Sharad Kumar wins Silver in Men's High Jump T63 at #Paralympics2024! He is admired for his consistency and excellence. Congrats to him. He inspires the entire nation.#Cheer4Bharat pic.twitter.com/z1IswXhyyq
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2024
पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले शरद कुमार ने पेरिस पैरालंपिक में झंडा गाड़ा है. उन्होंने ऊंची कूद स्पर्धा में देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है. शरद ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में कांस्य पदक जीता था. बुधवार को भारत ने कुल कुल 5 मेडल जीते हैं. इसके साथ ही पदकों की संख्या बढ़कर अब 20 हो गई है.
शरद कुमार ने रजत पदक जीता: मुजफ्फरपुर के रहने वाले शरद कुमार ने बुधवार को पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद टी63 स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता है. उन्होंने टी42 कैटेगरी में मरियप्पन के 1.86 मीटर के रिकॉर्ड तोड़ा है. अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने 1.88 मीटर पर निर्धारित बार को पार किया. हालांकि वह 1.91 मीटर को पार करने में विफल रहे. इस श्रेणी में यूएसए के एज्रा फ्रेज ने 1.94 मीटर के नए रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जाता है.
2 साल की उम्र में हुए पोलियो के शिकार: पेरिस पैरालंपिक 2024 में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाले शरद कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हैं. दो साल की उम्र में शरद को पोलियो हो गया था. जिस वजह से उनके बाएं पैर में लकवा मार गए और उनकी मांशपेशियां कमजोर रह गई लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार अपनी खेल प्रतिभा को निखारने के लिए मेहनत करते रहे. जिसका नतीजा आज सामने है.
टोक्यो 2020 में जीता था कांस्य पदक: यह शरद का दूसरा पैरालंपिक मेडल है. उन्होंने टोक्यो 2020 में 1.83 मीटर की दूरी के साथ कांस्य पदक जीता था. मुजफ्फरपुर के रहने वाले 32 वर्षीय एथलीट शरद कुमार ने दार्जिलिंग स्थित सेंट पॉल स्कूल से शुरुआती पढ़ाई करने के दौरान जिला स्तर पर कई पुरस्कार जीते. उन्होंने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से प्लस टू की पढ़ाई की और किरोड़ीमल कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया. बाद में जेएनयू से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विशेषज्ञता के साथ राजनीति में एमए की पढ़ाई की है. 2010 में ग्वांगझू में एशियाई पैरा खेलों में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया.
चौथे स्थान पर रहे शैलेश कुमार: बिहार के जमुई के रहने वाले शैलेश कुमार ने भी पेरिस पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि वह पदक जीतने में विफल रहे. 1.85 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ पुरुषों की ऊंची कूद टी63 स्पर्धा में वह चौथे स्थान पर रहे. शैलेश का यह पहला पैरालंपिक गेम्स है. उन्होंने एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.
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