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ओलंपिक मेडल के लिए 8 साल बहाया पसीना, डायरी में उपलब्धियों के साथ दर्ज की कमियां, ऐसी है सरबजोत की जर्नी - Sarabjot Singh Journey

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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 3, 2024, 7:07 PM IST

Updated : Aug 4, 2024, 2:38 PM IST

Bronze medalist Sarabjot Singh, Shooter Sarabjot Singh in Dehradun, Sarabjot Singh at the Paris Olympics पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद देशभर में सरबजोत सिंह की चर्चा हो रही है. सरबजोत सिंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. पेरिस से लौटने के बाद सरबजोत सिंह से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस बातचीत में सरबजोत सिंह ने जीत के बाद मिल रही प्रतिक्रिया, अपने प्लान्स के बारे में बताया.

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ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह से खास बातचीत (Etv Bharat)
ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह से खास बातचीत (Etv Bharat)

देहरादून(उत्तराखंड): पेरिस ओलंपिक में अभी तक भारत 3 मेडल जीत चुका है. इस बार पेरिस ओलंपिक में इंडियन शूटर्स ने कमाल किया है. पेरिस ओलंपिक में सबसे पहले मनु भाकर ने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का खाता खोला. इसके बाद 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम में भी मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने कमाल का निशाना लगाया. इन दोनों ही शूटर्स ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत की पदल तालिका को आगे बढ़ाया. पेरिस ओलंपिक में कमाल कर भारत लौटे सफल शूटर सरबजोत सिंह का भव्य स्वागत हुआ. जिसके बाद आज सरबजोत सिंह देहरादून पहुंचे, जहां सरबजोत सिंह से ईटीवी भारत उत्तराखंड के ब्यूरोचीफ किरनकांत शर्मा ने खास बातचीत की. इस बातचीत में सरबजोत सिंह ने अपने शूटिंग के सफर से लेकर सफलता तक की बात की. साथ ही उन्होंने भविष्य को लेकर की जाने वाली प्लानिंग को लेकर भी बात की.

मेडल के लिए 8 साल बहाया पसीना: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए ओलंपिक मेडलिस्ट सरबजोत सिंह ने कहा वह पेरिस में अपने प्रदर्शन से अभी खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा जब तक वह अपना गोल अचीव नहीं कर लेते तब तक उन्हें संतुष्टि नहीं मिलेगी. सरबजोत सिंह ने इस मेडल के लिए उन्होंने लगभग 8 साल से तैयारी की है. 8 साल से वह लगातार ओलंपिक के बारे में सोच रहे थे. उन्होंने कहा दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व करना हमेशा ही उनका सपना रहा है. सरबजोत सिंह ने कहा जब वह रेंज में पहुंचे तब कभी उनके मन में मेडल जीतने का विचार नहीं आया. तब वे केवल अपने गेम पर ही फोकस कर रहे थे. सरबजोत सिंह ने बताया इस खेल में उन्हें थोड़ी दिक्कतें हुई, मगर लगातार मेहनत और प्रयास के कारण धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होता चला गया.

हर खिलाड़ी का सपना होता है देश के लिए खेलना: सरबजोत सिंह स्कूली दिनों में पहले उन्हें फुटबॉल में डाला गया. इसके बाद उन्हें शूटिंग के लिए कहा गया. तब उन्होंने शूटिंग में हाथ आजमाना शुरू किया. देखते ही देखते वे इसमें रमने लगे. सरबजोत सिंह ने कहा शूटिंग की प्रैक्टिस के साथ ही उन्होंने टूर्नामेंट खेलने शुरू किये. जिसमें वे मेडल लेकर आये. जिसके बाद वे आगे बढ़ते चले गये. सरबजोत सिंह ने कहा हर खिलाड़ी हर एथलीट का सपना भारत के लिए खेलना होता है. उन्होंने भी भारत के लिए खेलने के लिए कड़ी ट्रेनिंग की.

आने वाली प्रतियोगिताओं पर फोकस: सरबजोत सिंह कहते हैं 'शुरू से ही उनके मन में देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. जिसे वे अपने खेल के जरिये पूरा करना चाहते थे. सरबजोत सिंह ने कहा मेडल जीतने के बाद अभी उन्हें बहुत कुछ करना है'. उन्होंने कहा फिलहाल वे अभी कुछ दिन परिवार के साथ बिताएगे. इसके बाद नेशनल गेम्स की प्रैक्टिस की तैयारी करेंगे. सरबजोत सिंह ने कहा अभी मेरा पूरा फोकस साल 2028 में होने वाले गेम्स पर है.

