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7000 फीट की ऊंचाई पर राष्ट्रीय खेलों के लिए पसीना बहा रहे 60 खिलाड़ी, जानें पौड़ी में अभ्यास का मकसद - UTTARAKHAND NATIONAL GAMES 2025

पौड़ी का रांसी स्टेडियम एशिया का दूसरा सबसे ऊंचाई पर स्थित स्टेडियम है, यहां हाई एल्टीट्यूड में अभ्यास करने से खिलाड़ियों का स्टेमिना बढ़ता है

UTTARAKHAND NATIONAL GAMES 2025
पौड़ी गढ़वाल के रांसी स्टेडियम में नेशनल गेम्स के लिए कैंप (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 31, 2024, 11:14 AM IST

Updated : Dec 31, 2024, 12:06 PM IST

पौड़ी: उत्तराखंड में 28 जनवरी से 38वें नेशनल गेम्स होने वाले हैं. इन दिनों नेशनल गेम्स के लिए खिलाड़ियों के कैंप लगे हुए हैं. पौड़ी जिले में स्थित रांसी स्टेडियम में भी खिलाड़ियों का कैंप लगा है. यहां 60 खिलाड़ी 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में जुटे हुए हैं. हाई एल्टीट्यूड यानी ऊंचाई पर स्थित इस स्टेडियम में अभ्यास करने से उन्हें मैदानी इलाकों के ट्रायल्स में सहायता मिलती है.

रांसी स्टेडियम में पसीना बहा रहे खिलाड़ी: इन 60 खिलाड़ियों में पुरुष और महिला दोनों वर्गों के एथलीट शामिल हैं. ये खिलाड़ी विभिन्न खेलों जैसे शॉटपुट, हैमर थ्रो, जैवलिन, हाईजंप और लॉन्ग जंप की तैयारी कर रहे हैं. स्टेडियम में 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है. इसमें 3 नेशनल खिलाड़ियों सहित 60 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. खिलाड़ियों का लक्ष्य राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करना है.

रांसी स्टेडियम में नेशनल गेम्स के लिए कैंप (VIDEO- ETV Bharat)

हाई एल्टीट्यूड पर अभ्यास कर रहे 60 खिलाड़ी: जिला क्रीड़ा अधिकारी संदीप डुकलान ने बताया कि रांसी स्टेडियम में हाई एल्टीट्यूड में किए गए अभ्यास का लाभ निश्चित रूप से खिलाड़ियों को मिलेगा. खासकर स्ट्रेंग्थ और एंड्यूरेंस बढ़ाने में. ऊंचाई वाले वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण, शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इससे धावकों की सहनशक्ति यानी स्टेमिना बेहतर होता है. हालांकि, गति पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है, लेकिन इस प्रकार के वातावरण में ताकत और सहनशक्ति पर अधिक ध्यान देना दीर्घकालिक प्रदर्शन के लिए फायदेमंद होता है.

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रांसी स्टेडियम 7000 फीट की ऊंचाई पर है (PHOTO- ETV BHARAT)

हाई एल्टीट्यूड पर अभ्यास से बढ़ता है स्टेमिना: हाई एल्टीट्यूड पर अभ्यास के बाद जब खिलाड़ी मैदानी क्षेत्रों में ट्रायल या प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, तो उनके प्रदर्शन में स्वाभाविक रूप से सुधार होता है. क्योंकि उनका शरीर कम ऑक्सीजन की स्थिति में अधिक अनुकूल हो चुका होता है. टीम के साथ जुड़े साइकोलॉजिस्ट नीरज ठाकुर ने बताया कि मानसिक रूप से स्वस्थ होना और हाई एल्टीट्यूड में शांत वादियों में प्रशिक्षण लेना खिलाड़ियों को काफी मदद करता है. इसका सकारात्मक प्रभाव उनके मानसिक और शारीरिक प्रदर्शन पर पड़ता है. देखने में आया है कि इसीलिए भारतीय एथलेटिक्स टीम के कैंप अक्सर ऊटी में लगाये जाते हैं.

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कैंप में भाग ले रहे खिलाड़ियों को किट दी गई (PHOTO- ETV BHARAT)

7000 फीट की ऊंचाई पर है रांसी स्टेडियम: रांसी स्टेडियम उत्तराखंड के पौड़ी जिले में है. समुद्र तल से इस स्टेडियम की ऊंचाई 7000 फीट है. रांसी स्टेडियम एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा स्टेडियम है. ये स्टेडियम पौड़ी शहर से 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है. पौड़ी के रांसी स्टेडियम का निर्माण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया गया है.

