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पेरिस ओलंपिक वेन्यू से वर्ल्ड साइकिल टूर शुरू करेंगे केरल के अरुण तथागत - Paris Olympic 2024

कोच्चि के रहने वाले अरुण तथागत पेरिस ओलंपिक के ओपनिंग डे 26 जुलाई को साइकिल से अपनी सबसे लंबी यात्रा शुरू करेंगे. वह ओलंपिक में भाग लेने वाली भारतीय टीम का स्वागत करेंगे और फिर अपना वर्ल्ड साइकिल टूर शुरू करेंगे. पढे़ं पूरी खबर.

ARUN TATHAGAT
अरुण तथागत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 9, 2024, 7:33 PM IST

कोच्चि : कोच्चि के रहने वाले अरुण तथागत (42) एक बार फिर इतिहास रचने जा रहे हैं, जब दुनिया के खेल सितारे नई गति और ऊंचाइयों की तलाश में पेरिस ओलंपिक में एकत्र होंगे. 26 जुलाई को जब पेरिस में ओलंपिक मैदान में धूम मचेगी, तो अरुण साइकिल से ओलंपिक स्थलों की यात्रा करेंगे. वहां से केरल का यह युवक साइकिल से अपनी सबसे लंबी यात्रा शुरू करेगा. वह ओलंपिक में भाग लेने वाली भारतीय टीम का स्वागत करेगा.

अंबालामेडु के रहने वाले अरुण तथागत ने साइकिल से विश्व भ्रमण के लिए ओलंपिक को इसलिए चुना, क्योंकि दुनिया पेरिस में एकत्रित हो रही है. अरुण का लक्ष्य साइकिल से दुनिया भर की यात्रा करना और अलग-अलग संस्कृतियों और जीवन शैली वाले लोगों और गांवों तक सीधे पहुंचना है. उनका लक्ष्य 26 जुलाई को ओलंपिक स्थल से दो साल की यात्रा करके जुलाई 2026 में केरल वापस लौटना है.

ARUN TATHAGAT
अरुण तथागत (ETV Bharat)

अरुण अमेरिका से इंपोर्ट की गई एक शानदार साइकिल पर यात्रा करेंगे. अब तक उनके वीजा से संबंधित दस्तावेज तैयार हो चुके हैं और कलेक्ट्रेट में कर्मचारी होने के कारण आधिकारिक तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बिना ज्यादा तैयारी के की गई यात्रा का सबसे अच्छा मजा आता है. मलयाली होने के बावजूद अरुण ने अपने नाम के साथ तथागत नाम भी अपनाया है, जिसका पाली में अर्थ होता है प्रबुद्ध.

अरुण ने कहा कि उनकी इच्छा जाति और धर्म की बाधाओं से मुक्त नाम अपनाने की थी. इस तरह अंबालामेडु के मूल निवासी अरुण तथागत बन गए. इससे पहले अरुण की सबसे लंबी साइकिल यात्रा थाईलैंड की एक साल लंबी यात्रा थी. इस बार अरुण उत्साहित और खुश हैं कि पेरिस ओलंपिक स्थल से शुरू होने वाली यात्रा दो साल तक चलेगी.

अरुण सभी को यात्रा में निवेश करने और नए अनुभव हासिल करने की सलाह देते हैं. एक साइकिल चालक हर अनावश्यक चीज से बचने की कोशिश करता है. अरुण ने कहा कि हमें जीवन में सभी अनावश्यक बोझों से बचकर खुशी से जीना सीखना चाहिए.

बता दें कि, यात्रा का एक लक्ष्य लोगों तक पहुंचना और सीमाओं के पार व्यक्तिगत संबंध बनाना है. अब तक की सभी यात्राएं कर्ज लेकर प्रबंधित की गई हैं. इस बार अधिक खर्च की आवश्यकता है और अरुण प्रायोजकों की तलाश कर रहे हैं. पिछली यात्रा का लोन चुकाने के बाद इस यात्रा के लिए भी लोन लिया था.

अरुण अपनी यात्रा को केरल पर्यटन से भी जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उनका एक प्रस्ताव है कि वे अपनी पूरी यात्रा के दौरान सरकार पर कोई वित्तीय खर्च डाले बिना केरल पर्यटन को बढ़ावा देंगे. सरकारी कर्मचारी अरुण अपनी लंबी दूरी की साइकिल यात्राओं पर एक किताब भी लिखने की योजना बना रहे हैं. यह किताब तभी प्रकाशित होगी जब उन्हें केरल सरकार से मंजूरी मिल जाएगी, क्योंकि वे सरकारी कर्मचारी हैं.

राजस्व विभाग में क्लर्क के तौर पर 20 साल से सरकारी सेवा में रहे अरुण को अपनी वरिष्ठता के हिसाब से कम से कम ग्राम अधिकारी तो बन ही जाना चाहिए था. लेकिन अक्सर यात्रा के लिए छुट्टी पर रहने के कारण वे तमाम पदोन्नतियों से चूक रहे थे. साइकिल चलाने के बेहद शौकीन अरुण के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है.

वे 25 जुलाई को कोच्चि से निकलेंगे और 26 को पेरिस पहुंचेंगे और उसी दिन पुराने स्पाइसेज रूट से भारत के लिए साइकिल से यात्रा शुरू करेंगे. अरुण एक दिन में कम से कम 50 किलोमीटर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं. दो साल में 40 देशों की साइकिल यात्रा का लक्ष्य है.

