उत्तराखंड: वाइब्रेट विलेज को बढ़ावा देने के बाद लगातार बॉर्डर एरिया में सिविलियंस की गतिविधियां बढ़ रही हैं. इसी के तहत अभिषेक बड़वाल ने चीन बॉर्डर की नीती माना घाटी और पर्वती कुंड का एक्सपीडिशन किया और इस दौरान उन्होंने एक स्कीइंग स्लोप की भी खोज की.
नीती घाटी के निवासी अभिषेक बड़वाल देहरादून से माना गांव और उसके बाद नीती माणा घाटी और पार्वती कुंड का एक्सपीडिशन साइकिल से करने वाले पहले व्यक्ति हैं. इससे पहले शिवांगी राणा ने इन क्षेत्रों को साइकिल से एक्सप्लोर किया था, लेकिन अभिषेक बड़वाल पहले पुरुष हैं जिन्होंने इस पूरे वीरान क्षेत्र में साइकिल से यात्रा की. इस दौरान उन्होंने स्कीइंग के लिए उपयुक्त स्लोप की भी खोज की.
ईटीवी भारत से टेलीफोनिक बातचीत करते हुए अभिषेक बताते हैं कि औली विंटर गेम्स का हब है. लेकिन पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि वहां पर पर्याप्त बर्फबारी नहीं हो रही है. स्लोप का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में इस तरह का बिल्कुल नया स्लोप उत्तराखंड में विंटर गेम्स और स्कीइंग को नए आयाम पर ले जा सकता है.
आपको बता दें कि वर्ष 2021 से अभिषेक बड़वाल लगातार प्रदेश की राजधानी से उत्तराखंड के सुदूर बर्फीले बीहड़ों की तरफ साइकिल से यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने 2021 में देहरादून से नीती और माना घाटियों का एक्सपीडिशन अकेले तय किया. वह पहले ऐसे पुरुष हैं, जिन्होंने साइकिल से यह यात्रा की है. वर्ष 2022 में उन्होंने 5,632 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद माना पास और 5,064 की ऊंचाई पर मौजूद नीती पास की सफर किया. तकरीबन 4700 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद पर्वती कुंड की यात्रा भी अभिषेक अकेले साइकिल से कर चुके हैं. इस तरह से हिमालय क्षेत्र में सोलो साइकिलिंग करने वाले वो देश के पहले युवा हैं. अभिषेक बड़वाल एक माउंटेनियर हैं तो वहीं वह एक सर्टिफाइड स्कीइंग इंस्ट्रक्टर के अलावा ट्रेक लीडर और मार्शल आर्ट में भी हुनर रखते हैं.
अपने इसी स्कीइंग के हुनर को देखते हुए उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान इस बार न सिर्फ नीती माना घाटी के लिए बल्कि उत्तराखंड में विंटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में स्की माउंटेनिरिंग को लेकर भी बड़ा काम किया है. उन्होंने बताया कि नीती गांव में थाई टॉप नाम की चोटी जिसकी ऊंचाई 5023 मीटर है, वहां से उन्होंने स्कीइंग डाउन किया और वह पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने इस अनछुए स्लोप पर अपनी स्कीइंग डाउन की. वह अपने यात्रा वृतांत के बारे में बताते हैं कि थाई टॉप की ऊंचाई से वाइब्रेट विलेज- नीती, गमशाली बुग्याल, बंपा, फार्किया, मलारी, गुप्तखाल जैसे ट्रेक का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है.
आजकल जब नीती गांव में कोई भी आवास नहीं करता है, ऐसे में अभिषेक ने हिम्मत दिखाई और अकेले निकल पड़े. देहरादून से स्की को स्कूटी में बांध कर नीती के लिए. फिर नीती गांव से स्की को कंधे पर उठाकर (5-6 घंटे) का सफर तय करके थाई टॉप (5023 मीटर) पहुंचे जो कि 8-9 km की बहुत कठिन खड़ी चढ़ाई है. उसके बाद वहां से सफलतापूर्वक स्की डाउन किया. थाई टॉप एक नेचुरल स्लोप है जो कि इंटरनेशनल लेवल का है. उनका कहना है कि उत्तराखंड में सिर्फ औली ही है जहां इंटरनेशनल स्लोप है. परंतु ग्लोबल वार्मिंग के चलते बीते कई वर्षों में वहां बहुत कम बार बर्फ देखने को मिली है. नीती गांव एक रिमोट एरिया जो कि वाइब्रेंट विलेज के अंतर्गत आता है और 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यहां लोग वर्ष के सिर्फ 6 महीने ही निवास करते हैं.