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कैंप में कई नेशनल प्लेयर भाग ले रहे हैं (PHOTO- ETV BHARAT)

हिमाचल में है एशिया का सबसे ऊंचा स्टेडियम: एशिया में सबसे ऊंचाई पर हिमाचल प्रदेश का स्टेडियम है. हिमाचल का चैल क्रिकेट ग्राउंड समुद्र तल से 2,444 मीटर की ऊंचाई पर है. पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने इस क्रिकेट ग्राउंड का निर्माण करवाया था. महाराजा भूपिंदर सिंह एक क्रिकेट प्रेमी थे. उन्होंने चैल को अपनी गर्मियों की राजधानी बनाया था.

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हाई एल्टीट्यूड पर अभ्यास से स्टेमिना बढ़ता है (PHOTO- ETV BHARAT)

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रांसी स्टेडियम में पसीना बहा रहे खिलाड़ी: इन 60 खिलाड़ियों में पुरुष और महिला दोनों वर्गों के एथलीट शामिल हैं. ये खिलाड़ी विभिन्न खेलों जैसे शॉटपुट, हैमर थ्रो, जैवलिन, हाईजंप और लॉन्ग जंप की तैयारी कर रहे हैं. स्टेडियम में 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है. इसमें 3 नेशनल खिलाड़ियों सहित 60 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. खिलाड़ियों का लक्ष्य राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करना है.

रांसी स्टेडियम में नेशनल गेम्स के लिए कैंप (VIDEO- ETV Bharat)

हाई एल्टीट्यूड पर अभ्यास कर रहे 60 खिलाड़ी: जिला क्रीड़ा अधिकारी संदीप डुकलान ने बताया कि रांसी स्टेडियम में हाई एल्टीट्यूड में किए गए अभ्यास का लाभ निश्चित रूप से खिलाड़ियों को मिलेगा. खासकर स्ट्रेंग्थ और एंड्यूरेंस बढ़ाने में. ऊंचाई वाले वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण, शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इससे धावकों की सहनशक्ति यानी स्टेमिना बेहतर होता है. हालांकि, गति पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है, लेकिन इस प्रकार के वातावरण में ताकत और सहनशक्ति पर अधिक ध्यान देना दीर्घकालिक प्रदर्शन के लिए फायदेमंद होता है.

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रांसी स्टेडियम 7000 फीट की ऊंचाई पर है (PHOTO- ETV BHARAT)

हाई एल्टीट्यूड पर अभ्यास से बढ़ता है स्टेमिना: हाई एल्टीट्यूड पर अभ्यास के बाद जब खिलाड़ी मैदानी क्षेत्रों में ट्रायल या प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, तो उनके प्रदर्शन में स्वाभाविक रूप से सुधार होता है. क्योंकि उनका शरीर कम ऑक्सीजन की स्थिति में अधिक अनुकूल हो चुका होता है. टीम के साथ जुड़े साइकोलॉजिस्ट नीरज ठाकुर ने बताया कि मानसिक रूप से स्वस्थ होना और हाई एल्टीट्यूड में शांत वादियों में प्रशिक्षण लेना खिलाड़ियों को काफी मदद करता है. इसका सकारात्मक प्रभाव उनके मानसिक और शारीरिक प्रदर्शन पर पड़ता है. देखने में आया है कि इसीलिए भारतीय एथलेटिक्स टीम के कैंप अक्सर ऊटी में लगाये जाते हैं.

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कैंप में भाग ले रहे खिलाड़ियों को किट दी गई (PHOTO- ETV BHARAT)

7000 फीट की ऊंचाई पर है रांसी स्टेडियम: रांसी स्टेडियम उत्तराखंड के पौड़ी जिले में है. समुद्र तल से इस स्टेडियम की ऊंचाई 7000 फीट है. रांसी स्टेडियम एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा स्टेडियम है. ये स्टेडियम पौड़ी शहर से 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है. पौड़ी के रांसी स्टेडियम का निर्माण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया गया है.

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कैंप में कई नेशनल प्लेयर भाग ले रहे हैं (PHOTO- ETV BHARAT)

हिमाचल में है एशिया का सबसे ऊंचा स्टेडियम: एशिया में सबसे ऊंचाई पर हिमाचल प्रदेश का स्टेडियम है. हिमाचल का चैल क्रिकेट ग्राउंड समुद्र तल से 2,444 मीटर की ऊंचाई पर है. पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने इस क्रिकेट ग्राउंड का निर्माण करवाया था. महाराजा भूपिंदर सिंह एक क्रिकेट प्रेमी थे. उन्होंने चैल को अपनी गर्मियों की राजधानी बनाया था.

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हाई एल्टीट्यूड पर अभ्यास से स्टेमिना बढ़ता है (PHOTO- ETV BHARAT)

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Last Updated : Dec 31, 2024, 12:06 PM IST
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