नई दिल्ली : हाल ही में डायमंड लीग पेरिस में 3000 मीटर स्टीपलचेज में 8 मिनट और 9.91 सेकंड का शानदार समय लेकर 10वीं बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाले अविनाश साबले ने पेरिस में ओलंपिक पदक जीतने पर अपनी नजरें टिकाई हुई हैं.
साबले अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वह अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और पदक के साथ घर लौटने के अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं.
𝐀𝐯𝐢𝐧𝐚𝐬𝐡 𝐲𝐨𝐮 𝐛𝐞𝐚𝐮𝐭𝐲 🔥🔥🔥
— India_AllSports (@India_AllSports) July 7, 2024
Avinash Sable creates NEW NATIONAL RECORD in 3000m SC
Avinash clocked 8:09.91 (breaking his own earlier NR of 8:11.20) on his way to respectable 6th place finish at prestigious Paris Diamond League @afiindia #ParisDL #Athletics pic.twitter.com/qQxQUNeCmG
साबले ने जियोसिनेमा के 'द ड्रीमर्स' पर कहा, 'मुझे लगता था कि ओलंपिक पदक विजेताओं का प्रशिक्षण के प्रति एक अनूठा और कठिन दृष्टिकोण होता है, लेकिन पिछले दो वर्षों के मेरे अनुभवों ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया है. मैं सिर्फ भाग लेना नहीं चाहता, मुझे विश्वास है कि मैं पदक जीत सकता हूं. मैं उस लक्ष्य पर नजरें गड़ाए हुए कड़ी मेहनत कर रहा हूं. अगर सब कुछ ठीक रहा और मैंने पदक जीता, तो यह हमारे देश को समर्पित होगा'.
अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए, 2022 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने अपनी प्रेरणा का श्रेय दिग्गज भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह, श्रीराम सिंह और पीटी उषा को दिया. उन्होंने कहा, 'विश्व स्तर पर उनके प्रदर्शन ने मुझे बहुत प्रेरित किया है. अगर मेरे रोल मॉडल विश्व स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं, तो मैं भी कर सकता हूं. मुझे दूसरों के बजाय अपनी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करना सिखाया गया है. मेरी प्रतिस्पर्धा मेरी टाइमिंग से है'.
साबले का खेल की दुनिया में प्रवेश भारतीय सेना में उनकी सेवा के साथ शुरू हुआ, जहां उन्होंने अपने कोच अमरीश कुमार के मार्गदर्शन में स्टीपलचेज़ में जाने से पहले एक क्रॉस-कंट्री धावक के रूप में प्रतिस्पर्धा की. उन्होंने कहा, 'सेना में कठोर प्रशिक्षण ने मुझे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से मजबूत बनाया है'.
2018 में पहली बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने के बाद से, साबले ने लगातार अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाया है और नए रिकॉर्ड बनाए हैं. साबले ने गर्व से कहा, 'मेरा लक्ष्य हमेशा प्रतिस्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय आत्म-सुधार रहा है. इस मानसिकता ने मुझे 10 बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने की अनुमति दी है'.
साबले ने बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने के अपने प्रदर्शन पर भी विचार किया, जिसने उच्चतम स्तरों पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रमंडल खेलों में मेरा लक्ष्य केन्याई एथलीटों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करना था. एक सेकंड के अंश से दूसरे स्थान पर रहने से मुझे यह विश्वास मिला कि हम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं'.
साबले, जिन्होंने 2022 एशियाई खेलों में स्वर्ण और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत जीता, पेरिस 2024 में 3000 मीटर पुरुष स्टीपलचेज स्पर्धा में भाग लेंगे.