रुड़की (उत्तराखंड): रुड़की क्षेत्र की रहने वाली खुशनसीब को जर्मनी में होने वाली ड्रैगन बोट प्रतियोगिता के लिए चुना गया है. वहीं खुशनसीब की सफलता से उसके परिवार और क्षेत्रवासियों में खुशी का माहौल है. स्थानीय लोग घर पहुंचकर खुशनसीब के परिजनों को बधाई दे रहे हैं.
दरअसल, सफलता कभी भी संसाधनों की मोहताज नहीं होती है और ऐसा ही साबित कर दिखाया है रुड़की के पाडली गुर्जर गांव की बेटी खुशनसीब ने, जिसने अपनी मेहनत और लगन से ना केवल क्षेत्र का नाम रोशन किया बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है. वहीं गरीब परिवार में जन्मी इस प्रतिभाशाली बेटी ने दो गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल जीतकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया और अब उसका नाम जर्मनी में होने वाली ड्रैगन बोट प्रतियोगिता के लिए चुना गया है. जिससे उसके परिवार और पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है. इसी साल 13 जनवरी से 22 जनवरी तक केरल में हुई कैनोइंग कयाकिंग प्रतियोगिता में खुशनसीब ने गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल जीता है.
बताते चलें, खुशनसीब का परिवार रुड़की स्थित पाडली गुर्जर गांव में रहता है और खुशनसीब के पिता इकराम सलमानी पेशे से एक साधारण श्रमिक हैं. वहीं इकराम ने अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए दिन-रात मेहनत की है. वहीं इकराम के छह बच्चों में खुशनसीब सबसे छोटी है. दरअसल, उत्तराखंड की बेटी खुशनसीब पिछले तीन वर्षों से लगातार कठिन परिश्रम कर रही हैं, खुशनसीब की मेहनत और लगन ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है.
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वहीं जर्मनी में होने वाली प्रतियोगिता के लिए चुने जाने से परिवार में खुशी का माहौल है. खुशनसीब की मां रिहाना ने कहा कि यह सिर्फ हमारी नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की खुशी है, उन्होंने कहा कि हमें यकीन था कि हमारी बेटी कुछ बड़ा करेगी, लेकिन आज जो उसने किया वह हमारी उम्मीदों से भी बढ़कर है.वहीं खुशनसीब का कहना है कि उनका अब आगे का लक्ष्य जर्मनी में होने वाली ड्रैगन बोट प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करना है. अगर उसे इस प्रतियोगिता में सफलता मिलती है तो यह न केवल उसके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात होगी.
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