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मनु भाकर के पिता का छलका दर्द, बोले- काश! मैं उसे शूटर की जगह क्रिकेटर बना पाता - MANU BHAKER

मनु के पिता राम किशन भाकर ने खेल रत्न पुरस्कार नामांकन से शूटर का नाम गायब होने पर सरकार पर अपनी भड़ास निकाली है.

Manu Bhaker
मनु भाकर (ANI Photo)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : 15 hours ago

Updated : 11 hours ago

नई दिल्ली : इस साल के मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित लोगों की लिस्ट से डबल ओलंपिक मेडलिस्ट स्टार भारतीय शूटर मनु भाकर को बाहर रखे जाने की खबर पर विवाद छिड़ गया है. इसे लेकर कई लोग पहले से ही नाराज हैं. लेकिन, अब उनके पिता ने सरकार की अनदेखी के लिए उन पर अपनी भड़ास निकाली है.

अगस्त में, पेरिस में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों 2024 में मनु भाकर, 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बनीं.

इसके बावजूद, खेलों के क्षेत्र में सबसे बड़े राष्ट्रीय सम्मान से उन्हें बाहर रखे जाने की खबरों ने लोगों को चौंका दिया. अब उनके परिवार ने जोर देकर कहा है कि इस पुरस्कार के लिए उनके द्वारा आवेदन किया गया था.

मनु को शूटिंग के खेल में डालने का अफसोस
मनु के पिता राम किशन भाकर ने सरकार पर अपनी भड़ास निकाली और कहा कि देश क्रिकेटरों को छोड़कर हर तरह के एथलीट को अनदेखा कर देता है.

राम किशन भाकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझे उसे शूटिंग के खेल में डालने का अफसोस है. मुझे उसे क्रिकेटर बनाना चाहिए था. तब, सभी पुरस्कार और प्रशंसाएं उसके पास आतीं. उसने एक ही संस्करण में दो ओलंपिक पदक जीते, ऐसा कभी किसी ने नहीं किया. आप मेरी बेटी से देश के लिए और क्या उम्मीद करते हैं? सरकार को उसके प्रयासों को पहचानना चाहिए'.

देश के लिए ओलंपिक पदक नहीं जीतना चाहिए था
22 वर्षीय शूटर के पिता ने आगे कहा, 'मैंने मनु से बात की, और वह इन सब से निराश थी. उसने मुझसे कहा 'मुझे ओलंपिक में नहीं जाना चाहिए था और देश के लिए पदक नहीं जीतना चाहिए था. वास्तव में, मुझे खिलाड़ी नहीं बनना चाहिए था'.

4 सालों से पद्म श्री के लिए कर रही आवेदन
बता दें कि, खेल मंत्रालय ने कहा है कि 22 वर्षीय निशानेबाज ने खेल रत्न के लिए आवेदन नहीं किया है. वहीं, उनके पिता इस बयान से अलग हैं.

मनु के पिता राम किशन ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट से खास बातचीत में पूछा, 'वह पिछले 4 सालों से पद्म श्री जैसे विभिन्न पुरस्कारों के लिए आवेदन कर रही है. तो फिर वह इस साल आवेदन क्यों नहीं करेगी?' राम किशन के अनुसार, पिछले कुछ सालों में मनु ने 49 कैश प्राइज के आवेदन जमा किए थे, जिनकी वह हकदार थी, हालांकि, सभी 49 आवेदन खारिज कर दिए गए.

खेल रत्न पुरस्कार नॉमिनीज की आखिरी लिस्ट आना बाकी
खेल मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने यह भी दावा किया है कि नामों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है और एक सप्ताह के भीतर जब लिस्ट जारी की जाएगी, तो उसके वहां होने की संभावना है.

मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, 'इस समय नामांकन करने वाले खिलाड़ियों की कोई अंतिम लिस्ट नहीं है. खेल मंत्री मनसुख मंडाविया एक या दो दिन में सिफारिशों पर फैसला करेंगे और पूरी संभावना है कि उसका नाम अंतिम लिस्ट में होगा'.

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अगस्त में, पेरिस में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों 2024 में मनु भाकर, 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बनीं.

इसके बावजूद, खेलों के क्षेत्र में सबसे बड़े राष्ट्रीय सम्मान से उन्हें बाहर रखे जाने की खबरों ने लोगों को चौंका दिया. अब उनके परिवार ने जोर देकर कहा है कि इस पुरस्कार के लिए उनके द्वारा आवेदन किया गया था.

मनु को शूटिंग के खेल में डालने का अफसोस
मनु के पिता राम किशन भाकर ने सरकार पर अपनी भड़ास निकाली और कहा कि देश क्रिकेटरों को छोड़कर हर तरह के एथलीट को अनदेखा कर देता है.

राम किशन भाकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझे उसे शूटिंग के खेल में डालने का अफसोस है. मुझे उसे क्रिकेटर बनाना चाहिए था. तब, सभी पुरस्कार और प्रशंसाएं उसके पास आतीं. उसने एक ही संस्करण में दो ओलंपिक पदक जीते, ऐसा कभी किसी ने नहीं किया. आप मेरी बेटी से देश के लिए और क्या उम्मीद करते हैं? सरकार को उसके प्रयासों को पहचानना चाहिए'.

देश के लिए ओलंपिक पदक नहीं जीतना चाहिए था
22 वर्षीय शूटर के पिता ने आगे कहा, 'मैंने मनु से बात की, और वह इन सब से निराश थी. उसने मुझसे कहा 'मुझे ओलंपिक में नहीं जाना चाहिए था और देश के लिए पदक नहीं जीतना चाहिए था. वास्तव में, मुझे खिलाड़ी नहीं बनना चाहिए था'.

4 सालों से पद्म श्री के लिए कर रही आवेदन
बता दें कि, खेल मंत्रालय ने कहा है कि 22 वर्षीय निशानेबाज ने खेल रत्न के लिए आवेदन नहीं किया है. वहीं, उनके पिता इस बयान से अलग हैं.

मनु के पिता राम किशन ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट से खास बातचीत में पूछा, 'वह पिछले 4 सालों से पद्म श्री जैसे विभिन्न पुरस्कारों के लिए आवेदन कर रही है. तो फिर वह इस साल आवेदन क्यों नहीं करेगी?' राम किशन के अनुसार, पिछले कुछ सालों में मनु ने 49 कैश प्राइज के आवेदन जमा किए थे, जिनकी वह हकदार थी, हालांकि, सभी 49 आवेदन खारिज कर दिए गए.

खेल रत्न पुरस्कार नॉमिनीज की आखिरी लिस्ट आना बाकी
खेल मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने यह भी दावा किया है कि नामों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है और एक सप्ताह के भीतर जब लिस्ट जारी की जाएगी, तो उसके वहां होने की संभावना है.

मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, 'इस समय नामांकन करने वाले खिलाड़ियों की कोई अंतिम लिस्ट नहीं है. खेल मंत्री मनसुख मंडाविया एक या दो दिन में सिफारिशों पर फैसला करेंगे और पूरी संभावना है कि उसका नाम अंतिम लिस्ट में होगा'.

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