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WFI चीफ ने ओलंपिक में खराब परफॉर्मेंस को पहलवानों के प्रदर्शन से जोड़ा, जानिए क्या कहा - Vinesh Phogat

Wrestling In paris Olympics : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत कुल 6 पदक जीत पाया है जिसमें से कुश्ती में सिर्फ एक पदक हासिल हुआ है. संजय सिंह ने इसके पीछे की बड़ी वजह बता दी है. पढ़ें पूरी खबर....

WFI Chief Sanjay Singh
विनेश फोगाट (IANS PHOTO)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 14, 2024, 4:43 PM IST

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को कुश्ती में सिर्फ एक पदक ही हासिल हो पाया है. भारत को इस बार कुश्ती से काफी उम्मीद थी और पहलवान साक्षी मलिक तो 3-4 पदक की उम्मीद लगा रही थी, लेकिन भारत अब तक सिर्फ एक पदक ही हासिल कर पाया है. अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक हासिल किया. हालांकि विनेश फोगट के पास पेरिस ओलंपिक खेलों में उनके प्रदर्शन के लिए रजत पदक जीतने का मौका है.

कुश्ती में भारत के निराशजनक प्रदर्शन पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख ने पहलवानों के प्रदर्शन पर ठीकरा फोड़ा है. संजय सिंह का मानना ​​है कि ओलंपिक में भारत का यह सामान्य प्रदर्शन केवल पहलवानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों के कारण है. इसके साथ ही उनका मानना है कि अगर पहलवान जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन नहीं करते तो कुश्ती में 6 मेडल में आ सकते थे.

संजय सिंह ने कहा, अगर आप इसे दूसरे नजरिए से देखें, तो 14-15 महीनों तक हुए विरोध प्रदर्शनों ने पूरे कुश्ती समुदाय को परेशान कर दिया. एक श्रेणी की बात तो दूर, अन्य श्रेणियों के पहलवानों को भी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के बिना अभ्यास नहीं कर सकते थे. इसलिए, पहलवान अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. पेरिस में प्रभावित करने वाले विनेश और अमन के अलावा, अंशु मलिक (57 किग्रा), रीतिका हुड्डा (76 किग्रा), निशा दहिया (68 किग्रा) और अंतिम पंघाल (53 किग्रा) जैसे अन्य पहलवान प्रभाव छोड़ने में विफल रहे.

बता दें, विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक जैसे शीर्ष भारतीय पहलवानों ने पूर्व कुश्ती निकाय प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर लगभग एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, प्रदर्शन करने वाली विनेश फोगाट ओलंपिक में फाइनल में पहुंचकर सिल्वर पदक पक्का कर चुकी थी लेकिन 100 ग्राम वजन की वजह से उन्हें डिस्क्वालीफाई किया गया और वह सिल्वर मेडल भी हासिल नहीं कर सकी. जहां तक ​​खेल पंचाट न्यायालय (CAS) में विनेश की रजत पदक याचिका के फैसले की बात है, तो 16 अगस्त तक निर्णय आने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें : CAS के फैसले से विनेश फोगाट को मिली निराशा, उम्मीदों को लगा बड़ा झटका

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को कुश्ती में सिर्फ एक पदक ही हासिल हो पाया है. भारत को इस बार कुश्ती से काफी उम्मीद थी और पहलवान साक्षी मलिक तो 3-4 पदक की उम्मीद लगा रही थी, लेकिन भारत अब तक सिर्फ एक पदक ही हासिल कर पाया है. अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक हासिल किया. हालांकि विनेश फोगट के पास पेरिस ओलंपिक खेलों में उनके प्रदर्शन के लिए रजत पदक जीतने का मौका है.

कुश्ती में भारत के निराशजनक प्रदर्शन पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख ने पहलवानों के प्रदर्शन पर ठीकरा फोड़ा है. संजय सिंह का मानना ​​है कि ओलंपिक में भारत का यह सामान्य प्रदर्शन केवल पहलवानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों के कारण है. इसके साथ ही उनका मानना है कि अगर पहलवान जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन नहीं करते तो कुश्ती में 6 मेडल में आ सकते थे.

संजय सिंह ने कहा, अगर आप इसे दूसरे नजरिए से देखें, तो 14-15 महीनों तक हुए विरोध प्रदर्शनों ने पूरे कुश्ती समुदाय को परेशान कर दिया. एक श्रेणी की बात तो दूर, अन्य श्रेणियों के पहलवानों को भी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के बिना अभ्यास नहीं कर सकते थे. इसलिए, पहलवान अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. पेरिस में प्रभावित करने वाले विनेश और अमन के अलावा, अंशु मलिक (57 किग्रा), रीतिका हुड्डा (76 किग्रा), निशा दहिया (68 किग्रा) और अंतिम पंघाल (53 किग्रा) जैसे अन्य पहलवान प्रभाव छोड़ने में विफल रहे.

बता दें, विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक जैसे शीर्ष भारतीय पहलवानों ने पूर्व कुश्ती निकाय प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर लगभग एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, प्रदर्शन करने वाली विनेश फोगाट ओलंपिक में फाइनल में पहुंचकर सिल्वर पदक पक्का कर चुकी थी लेकिन 100 ग्राम वजन की वजह से उन्हें डिस्क्वालीफाई किया गया और वह सिल्वर मेडल भी हासिल नहीं कर सकी. जहां तक ​​खेल पंचाट न्यायालय (CAS) में विनेश की रजत पदक याचिका के फैसले की बात है, तो 16 अगस्त तक निर्णय आने की उम्मीद है.

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