नई दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 में बीते बुधवार को राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स के बीच गुवाहाटी में मुकाबला खेला गया. सलामी बल्लेबाज जोस बटलर के वतन वापस लौटने के बाद राजस्थान रॉयल्स की ओर से दाएं हाथ के बल्लेबाज टॉम कोहलर-कैडमोर ओपनिंग करने मैदान पर उतरे. अपने आईपीएल डेब्यू मैच में टॉम कोहलर-कैडमोर कुछ खास कमाल नहीं कर सके और 23 गेंद पर 18 रन बनाकर आउट हो गए. लेकिन उनके द्वारा गर्दन में पहने गए खास डिवाइस (Q-Collar) ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा.
क्या है Q-Collar डिवाइस ?
दुनिया भर में रग्बी और अमेरिकन फुटबॉल में बड़ी संख्या में इस्तेमाल हो रहा क्यू कॉलर नामक डिवाइस भारत में सुर्खियों में तब आया जब आईपीएल मैच के दौरान टॉम कोहलर-कैडमोर इसे पहनकर मैदान पर उतरे. क्यू कॉलर नामक यह खास डिवाइस खिलाड़ियों को सिर पर लगने वाली चोट से बचाता है और उसके असर को कम करता है. बता दें कि कोहलर-कैडमोर इस बेहतरीन डिवाइस को द हंड्रेड में भी पहने हुए नजर आए थे.
कैसे काम करता है Q-Collar ?
क्रिकेट, फुटबॉल और रग्बी जैसे खेल में खिलाड़ियों के सिर में चोट लगने की संभावना काफी अधिक रहती है. ऐसे में Q-Collar डिवाइस सिर में लगने वाली चोट के असर को कम करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. क्यू कॉलर डिवाइस झटके और मस्तिष्क की चोटों को रोकने के लिए काफी ज्यादा उपयोगी है. यह कॉलर गर्दन पर थोड़ा दबाव डालता है, जिससे मस्तिष्क में खून की मात्रा बढ़ जाती है और चोट लगने की स्थिति में मस्तिष्क की गति भी कम हो जाती है.
कैसे आया Q-Collar का आइडिया ?
अमेरिका के डॉ. डेविड स्मिथ को वुडपेकर को देखकर क्यू कॉलर का आइडिया आया. वुडपेकर जब अपनी चोंच से पेड़ के तने में छेद करता है, तब उसकी गर्दन सिकुड़ जाती है. इससे पूरे खून का फ्लो गर्दन में रुक जाता है. जिससे वुडपेकर की चोंच पर लग रहे झटके सिर तक नहीं पहुंचते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए ही डॉ. स्मिथ ने Q-Collar डिजाइन किया.