अरुण की साइकिल यात्रा में पेरिस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्लोवाकिया, इस्तांबुल, ईरान, खाड़ी देश, चेक गणराज्य, पोलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, डेनमार्क, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, मोरक्को और ट्यूनीशिया शामिल हैं. परेकट के नारायण और थंगामणि के बेटे अरुण वर्तमान में एर्नाकुलम कलेक्ट्रेट में वरिष्ठ क्लर्क हैं. अरुण तथागत मनोविज्ञान में ग्रेजुएट भी हैं.

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अंबालामेडु के रहने वाले अरुण तथागत ने साइकिल से विश्व भ्रमण के लिए ओलंपिक को इसलिए चुना, क्योंकि दुनिया पेरिस में एकत्रित हो रही है. अरुण का लक्ष्य साइकिल से दुनिया भर की यात्रा करना और अलग-अलग संस्कृतियों और जीवन शैली वाले लोगों और गांवों तक सीधे पहुंचना है. उनका लक्ष्य 26 जुलाई को ओलंपिक स्थल से दो साल की यात्रा करके जुलाई 2026 में केरल वापस लौटना है.

ARUN TATHAGAT
अरुण तथागत (ETV Bharat)

अरुण अमेरिका से इंपोर्ट की गई एक शानदार साइकिल पर यात्रा करेंगे. अब तक उनके वीजा से संबंधित दस्तावेज तैयार हो चुके हैं और कलेक्ट्रेट में कर्मचारी होने के कारण आधिकारिक तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बिना ज्यादा तैयारी के की गई यात्रा का सबसे अच्छा मजा आता है. मलयाली होने के बावजूद अरुण ने अपने नाम के साथ तथागत नाम भी अपनाया है, जिसका पाली में अर्थ होता है प्रबुद्ध.

अरुण ने कहा कि उनकी इच्छा जाति और धर्म की बाधाओं से मुक्त नाम अपनाने की थी. इस तरह अंबालामेडु के मूल निवासी अरुण तथागत बन गए. इससे पहले अरुण की सबसे लंबी साइकिल यात्रा थाईलैंड की एक साल लंबी यात्रा थी. इस बार अरुण उत्साहित और खुश हैं कि पेरिस ओलंपिक स्थल से शुरू होने वाली यात्रा दो साल तक चलेगी.

अरुण सभी को यात्रा में निवेश करने और नए अनुभव हासिल करने की सलाह देते हैं. एक साइकिल चालक हर अनावश्यक चीज से बचने की कोशिश करता है. अरुण ने कहा कि हमें जीवन में सभी अनावश्यक बोझों से बचकर खुशी से जीना सीखना चाहिए.

बता दें कि, यात्रा का एक लक्ष्य लोगों तक पहुंचना और सीमाओं के पार व्यक्तिगत संबंध बनाना है. अब तक की सभी यात्राएं कर्ज लेकर प्रबंधित की गई हैं. इस बार अधिक खर्च की आवश्यकता है और अरुण प्रायोजकों की तलाश कर रहे हैं. पिछली यात्रा का लोन चुकाने के बाद इस यात्रा के लिए भी लोन लिया था.

अरुण अपनी यात्रा को केरल पर्यटन से भी जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उनका एक प्रस्ताव है कि वे अपनी पूरी यात्रा के दौरान सरकार पर कोई वित्तीय खर्च डाले बिना केरल पर्यटन को बढ़ावा देंगे. सरकारी कर्मचारी अरुण अपनी लंबी दूरी की साइकिल यात्राओं पर एक किताब भी लिखने की योजना बना रहे हैं. यह किताब तभी प्रकाशित होगी जब उन्हें केरल सरकार से मंजूरी मिल जाएगी, क्योंकि वे सरकारी कर्मचारी हैं.

राजस्व विभाग में क्लर्क के तौर पर 20 साल से सरकारी सेवा में रहे अरुण को अपनी वरिष्ठता के हिसाब से कम से कम ग्राम अधिकारी तो बन ही जाना चाहिए था. लेकिन अक्सर यात्रा के लिए छुट्टी पर रहने के कारण वे तमाम पदोन्नतियों से चूक रहे थे. साइकिल चलाने के बेहद शौकीन अरुण के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है.

वे 25 जुलाई को कोच्चि से निकलेंगे और 26 को पेरिस पहुंचेंगे और उसी दिन पुराने स्पाइसेज रूट से भारत के लिए साइकिल से यात्रा शुरू करेंगे. अरुण एक दिन में कम से कम 50 किलोमीटर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं. दो साल में 40 देशों की साइकिल यात्रा का लक्ष्य है.

अरुण की साइकिल यात्रा में पेरिस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्लोवाकिया, इस्तांबुल, ईरान, खाड़ी देश, चेक गणराज्य, पोलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, डेनमार्क, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, मोरक्को और ट्यूनीशिया शामिल हैं. परेकट के नारायण और थंगामणि के बेटे अरुण वर्तमान में एर्नाकुलम कलेक्ट्रेट में वरिष्ठ क्लर्क हैं. अरुण तथागत मनोविज्ञान में ग्रेजुएट भी हैं.

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