SARABJOT SINGH JOURNEY
देहरादून में जश्न मनाते ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह (ETV BHARAT)

डायरी में उपलब्धियों के साथ ही दर्ज होती कमियां: सरबजोत सिंह कहते हैं सब लोगों ने मेरे उसे पल को देखा जब मैं मेडल जीतकर भारत आया, लेकिन इसके पीछे मेरा बहुत पुराना संघर्ष है. उन्होंने कहा 'मैंने 8 साल तक निरंतर प्रैक्टिस की है, दिन रात इस दिन के लिए जिया हूं, हर दिन अगर कुछ कमी रह जाती थी तो उसे अगले दिन किसी भी हाल में पूरा करता था'. सरबजोत सिंह बताते हैं उन्होंने 8 सालों से एक डायरी मेंटेन की है. इस डायरी में वह रोजाना अपनी दिनचर्या को लिखते हैं. इस डायरी में हर दिन का अचीवमेंट, हर दिन की कमियां लिखी जाती है. उसके बाद उस पर काम किया जाता है.

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फैंस के साथ ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह (ETV BHARAT)

सरबजोत सिंह ने खिलाड़ियों को दिया सफलता का मंत्र: सरबजोत सिंह कहते हैं 'मैंने यह महसूस किया है कि कई खिलाड़ी यह सोचकर रुक जाते हैं कि रोजाना एक ही दिनचर्या और कुछ नया नहीं हो रहा है, मैनें ऐसा कभी नहीं सोचा, मैंने हर दिन को इंजॉय किया, हर दिन सीखने की कोशिश की, जिसका नतीजा पेरिस ओलंपिक का ब्रान्ज मेडल है'. सरबजोत सिंह ने दूसके खिलाड़ियों को भी सलाह दी. सरबजोत सिंह ने रहा खिलाड़ी को कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए. खिलाड़ी को कभा रुकना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कभी किसी खिलाड़ी को लगे कि उससे कुछ नहीं हो पा रहा है तो उसे बार बार प्रैक्टिस करना चाहिए. उन्होंने कहा मेहनत ही सफलता का मूल मंत्र है.

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ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह (ETV BHARAT)

पढे़ं-मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने भारत को पेरिस ओलंपिक में दिलाया दूसरा पदक - Paris Olympics 2024

ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह से खास बातचीत (Etv Bharat)

देहरादून(उत्तराखंड): पेरिस ओलंपिक में अभी तक भारत 3 मेडल जीत चुका है. इस बार पेरिस ओलंपिक में इंडियन शूटर्स ने कमाल किया है. पेरिस ओलंपिक में सबसे पहले मनु भाकर ने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का खाता खोला. इसके बाद 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम में भी मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने कमाल का निशाना लगाया. इन दोनों ही शूटर्स ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत की पदल तालिका को आगे बढ़ाया. पेरिस ओलंपिक में कमाल कर भारत लौटे सफल शूटर सरबजोत सिंह का भव्य स्वागत हुआ. जिसके बाद आज सरबजोत सिंह देहरादून पहुंचे, जहां सरबजोत सिंह से ईटीवी भारत उत्तराखंड के ब्यूरोचीफ किरनकांत शर्मा ने खास बातचीत की. इस बातचीत में सरबजोत सिंह ने अपने शूटिंग के सफर से लेकर सफलता तक की बात की. साथ ही उन्होंने भविष्य को लेकर की जाने वाली प्लानिंग को लेकर भी बात की.

मेडल के लिए 8 साल बहाया पसीना: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए ओलंपिक मेडलिस्ट सरबजोत सिंह ने कहा वह पेरिस में अपने प्रदर्शन से अभी खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा जब तक वह अपना गोल अचीव नहीं कर लेते तब तक उन्हें संतुष्टि नहीं मिलेगी. सरबजोत सिंह ने इस मेडल के लिए उन्होंने लगभग 8 साल से तैयारी की है. 8 साल से वह लगातार ओलंपिक के बारे में सोच रहे थे. उन्होंने कहा दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व करना हमेशा ही उनका सपना रहा है. सरबजोत सिंह ने कहा जब वह रेंज में पहुंचे तब कभी उनके मन में मेडल जीतने का विचार नहीं आया. तब वे केवल अपने गेम पर ही फोकस कर रहे थे. सरबजोत सिंह ने बताया इस खेल में उन्हें थोड़ी दिक्कतें हुई, मगर लगातार मेहनत और प्रयास के कारण धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होता चला गया.

