नई दिल्ली : भारत के पूर्व क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आज़ाद ने सोमवार को कहा कि जब से क्रिकेट का प्रसारण टेलीविजन पर शुरू हुआ है, तब से लोगों ने उन्हें क्रिकेट के बारे में सिखाना शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा, 'खिलाड़ी की कोई जाति या धर्म नहीं होता. और इसलिए राजनीतिक दल खेलों को उतना महत्व नहीं देते, जितना कि वे हकदार हैं. मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सभी क्षेत्रों के लोगों का समर्थन करने और उन्हें संसद में लाने में मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं'.
बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद आज़ाद ने उन दिनों को याद किया जब क्रिकेट में कोई पैसा नहीं था और वे तीसरी श्रेणी की रेलवे बोगियों में यात्रा करते थे.
उन्होंने आगे कहा, आज, हमारे एथलीटों की स्थिति वही है, क्रिकेटरों की नहीं. वे छात्रावासों में रहते हैं और यह टेलीविजन पर देखा जा सकता है. अगर आप ओलंपिक की तैयारियों के बारे में बात करना चाहते हैं, तो आपको अभी से 2028 खेलों पर चर्चा शुरू करनी होगी..न कि तब जब आपकी टीम जा चुकी होगी'.
आज़ाद ने कहा, 'जब क्रिकेट टेलीविजन पर आना शुरू हुआ, तो लोगों ने मुझे क्रिकेट सिखाना शुरू कर दिया. उन्हें नहीं पता कि जब जेफ थॉम्पसन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे, सुनील गावस्कर बल्लेबाजी कर रहे होते थे, या जब सचिन तेंदुलकर ब्रेट ली का सामना कर रहे होते थे, तो उन्हें शॉट तय करने के लिए बस एक सेकंड का समय मिलता था. लेकिन लोग समझ नहीं पाते हैं'.
1983 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य आज़ाद ने महिला पहलवानों पर 'हमले' के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूकदर्शक बने हुए हैं.
2028 ओलंपिक यूनाइटेड किंगडम के लॉस एंजिल्स में आयोजित किए जाने हैं.