जामनगर (गुजरात) : पूर्व राजपरिवार शत्रुशाली सिंहजी जडेजा ने आज राजपरिवार के लिए एक अहम घोषणा की. जामनगर के मूल निवासी और जाम साहब के परिवार के सदस्य और दिग्गज पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय सिंहजी जडेजा को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया गया है. जाम साहब शत्रुशाली सिंहजी महाराज ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए विजयादशमी की पूर्व संध्या पर अजय सिंहजी जडेजा को उत्तराधिकारी घोषित किया है. खास बात यह है कि अजय जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और कप्तान भी रहे हैं.
पत्र के जरिए की घोषणा
शत्रुशाली सिंहजी जडेजा ने गुजराती भाषा में जारी किए गए पत्र में लिखा, 'दशहरा का त्योहार उस दिन को चिह्नित करता है जब पांडव वनवास से विजयी हुए थे. इस शुभ दिन पर, मैंने अपना भ्रम दूर कर लिया है क्योंकि अजय जडेजा ने मेरे उत्तराधिकारी के लिए उनका आवेदन स्वीकार कर लिया है. मुझे पूरा विश्वास है कि अजय जडेजा जामनगर के लोगों के लिए वरदान साबित होंगे और समर्पण भाव से उनकी सेवा करेंगे. मैं उनका बहुत आभारी हूं'.
उत्तराधिकारी का इतिहास ?
वर्तमान जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी निःसंतान हैं, इसलिए अजय जडेजा को उनका उत्तराधिकारी चुना गया है. जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी के पिता दिग्विजय सिंह थे, जो 33 साल तक जाम साहब रहे. उनके चाचा रणजीतसिंहजी ने उन्हें गोद लेकर अपना उत्तराधिकारी बनाया. भारतीय क्रिकेट की घरेलू और बहुचर्चित प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी जाम साहब रणजीत सिंह के नाम पर ही खेली जाती है. रणजीत सिंह जडेजा आजादी से पहले भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते थे.
🚨 JAMSAHEB AJAY JADEJA...!!! 🚨
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) October 12, 2024
- Ajay Jadeja has been announced as the next Jamsaheb of Nawanagar. 👌❤️ pic.twitter.com/8C9n696w9p
अजय जडेजा रणजीतसिंहजी और दिलीपसिंहजी के परिवार से हैं और शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर उन्हें उत्तराधिकारी घोषित किया गया. महान क्रिकेटर केएस रणजीतसिंहजी 1907 से 1933 तक नवानगर के शासक रहे. रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी का नाम रणजीत सिंह और केएस दिलीप सिंह के नाम पर रखा गया है. शत्रुशल्यसिंहजी भी प्रथम श्रेणी क्रिकेटर थे और नवानगर के महाराजा की उपाधि पाने वाले अंतिम व्यक्ति थे.
लंबे समय तक भारतीय टीम का हिस्सा रहे अजय जडेजा
53 वर्षीय जडेजा जामनगर के राजघराने से ताल्लुक रखते हैं. अजय जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं. वे 1992 से 2000 तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे और उप-कप्तान भी रहे. उन्होंने भारत के लिए 15 टेस्ट मैच और 196 वनडे मैच खेले हैं.
मैच फिक्सिंग में नाम आने के बाद उन पर क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उस प्रतिबंध को हटा दिया लेकिन जडेजा उसके बाद क्रिकेट नहीं खेल पाए. उन्होंने आईपीएल में कई टीमों के मेंटरिंग की है और हाल ही में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को कोचिंग दी है.
दशहरे के पावन अवसर पर इस दिग्गज क्रिकेटर के नाम की घोषणा जामनगर के राजघराने के नए वारिस के रूप में की गई है. ऐसे में पूरे जामनगर में खुशी का माहौल है.