो रहे जलस्तर वृद्धि से बगहा के साथ ही गोपालगंज और मोतिहारी के कई गांव पर भी बाढ़ का खतरा है. बेतिया के योगापट्टी प्रखंड पर भी असर देखने को मिल सकता है. हर साल कई गावों टापू में तब्दील हो जाते हैं. इस बार भी वैसे ही हालात बनने से लोगों में दहशत है.

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Last Updated : Jul 3, 2024, 3:35 PM IST
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