हर खिलाड़ी का सपना होता है देश के लिए खेलना: सरबजोत सिंह स्कूली दिनों में पहले उन्हें फुटबॉल में डाला गया. इसके बाद उन्हें शूटिंग के लिए कहा गया. तब उन्होंने शूटिंग में हाथ आजमाना शुरू किया. देखते ही देखते वे इसमें रमने लगे. सरबजोत सिंह ने कहा शूटिंग की प्रैक्टिस के साथ ही उन्होंने टूर्नामेंट खेलने शुरू किये. जिसमें वे मेडल लेकर आये. जिसके बाद वे आगे बढ़ते चले गये. सरबजोत सिंह ने कहा हर खिलाड़ी हर एथलीट का सपना भारत के लिए खेलना होता है. उन्होंने भी भारत के लिए खेलने के लिए कड़ी ट्रेनिंग की.

आने वाली प्रतियोगिताओं पर फोकस: सरबजोत सिंह कहते हैं 'शुरू से ही उनके मन में देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. जिसे वे अपने खेल के जरिये पूरा करना चाहते थे. सरबजोत सिंह ने कहा मेडल जीतने के बाद अभी उन्हें बहुत कुछ करना है'. उन्होंने कहा फिलहाल वे अभी कुछ दिन परिवार के साथ बिताएगे. इसके बाद नेशनल गेम्स की प्रैक्टिस की तैयारी करेंगे. सरबजोत सिंह ने कहा अभी मेरा पूरा फोकस साल 2028 में होने वाले गेम्स पर है.

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देहरादून में जश्न मनाते ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह (ETV BHARAT)

डायरी में उपलब्धियों के साथ ही दर्ज होती कमियां: सरबजोत सिंह कहते हैं सब लोगों ने मेरे उसे पल को देखा जब मैं मेडल जीतकर भारत आया, लेकिन इसके पीछे मेरा बहुत पुराना संघर्ष है. उन्होंने कहा 'मैंने 8 साल तक निरंतर प्रैक्टिस की है, दिन रात इस दिन के लिए जिया हूं, हर दिन अगर कुछ कमी रह जाती थी तो उसे अगले दिन किसी भी हाल में पूरा करता था'. सरबजोत सिंह बताते हैं उन्होंने 8 सालों से एक डायरी मेंटेन की है. इस डायरी में वह रोजाना अपनी दिनचर्या को लिखते हैं. इस डायरी में हर दिन का अचीवमेंट, हर दिन की कमियां लिखी जाती है. उसके बाद उस पर काम किया जाता है.

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फैंस के साथ ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह (ETV BHARAT)

सरबजोत सिंह ने खिलाड़ियों को दिया सफलता का मंत्र: सरबजोत सिंह कहते हैं 'मैंने यह महसूस किया है कि कई खिलाड़ी यह सोचकर रुक जाते हैं कि रोजाना एक ही दिनचर्या और कुछ नया नहीं हो रहा है, मैनें ऐसा कभी नहीं सोचा, मैंने हर दिन को इंजॉय किया, हर दिन सीखने की कोशिश की, जिसका नतीजा पेरिस ओलंपिक का ब्रान्ज मेडल है'. सरबजोत सिंह ने दूसके खिलाड़ियों को भी सलाह दी. सरबजोत सिंह ने रहा खिलाड़ी को कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए. खिलाड़ी को कभा रुकना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कभी किसी खिलाड़ी को लगे कि उससे कुछ नहीं हो पा रहा है तो उसे बार बार प्रैक्टिस करना चाहिए. उन्होंने कहा मेहनत ही सफलता का मूल मंत्र है.

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ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सरबजोत सिंह (ETV BHARAT)

पढे़ं-मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने भारत को पेरिस ओलंपिक में दिलाया दूसरा पदक - Paris Olympics 2024

Last Updated : Aug 4, 2024, 2:38 PM IST
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